बड़े परमार्थी होते हैं संत, परमार्थ के कार्य के लिए जीवन जीते हैं संत – मीना दादी
बून्दी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.con- वर्सी महोत्सव की श्रृंखला में कार्यक्रम की शुरुआत प्रातः झंडा रोहण से की गई तत्पश्चात श्री आनंदपुर दरबार के संतों के सानिध्य में आध्यात्मिक सत्संग का आयोजन किया गया। जिसमें मीना दादी ने प्रवचनों की अमृत वर्षा करते हुए कहा संत बड़े परमार्थी होते हैं परमार्थ के कार्य के लिए जीवन जीते हैं जिस प्रकार सागर अपना पानी नहीं पीता सूर्य की तपिश से अपने पानी को बादलों को सौंप देता है और वही पानी अमृत बनकर धरा को हरा-भरा कर देता है। पेड़ अपने फल दूसरों के लिए उपलब्ध कराता है इसी प्रकार संत भी परहित के लिए सदैव तत्पर रहते हैं संतों का सत्कार होना चाहिए। संतो के दर्शन से जन्म जन्म के पाप कट जाते हैं। सत्संग मेंआयोजन से जुड़े मंगू मल टेकवानीअमर कालरा, संजय लेखवानी महेश माधवानी, नानक खत्री, ताराचंद राजानी समेत समाज के गणमान्य मौजूद थे।
महेश चांदवानी ने बताया सांय 4:00 बजे अतिथियों की मौजूदगी में भगवान झूलेलाल जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलित किया गया।
गणपति वंदना के पश्चात कार्यक्रम मे 7 से 15 वर्ष तक की बालिकाओं की प्रतियोगिताएं आयोजित हुई जिसमें निर्णायक की भूमिका में मीना सोनी व मोनिका मेहरा ने मेंहदी प्रतियोगिता में भाग लेने वालों का अंकन किया। भगवान झूलेलाल और संत कवंरराम साहिब के जीवन पर आधारित प्रश्नोत्तरी का आयोजन किया गया। जिसमें हेमा प्रथवानी व रोमा जैसवानी ने बागडोर संभाली। लघु नाटिकाओं के द्वारा सास बहू के बीच होने वाले मतभेद के कारण होने वाले दुष्परिणाम का चित्रण किया गया। सिंधी समाज की परंपरा से जुड़ी हुई संजीव झांकी प्रस्तुत की गई।
कार्यक्रम में महिला मंडल की अध्यक्ष कोमल लालवानी उपाध्यक्ष कीर्ति जयसिंघानी, पूजा ज्ञानचंदानी, निकिता ज्ञानचंदानी, प्रीति खत्री, वर्षा पमनानी, तुलसी नारवानी जेठानंद होतवानी, बलराम वरयानी, चंद्रमोहन पमनानी समेत महिला व पुरुष मौजूद थे।
रविवार को होने वाले कार्यक्रमों में महाआरती होगी जिसमें महिलाएं अपने घर से थाली सजाकर लाऐगी। तत्पश्चात भजन कीर्तन का कार्यक्रम रखा गया है। 12:00 बजे आम भंडारा सिंधी कॉलोनी स्थित झूलेलाल मंदिर पर रखा गया है। जहां समाज के गरीब व पिछड़े वर्ग के लोगों को राशन व जरूरत की सामग्री दी जाएगी।