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मानसून आने से पहले तोल लें किसानों का सारा गेहूं

कोटा.KrishnakantRathore/ @www.ruba लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने एफसीआई, राजफेड और तिलम संघ के अधिकारियों को मानसून आने से पहले कोटा-बूंदी संसदीय क्षेत्र के किसानों का सारा गेहूं तोल लेने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि खरीद प्रक्रिया को ‘‘ओपन‘‘ कर दिया जाए ं ताकि किसान उसकी इच्छानुसार कभी अपना गेहूं तुलवा सके। वे शुक्रवार को तीनों एजेसियों के अधिकारियों के साथ कोटा-बूंदी संसदीय क्षेत्र में गेहूं खरीद की समीक्षा कर रहे थे।

 

बिरला ने अधिकारियों से कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों के पास गेहूं के भंडारण की सीमित व्यवस्था होती है। इस बार चक्रवाती तूफानों के प्रभाव के चलते मानसून जल्दी का आ सकता है। प्रदेश में ताऊते के प्रभाव के दौरान भी अनेक किसानों का गेहूं भीग गया। ऐसे में यदि अब भी गेहूं की खरीद में ढिलाई बरती गई तो बरसात आने पर किसान का माल भीग कर खराब होने की आशंका रहेगी।

उन्होंने अधिकारियों से कहा कि गेहूं खरीद के लिए अब टोकन की तिथि का इंतजार नहीं करें। जिन किसानों ने टोकन लिया है, वे निर्धारित तिथि से पहले भी यदि गेहंू लेकर आते हैं तो उनका माल तोल लिया जाए। जिन लोगों ने टोकन लिया था लेकिन निर्धारित तिथि पर नहीं आ सके, वे भी यदि गेहूं लेकर आएं तो उनका भी गेहूं तोला जाए। जो भी समय बचा है उसका अधिकतम उपयोग करते हुए सभी किसानों का माल तोलने की प्लानिंग करें। इसके लिए किसानों को सूचित भी किया जाए।
उन्होंने कहा कि जिन केंद्रों पर गेहूं लेकर आए किसानों की संख्या कम है या जहां टोकन समाप्त हो चुके हैं उन केंद्रों को बंद करने की जगह वहां उन केंद्रों के किसानों को भेजा जाए जहां अधिक टोकन बचे हैं। इससे हम किसानों के गेहूं को जल्दी तोल पाएंगे।

मौके पर ही हो रजिस्ट्रेशन और तुलाई
लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने एफसीआई के अधिकारियों को निर्देश दिए कि यद किसी किसान ने उनके पास आनलाइन रजिस्ट्रेशन करवा रखा है लेकिन टोकन नहीं लिया है, ऐसे किसान भी यदि गेहूं लेकर आते हैं तो दस्तावेज जांच की उनका गेहूं खरीदा जाए। उन्होंने राजफेड के अधिकारियों को भी निर्देश दिए कि उनकी रजिस्टेशन की प्रक्रिया आफलाइन है। ऐसे में कोई अपंजीकृत किसान भी गेहूं लेकर आता है तो मौके पर ही रजिस्ट्रेशन कर उसका गेहूं तोल लिया जाए। किसी भी किसान को गेहूं तोले बिना लौटाया नहीं जाए।

पिछले साल से अधिक गेहूं की खरीद
बैठक में अधिकारियों ने बताया कि इस वर्ष गेहूं खरीद की गति तेजी रही। गत वर्ष 27 मई तक कोटा-बूंदी संसदीय क्षेत्र में 2.10 मीट्रिक टन गेहूं की ही खरीद हुई थरी। जबकि इस वर्ष इसी तारीख तक 4.05 मीट्रिक टन गेहूं खरीदा चुका है। गत वर्ष कोटा-बूंदी संसदीय क्षेत्र में कुल 4.82 मीट्रिक टन की खरीद हुई थी। अधिकारियों ने संभावना जताई कि जल्द ही इस मात्रा को भी पार कर उससे अधिक गेहूं खरीद लिया जाएगा।

भुगतान में नहीं हो देरी
बैठक के दौरान लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने किसानों को खरीदे गए गेहूं के भुगतान की भी जानकारी मांगी। एफसीआई के अधिकारियों ने बताया कि वे 25 मई तक खरीदे गए गेहूं का भुगतान कर चुके हैं। राजफेड ने 22 मई जबकि तिलम संघ ने 15 मई तक खरीदे गए गेहूं का भुगतान किया है। इस पर बिरला ने राजफेड और तिलम संघ के अधिकारियों से भुगतान प्रक्रिया मे तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि एफसीआई की तरह गेहूं खरीद के दो दिन के भीतर किसानों को भुगतान हो जाना चाहिए।