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शिक्षा मंत्री ने लोकतंत्र सेनानियों के किए चरणस्पर्श,बोले जितना आभार प्रकट किया जाए उतना कम

चुरू.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com- राजस्थान सरकार के शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने आज यहां चूरू जिला प्रशासन द्वारा देश में आपातकाल लगाए जाने के 50 वर्ष पूर्ण होने पर भारतीय लोकतंत्र का काला अध्याय संविधान हत्या दिवस 2025 के नाम से आयोजित कार्यक्रम में लोकतंत्र सेनानियों का सम्मान करते हुए उनके चरण स्पर्श किए।

श्री दिलावर ने कहा कि लोकतंत्र सेनानी परम पूजनीय व प्रातः स्मरणीय। इन्होंने संघर्ष न किया होता, यातनाएं ना झेली होती। तो आज भारत में लोकतंत्र जिंदा नहीं होता। हम संविधान की छत्रछाया में लोकतंत्र की खुली हवा का आनंद नहीं ले रहे होते। इसके लिए यह लोकतंत्र सेनानी ही धन्यवाद के पात्र हैं। इनका जितना सम्मान किया जाए, जितना आभार प्रकट किया जाए उतना कम है।
श्री दिलावर आज यहां चूरू टाउनहॉल में आयोजित कार्यक्रम को मुख्य वक्ता एवं मुख्य अतिथि के रूप संबोधित कर रहे थे।
मंत्री श्री दिलावर ने कहा कि 50 साल पहले आज ही के दिन देश में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगा कर संविधान की हत्या कर दी थी। बड़े बड़े लोगों को बिना कारण गिरफ्तार कर जेलों में डाल दिया गया। भीषण यातनाएं दी गई। अटल बिहारी वाजपेयी, लाल कृष्ण आडवाणी,राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के गोलवलकर जी सहित तमाम निरपराध लोगों को जेल में यातनाएं दी गई। अखबारों के प्रकाश पर रोक लगा दी गई। किसी कीमत पर अखबारों का प्रकाशन ना हो सके इसके लिए कागज जब्त कर लिए गए। अखबार प्रकाशकों पर ज्यादतियां की गई। देश की जनता के सारे मौलिक अधिकार समाप्त कर दिए गए। भारत माता की जय बोलने पर पुलिस डंडे मारती थी। हथकड़ी बांधकर अपराधियों की तरह पेशी पर ले जाया जाता था। अन्याय और अत्याचार की पराकाष्ठा हो गई थी। लोगों को जब तक वह मूर्छित ना हो जाते तब तक पीटा जाता था।
तरह-तरह से डराने धमकाने के बावजूद यह लोकतंत्र सेनानी डटे रहे ,अडिग रहे और देश में लोकतंत्र को बचाने के लिए संघर्ष करते रहे। इन लोकतंत्र सेनानियों की वजह से ही लोकतंत्र बचा। नहीं तो लोकतंत्र समाप्त हो गया होता और आज देश में लोकतंत्र और संविधान का नाम और निशान नहीं होता। इसलिए इनका जितना अभिनंदन और वंदन किया जाए उतना ही काम है।

शिक्षा मंत्री  मदन दिलावर ने संविधान हत्या दिवस मनाने के औचित्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आपातकाल को लगे 50 वर्ष बीत गए है। हमारी आने वाली पीढ़ी को ये पता रहना चाहिए कि जिस लोकतन्त्र की छत्रछाया में हम रह रहे है उसको बचाने के लिए लोकतंत्र सेनानियों ने कितने कष्ट झेले। कांग्रेस के लोगों ने देश वासियों पर कितने अत्याचार किए। देश की पीढ़ी को हर हाल में संविधान की रक्षा करने और लोकतंत्र को बचाने के लिए सजग और जागरूक करना होगा। ताकि कोई दुबारा आपातकाल लगाने और लोकतंत्र की हत्या करने का प्रयास ना कर सके।