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मानवता के कल्याण के लिए सबसे महान योगदान है मरणोपरांत नेत्रदान – इदरीश बोहरा

बूंदी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com-हिंदुस्तान स्काउट गाइड द्वारा संचालित सृजन हॉबी क्लासेज में विश्व नेत्रदान दिवस के मौके पर नेत्रदान जागरूकता संगोष्ठी का आयोजन उमंग संस्थान की अध्यक्ष डॉ. सविता लौरी की अध्यक्षता में किया गया। संगोष्ठी के मुख्य वक्ता शाइन इंडिया फाउंडेशन के ज्योति मित्र इदरीश बोहरा रहे।

मुख्य वक्ता इदरीश बोहरा ने बताया कि जीवन भर रक्तदान और मरणोपरांत नेत्रदान मानवता के कल्याण के लिए सबसे महान योगदान है। हमारे देश में 35 लाख से अधिक अंधे लोग हैं, जबकि मात्र 35,000 नेत्रदाता एक वर्ष में अपनी आँखें दान करने के लिए आगे आते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से आगे आने और नेत्रदान करने का संकल्प लेने की अपील की।

*नेत्रदान एक रक्तहीन प्रकिया*
नेत्र से से संबंधित रोचक जानकारी देते हुए ज्योति मित्र बोहरा ने बताया कि हमारी आंख में 576 मेगापिक्सल का कैमरा होता है , जो शरीर का सबसे जटिल अंग है। इन्होंने बताया कि 15-20 साल से कम उम्र के व्यक्ति की मृत्यु होने पर एक कॉर्निया से 5 अलग-अलग लोगों को रोशनी दी जा सकती है। नेत्रदान एक रक्तहीन प्रक्रिया है, जिसमें केवल कॉर्निया लिया जाता है, पूरी आंख नहीं। नेत्रदान से प्राप्त कॉर्निया को चार दिन तक सुरक्षित रखा जा सकता है। इस मौके पर बोहरा ने नेत्रदान की आवश्यकता, नेत्रदान की प्रकिया और प्रभाव की लाभदायक जानकारी प्रदान की। इस दौरान छात्र छात्राओं की चर्चा कर उनके प्रश्नों का समाधान भी किया गया।

*एक स्वस्थ समाज के निर्माण में सहयोगी बने छात्र*
अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए डॉ. सविता लौरी ने कहा कि नेत्रदान एक पुण्य कार्य है जो दृष्टिहीनों को रोशनी प्रदान करता है। इन्होंने कहा कि बच्चों को सामाजिक कार्यों की जानकारी होना आवश्यक है। उन्होंने छात्रों से नेत्रदान के बारे में जागरूकता फैलाने और एक स्वस्थ समाज के निर्माण के लिए काम कर सहयोगी बनने की अपील भी की। उन्होंने छात्रों से अपनी आँखों की सुरक्षा के लिए सुरक्षा उपाय करने को कहा और उन्हें किताबें पढ़ते समय और कंप्यूटर पर काम करते समय लगभग 14 इंच की दूरी बनाए रखने की सलाह दी।
इस मौके पर शिविर संचालिका निधि जैन ने शाब्दिक स्वागत करते हुए शिविर प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। संगोष्ठी का संचालन जिला आयुक्त (मुख्यालय) कृष्ण कांत राठौर ने किया तथा आभार जिला सचिव लोकेश कुमार जैन ने जताया। इस दौरान सह सचिव पुरूषोतम दाधीच, ट्रेनिंग काउंसलर आतिश कुमार वर्मा, बलविंदर कौर, अनीता धाबाई, रचना पंचोली, पूर्वी जैन, भगवत प्रसाद सहित प्रशिक्षणार्थी मौजूद रहे।