राजस्थान

जन्म-मृत्यु के आँकड़े कल्याणकारी योजनाओ का मुख्य आधार-  विष्णु चरण मल्लिक

बून्दी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com>> जन्म-मृत्यु रजिस्ट्रेशन, मृत्यु के कारणों के चिकित्सकीय प्रमाणीकरण योजना एवं न्यादर्श पंजीयन के आंकड़ों के विश्लेषण के संबंध मे मंगलवार को जिला कलेक्ट्रेट सभागार में जनगणना कार्य निदेशालय के संयुक्त महारजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु) एवं निदेशक विष्णु चरण मल्लिक की अध्यक्षता में बैठक आयोजित हुई।

बैठक में संयुक्त महारजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु) एवं निदेशक बताया कि जन्म-मृत्यु रजिस्ट्रेशन के आँकड़े केवल जन्म व मृत्यु की घटनाओं की गणना करना ही नहीं है अपितु जन्म-मृत्यु के आँकड़े केंद्र सरकार व राज्य सरकार द्वारा बनाई जाने वाली कल्याणकारी योजनाओ का मुख्य आधार है।

उन्होंने कहा कि मृत्यु की प्रत्येक घटना का चिकित्सकीय प्रमाणीकरण नितांत आवश्यक है, जिससे सरकार को यह मालूम हो सके की किस विशेष क्षेत्र में कौनसी बीमारी से ज्यादा मौते होती है, ताकि उसी से संबंधित चिकित्सकों की नियुक्ति की जा सके और बीमारी पर नियंत्रण करने मे मदद मिल सके।

उन्होंने कहा कि राजस्थान पूरे देश में जन्म व मृत्यु पंजीयन में अग्रणी राज्य के रूप में अपनी पहचान बना पाया है। राज्य में जन्म व मृत्यु पंजीकरण प्रक्रिया बेहद आसान है, जिससे आमजन को अपने जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने में आसानी रहती है।  बूंदी जिला पूरे राजस्थान में सबसे बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले जिलों में शुमार है

उन्होंने निर्देश दिए कि जिले में मृत्यु व जन्म पंजीकरण में शत प्रतिशता सुनिश्चित करने के लिए बेहतर प्रयास किए जाएं। देश की सभी नीतियां जनगणना पर आधारित होती हैं इसलिए इस कार्य में किसी प्रकार की चूक नहीं हो। किसी भी हाल में फर्जी प्रमाण पत्र जारी ना हो, इसका विशेष ध्यान रखा जावे। प्रमाण पत्र जारी करने से पहले सभी दस्तावेजों की जांच की जावे।

उन्होंने निर्देश दिए कि जन्म-मृत्यु रजिस्ट्रेशन के लक्ष्य को शत-प्रतिशत प्राप्त करने एवं सभी मृत्यु के एमसीसीडी प्रमाण पत्र जारी करने के लिए विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है। इसके लिए सभी संबंधित विभागों को समन्वय के साथ सामूहिक प्रयास करने चाहिए।

बैठक में जिला कलक्टर डॉ. रविन्द्र गोस्वामी, अतिरिक्त जिला कलक्टर मुकेश कुमार चौधरी, मुख्य कार्यकारी अधिकारी करतार सिंह, अतिरिक्त जिला कलक्टर (सीलिंग) मालविका त्यागी, सहायक निदेशक आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग बैजनाथ भील सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।