राजस्थान

कुरीतियों को त्यागकर विकलांग बेटी अनिता के सिर बंधी फाग Phag tied on the head of handicapped daughter Anita

बूंदी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com- बूंदी जिले के बड़ानयागांव में कुरीतियों को त्याग कर बेटी के सिर पर पगड़ी बांधी गई। पिछले दिनों सड़क दुर्घटना में 60 वर्षीय प्रहलाद बैरागी का निधन होने के बाद परिवार में बची एकलौती बेटी अनिता के सिर पर पगड़ी बांध कर पिता की फाग का दस्तुर किया गया। बुधवार को बारहवें के अवसर पर समाज के लोगों ने बैठकर फैंसला लेते हुए कुरीतियां को त्यागकर बेटी के सिर पर फाग बंधवाने का निर्णय लेकर अनिता को फाग बंधाई गई। समाज के लोगों ने बताया की यह अच्छी पहल है इससे बेटा व बेटी में फर्क नहीं समझा जाना चाहिए। इस दौरान समाज के रामनिवास बैरागी, गोबरीलाल बैरागी, समाज के मिडिया प्रभारी मनीष बैरागी सहित समाजबंधु मौजूद रहे। गौरतलब हैं कि 3 मार्च को मांगली गांव से नल फिंटींग का कार्य करके वापिस लौटते समय बडानयागांव मेज नदी की पुलिया पर बाईक व स्कुटी की भिड़ंत से सिर पर गंभीर चोट आने के कारण मौत हो गई थी।

कुरीतियों को त्यागकर विकलांग बेटी अनिता के सिर बंधी फाग Phag tied on the head of handicapped daughter Anita

अनिता ने शुरू से देखा दुःख, सरकारी सहायता की उम्मीद
32 वर्षीय अनिता के परिवार में माता-पिता व एक विकलांग भाई सहित चार सदस्य थे। अनिता बड़ी पुत्री थी, जिसकी शादी देई के राजेष््रा के साथ हुई थी। लेकिन शदी के आठ साल बाद पति राजेश की हेडम्पप ठीक करते समय करंट की चपेट में आने से मौत हो गई थी। पति की मौत के बाद से अनिता अपनी अनिता के तीन पुत्रियां के साथ लगभग दस वर्षों से अपने मृतक पिता प्रहलाद के पास ही निवास कर रही है। लेकिन पांच वर्ष पुर्व अनिता का कोटा जाते वक्त रामगंज बालाजी के निकट स्कुटी फिसलने से सिर में गंभीर चोट आ गई थी, जिसके बाद अनिता लगभग सालभर में जाकर ठीक हो पाई थी। लेकिन उस हादसे के बाद इसके हाथ-पैर पूरी तरह से काम नहीं कर पाते हैं। उसके कुछ दिनों बाद ही उसकी मां व भाई की भी मौत हो गई थी। जिसके बाद अनिता और उसकी पुत्रियों की देखभाल उसके मृतक पिता प्रहलाद बैरागी ही कर रहे थे। लेकिन अचानक हुए इस हादसे में पिता की मौत से अनिता का सहारा छीन जाने से अब अनिता को कोई कमाकर देने वाला नहीं रहा। समाज के लोगों ने बताया की अनिता को सरकार की तरफ से मदद मिलनी चाहिए, ताकी वह अपनी दो पुत्रियों सहित स्वयं का संम्भाल सकें।
इनका कहना है
आज के दौर में बेटियां ही बेटे के बराबर का फर्ज अदा कर रही है समाज में बेटियों को आगे लाने का प्रयास हर समाजबंधुओं को रखना चाहिए ताकि हर जगह बेटियों को अपना पुरा अधिकार मिलें बूंदी जिले के बड़ा नयागांव में बेटी को फाग बंधाकर समाज ने अच्छी पहल की है
मनीष वैष्णव, सरपंच, ग्राम पंचायत बिसलाई जिला कोटा