सौतेला पिता और उसका दोस्त नाबालिग बेटी के साथ 6 साल से कर रहा था दुष्कर्म
बूंदी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com>> कोतवाली थाना पुलिस को मिली एक गुमशुदा बालिका की आपबीती सुन पुलिस अधिकारी भी भोचके रह गए। वैसे तो आज के युग में कई मामले ऐसे देखने को मिले है जो रिश्ते को तार-तार कर देते हैं। ऐसा ही मामला चितौड़ की रहने वाली एक नाबालिग लडकी के साथ उसकी मां के सामने ही सौतेले पिता और उसके दोस्त ने दुष्कर्म की घटनाओं को अंजाम दिया और मां-बेटी को चुप रहने की नसीहत देती रही। चित्तौड़गढ़ की रहने वाली बालिका को पुलिस की कालिका युनिट ने आजाद पार्क में एक लड़के के साथ पकड़ा तो एक के बाद एक लडकी के साथ हुई घटनाएं सामने आई है। पुलिस ने लड़की को बालकल्याण समिति के सामने पेश किया तो लडकी मनघडन्त कहानी बयां करने लगी।
बाल कल्याण समिति अध्यक्ष सीमा पोद्दार की सूझ-बूझ से नाबालिग के साथ हुई घटनाओं का पता लगा तो वहा मौजूद सभी अधीकारी, समिति सदस्य दंग रह गए। सीमा पोद्दार ने बालिका के माता-पिता से फोन पर संपर्क किया, लेकिन उनका रवैया उदासीन रहा। उन्होंने कहा कि बालिका अक्सर घर से चली जाती है। माता पिता की यह प्रतिक्रिया सुनकर समिति अध्यक्ष को दुःख हुआ।
सीमा पोद्दार ने काउंसलिंग के दौरान बालिका को अपने विश्वास में लेकर उसके बूंदी आने का कारण पुछा। एक बार तो बालिका गोलमोल जवाब देने लगी। जब उसका मोबाइल चेक किया तो उससे अनेक बातें सामने आई। बालिका ने बताया कि उसकी मां ने दूसरी शादी कर ली है और वह अपने चार अन्य भाई-बहनों के साथ सौतेले पिता के घर रह रही है। जब यह सात वर्ष की थी तब से सौतेला पिता इस पर बुरी नजर रखता था। बालिका ने आरोप लगाया कि जब वह नौ वर्ष की हुई तो एक दिन उसके सौतेले पिता ने उसके साथ दुष्कर्म किया। जब उसने अपनी मां को यह बात बताई, तो मां ने ध्यान नहीं दिया और पिता से भी कुछ नहीं कहा, बल्कि उसे ही चुप रहने को सलाह दे डाली। बालिका ने बताया कि सौतेला पिता पिछले 6 साल से जब उसकी मां घर नही होती या रात को सो जाती है तो दुष्कर्म करता है। पिता का एक दोस्त भी कई बार घर आकर दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दे चुका है। इसके अलावा, चार अन्य लड़कों ने भी उसके साथ अलग-अलग जगहों पर दुष्कर्म किया, जिनमें से दो बिहार, एक बाड़मेर का और तीन चित्तौड़गढ़ के रहने वाले हैं, जिनमें उसका सौतेला पिता और उसका दोस्त भी शामिल है। इनमें कुछ लड़के मुझे सोशल मीडिया के माध्यम से मिले थे।
बाल कल्याण समिति ने बालिका का हस्तलिखित बयान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक उमा शर्मा के समक्ष प्रस्तुत किया। मामले की गंभीरता को देखते हुए एएसपी ने महिला थाने को तत्काल एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया। पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (2) (च), 376(2) (छ), 376 (2) (द), 376(3), 376 डीए और पॉक्सो एक्ट 2012 एवं 2019 की धारा 3,4(2), 5 एल, 6, 3(2) (ट) के तहत मामला दर्ज कर बालिका का मेडिकल परीक्षण करवाया। फिलहाल बालिका डरी सहमी हुई है और अपने माता-पिता के साथ नहीं जाना चाहती है। उसे लम्बे समय तक मनोवैज्ञानिक परामर्श की आवश्यकता है। पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है।
बाल कल्याण समिति अध्यक्ष सीमा पोद्दार की सूझ-बूझ से नाबालिग के साथ हुई घटनाओं का पता लगा तो वहा मौजूद सभी अधीकारी, समिति सदस्य दंग रह गए। सीमा पोद्दार ने बालिका के माता-पिता से फोन पर संपर्क किया, लेकिन उनका रवैया उदासीन रहा। उन्होंने कहा कि बालिका अक्सर घर से चली जाती है। माता पिता की यह प्रतिक्रिया सुनकर समिति अध्यक्ष को दुःख हुआ।
सीमा पोद्दार ने काउंसलिंग के दौरान बालिका को अपने विश्वास में लेकर उसके बूंदी आने का कारण पुछा। एक बार तो बालिका गोलमोल जवाब देने लगी। जब उसका मोबाइल चेक किया तो उससे अनेक बातें सामने आई। बालिका ने बताया कि उसकी मां ने दूसरी शादी कर ली है और वह अपने चार अन्य भाई-बहनों के साथ सौतेले पिता के घर रह रही है। जब यह सात वर्ष की थी तब से सौतेला पिता इस पर बुरी नजर रखता था। बालिका ने आरोप लगाया कि जब वह नौ वर्ष की हुई तो एक दिन उसके सौतेले पिता ने उसके साथ दुष्कर्म किया। जब उसने अपनी मां को यह बात बताई, तो मां ने ध्यान नहीं दिया और पिता से भी कुछ नहीं कहा, बल्कि उसे ही चुप रहने को सलाह दे डाली। बालिका ने बताया कि सौतेला पिता पिछले 6 साल से जब उसकी मां घर नही होती या रात को सो जाती है तो दुष्कर्म करता है। पिता का एक दोस्त भी कई बार घर आकर दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दे चुका है। इसके अलावा, चार अन्य लड़कों ने भी उसके साथ अलग-अलग जगहों पर दुष्कर्म किया, जिनमें से दो बिहार, एक बाड़मेर का और तीन चित्तौड़गढ़ के रहने वाले हैं, जिनमें उसका सौतेला पिता और उसका दोस्त भी शामिल है। इनमें कुछ लड़के मुझे सोशल मीडिया के माध्यम से मिले थे।
बाल कल्याण समिति ने बालिका का हस्तलिखित बयान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक उमा शर्मा के समक्ष प्रस्तुत किया। मामले की गंभीरता को देखते हुए एएसपी ने महिला थाने को तत्काल एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया। पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (2) (च), 376(2) (छ), 376 (2) (द), 376(3), 376 डीए और पॉक्सो एक्ट 2012 एवं 2019 की धारा 3,4(2), 5 एल, 6, 3(2) (ट) के तहत मामला दर्ज कर बालिका का मेडिकल परीक्षण करवाया। फिलहाल बालिका डरी सहमी हुई है और अपने माता-पिता के साथ नहीं जाना चाहती है। उसे लम्बे समय तक मनोवैज्ञानिक परामर्श की आवश्यकता है। पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है।