राजस्थान

औषधीय पौधों के संरक्षण व संर्वधन में समर्पण व उनके प्रति निष्ठा जरूरी- चोधरी

शाहपुरा.K.K.Rathore/ @www.rubarunews.com>> भीलवाड़ा जिले के मोतीबोर का खेड़ा स्थित श्रीनवग्रह आश्रम में प्रदेश व्यापी वन महोत्सव के अंर्तगत आज समारोह पूर्वक 250 पौधे रोपित किये गये। आश्रम में निर्माणाधीन ऋषि निवास के बाहर व नवग्रह आयुष विज्ञान मंदिर के बाहर पौधे पंक्तिबद्व तरीके से रोपित कर उनकी सार संभाल करने का संकल्प भी आश्रम के स्वयंसेवकों ने लिया। इन दिनों आश्रम से जुड़े स्वंयसेवक व पदाधिकारी वृक्षमित्र योजना के अंर्तगत रोपें गये पौधों को अपना भाई मानकर जीवन पर्यन्त उसकी सुरक्षा की गारंटी भी ले रहे है।
इस दौरान आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए नवग्रह आश्रम के संस्थापक अध्यक्ष हंसराज चोधरी ने कहा कि प्राकृतिक वनों के बाहर जहां प्राकृतिक रूप से उग रहे औषधीय पौधे अत्यधिक जैविक दवाब झेल रहे हैं व साथ ही विलुप्त होन की कगार पर हैं। ऐसे प्रयासों से हमारे देश के औषधीय वृक्षों का संरक्षण होगा। उन्होंने कहा कि औषधीय पौधों के संरक्षण व संर्वधन के प्रयासों के कारण ही आश्रम परिसर में अब तक 421 प्रकार के औषधीय पौधों को लगाया जा चुका है। इसमें कई पौधें ऐसे है जिनको सरकारी स्तर पर विलुप्त पौधों की सूचि में डाल दिया गया है। औषधीय पौधों के संरक्षण व संर्वधन में हमारा समर्पण व उनके प्रति निष्ठा भी होना जरूरी है। आज समय आ गया है कि औषधीय पौधों के बारे में नवयुवकों को भी ज्ञान दिया जाए। पौधरोपण की संस्कृति को बच्चों, विद्यार्थियों एवं युवाओं के मन मस्तिष्क में उतारने पर जोर दिया, जिससे कि शहरी व ग्रामीण परिसरों में पौधरोपण की रिवाज/परंपरा आने वाली पीढी को हस्तांतरित हो सके।
चोधरी ने कहा कि जनसाधारण में पौधरोपण के प्रति जागरूकता लाने के लिए आश्रम की ओर से प्रति वर्ष वन महोत्सव मनाया जाता रहा है। प्रदेश की वन नीति का मुख्य आधार वनों के बेहतर प्रबंधन से पर्यावरण संरक्षण तथा स्थानीय ग्राम समुदाय को रोजगार उपलब्ध कराना है। वन प्रबंधन में ग्रामीणों की सहभागिता को अधिक व्यावहारिक और पारदर्शी बनाने के लिए संयुक्त वन प्रबंधन को अपनाया गया है। प्रदेश की पर्यावरणीय सुरक्षा एवं जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों को कम करने के लिए गैर वन भूमियों पर अधिकाधिक वृक्षारोपण करके हरित आवरण को बढ़ाने की आवश्यकता है। हरे आवरण में वृद्धि के लिये कृषकों की भूमियों पर पौधारोपण के लिए प्रदेश में योजनाएं चलाई जा रही है। इन योजनाओं की सफलता एवं प्रदेश को हरा-भरा बनाने में जनसाधारण की सक्रिय भागीदारी की आवश्यकता है। मिशन में योजनाएं संचालित कर किसानों को निजी भूमि पर वृक्षारोपण के लिए प्रोत्साहित करें, जिससे प्रदेश का वनाच्छादन भी बढ़ेगा।
हंसराज चोधरी ने प्रदेशवासियों से आव्हान किया कि वन महोत्सव को जन आंदोलन का स्वरूप देते हुए पौधारोपण के साथ ही पौधों की सुरक्षा भी करें। पौधरोपण के लिए निकट की वन रोपणी से संपर्क कर तकनीकी मार्गदर्शन तथा पौधे प्राप्त किए जा सकते हैं। इस अवसर पर हाईकोर्ट के जज, डा. प्रदीप चोधरी, डा. शिवशंकर राड़, डा. गोविंद, संस्थान सचिव जितेंद्र चोधरी, नवग्रह गौदर्शन गौशाला के प्रबंधक महिपाल चोधरी, रायला पुलिस थाने के एएसआई देवेंद्र सिंह व अन्य पुलिस कार्मिकों तथा नवग्रह आश्रम सेवा संस्थान के कर्मचारियों ने सक्रिय रूप से सहभागिता की तथा अपनी-अपनी पसंद के औषधीय पौधों का रोपण किया।