बरसी पर संगोष्ठी : ” कॉमरेड शाकिर अली खान साहब के सपनों को बचाएं ” Seminar on death anniversary: ”Save the dreams of Comrade Shakir Ali Khan”
भोपाल.Desk/ @www.rubarunews.com>> भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के दिग्गज नेता कॉमरेड शाकिर अली खान साहब की 45 वीं बरसी के अवसर पर भाकपा के राज्य कार्यालय शाकिर सदन में ” कॉमरेड शाकिर अली खान का समय और हम ” विषयक संगोष्ठी आयोजित की गई।वरिष्ठ साहित्यकार कॉमरेड इकबाल मसूद के मुख्य आतिथ्य और कॉमरेड डी डी शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित संगोष्ठी में वरिष्ठ साहित्यकार और शिक्षाविद् प्रोफेसर नौमान खान ने मुख्य वक्तव्य दिया।कॉमरेड सत्यम पांडे ने विषय प्रवर्तन किया।कॉमरेड शैलेन्द्र शैली ने विस्तारित वक्तव्य दिया ।संगोष्ठी में कॉमरेड प्रह्लाद दास बैरागी ने भी विचार व्यक्त किए।कार्यक्रम का संचालन और आभार भाकपा के भोपाल जिला सचिव कॉमरेड ए एच सिद्दीकी ने व्यक्त किया।संगोष्ठी में प्रबुद्ध वक्ताओं ने कॉमरेड शाकिर अली खान साहब के प्रेरक अवदान को याद करते हुए शाकिर साहब के सपनों को बचाने और उन सपनों को साकार करने का आव्हान किया।
कॉमरेड सत्यम पांडे ने विषय प्रवर्तन करते हुए शाकिर साहब के समय के परिदृश्य का विस्तार से उल्लेख किया तथा समाजवाद ,धर्म निरपेक्षता और स्वाधीनता के मूल्यों की रक्षा के संघर्ष में शाकिर साहब के प्रेरक अवदान को याद किया।
बरसी पर संगोष्ठी : ” कॉमरेड शाकिर अली खान साहब के सपनों को बचाएं ” Seminar on death anniversary: ”Save the dreams of Comrade Shakir Ali Khan”
प्रोफेसर नौमान खान ने अपने मुख्य वक्तव्य में शाकिर साहब के जीवन और कृतित्व का उल्लेख किया। प्रो. नौमान खान ने कहा कि ” हम शाकिर साहब के कुर्बानी के रास्ते पर सच्ची लगन और ईमानदारी से चलें ।यह ही शाकिर साहब को सच्ची श्रद्धांजलि है। हमें अपनी आने वाली पीढ़ी को शाकिर साहब के बारे में विस्तार से जानकारी देना चाहिए।शाकिर साहब जैसा बनना आसान काम नहीं है,लेकिन हमें हमारे समय का शाकिर अली खान बनाना ही होगा ।”
कॉमरेड शैलेन्द्र शैली ने अपने विस्तारित वक्तव्य में कम्युनिस्ट आंदोलन में कॉमरेड शाकिर अली खान के प्रेरक अवदान और जीवन संघर्ष का उल्लेख किया तथा शाकिर साहब की प्रतिबद्धता और वामपंथी राजनीति की सही समझ के महत्व को रेखांकित किया।कॉमरेड शैलेन्द्र शैली ने कहा कि ” शाकिर साहब जिस तरह समाजवाद ,धर्म निरपेक्षता और मेहनतकश जनता के हितों की रक्षा के लिए कम्युनिस्ट आंदोलन में एक योद्धा की तरह मशाल लेकर चले वह हमारे लिए प्रेरक और अविस्मरणीय है।हमारे आज के समय में फासीवाद के गहराते शिंकजे और प्रतिगामी , सांप्रदायिक ताकतों का प्रतिरोध करने के लिए शाकिर साहब के जीवन से प्रेरणा मिलती है।अब यह साबित हो चुका है कि दक्षिण पंथी ,फासीवादी , प्रतिगामी ताकतों का प्रतिरोध और मुकाबला सिर्फ़ वामपंथी विचारधारा से ही हो सकता है ।कम्युनिस्ट आंदोलन में जन शिक्षण के अभियान के तहत ही हम इस वर्ष शाकिर अली खान साहब के जीवन और कृतित्व पर केंद्रित एक पुस्तक प्रकाशित करेंगे ।भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी फिर एक यह मांग करती है कि मौलाना बरकतुल्ला भोपाली और शाकिर अली खान साहब के जीवन और कृतित्व को शैक्षणिक पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए ।”
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कॉमरेड इकबाल मसूद ने कहा कि” हम क्रांतिकारी विचारों से ही शाकिर साहब के बेहतर दुनिया को बनाने के सपनों को साकार कर सकते हैं।शाकिर साहब आज होते तो यह फासीवादी सरकार उन्हें भी ” देश द्रोही ” घोषित कर देती ।शाकिर साहब बेहद समझदार और दूरदर्शी राजनेता थे ।उन्होंने भोपाल में यूनियन कार्बाइड का कारखाना स्थापित करने का कड़ा विरोध किया था।लेकिन उस समय की सरकार में शामिल लोगों की बहुराष्ट्रीय कंपनियों और अमरीकी साम्राज्यवादी ताकतों से मिलीभगत होने के कारण जनता के जीवन से खिलवाड़ किया गया।शाकिर साहब जिस तरह जीवन भर एक कम्युनिस्ट नेता के रूप में समाजवाद और धर्म निरपेक्ष मूल्यों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध रहे वह अविस्मरणीय और प्रेरक है। ”
कार्यक्रम के अध्यक्ष कॉमरेड डी डी शर्मा ने शाकिर साहब के महत्व का उल्लेख विभिन्न संस्मरणों के माध्यम से किया ।
इस अवसर पर भाकपा के कॉमरेड नवाब उद्दीन,मुन्ने खां, एम एल सातपुते, डी आर बंछोर ,शिव शंकर मौर्य,रुद्र पाल सिंह, एन डी शर्मा ,शंकर राव ,शेर सिंह,कुलदीप ,शाहनवाज खान ,शौकत आलम सहित बड़ी संख्या में गण मान्य नागरिक सम्मिलित हुए।