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मिथिला का कण–कण खिला, जमाई राजा राम मिला

कोटा.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com-दशहरा मैदान स्थित श्रीराम रंगमंच पर चल रहे श्रीराम कथा महोत्सव के षष्ठम दिवस में श्रीराम–सीता विवाह का शुभ प्रसंग प्रारंभ होते ही पांडाल भक्ति, प्रेम और उल्लास से भर गया। पूज्य संत श्री मुरलीधर जी महाराज की अमृतवाणी में मिथिला नगरी, जनक–राम संवाद, स्वयंवर यज्ञ, और विवाह उत्सव का ऐसा दिव्य चित्र खिंचा कि जनमानस भावविभोर हो उठा। महाराज श्री ने कहा, “माँ सीता जब गौरी पूजा के लिए जाती हैं, तो यह प्रसंग केवल पूजन का नहीं, भक्ति और आत्मसमर्पण का प्रतीक बन जाता है। पूजा कीन्ह अधिक अनुरागा… महाराज श्री ने स्पष्ट किया, पूजा राग से नहीं, समर्पण से होनी चाहिए। जो राम का भजन करता है, उसके जीवन में संकट नहीं आते क्योंकि प्रभु पहले आ जाते हैं, संकट बाद में।

“देखि सीय शोभा सुखु पावा। हृदयँ सराहत बचनु न आवा॥ जब राम और सीता पहली बार आमने-सामने आते हैं, तो दोनों एक-दूसरे को निहारते रह जाते हैं। महाराज श्री ने कहा, “यह क्षण केवल दृष्टि का नहीं, दो आत्माओं के मिलन का है। ब्रह्मा ने अपनी समस्त निपुणता इस दृश्य में भर दी है। धनुष भंग प्रसंग प्रारम्भ होता है। मिथिला में आयोजित स्वयंवर में 10,000 से अधिक राजाओं ने भाग लिया। रावण, बाणासुर जैसे महारथी तक धनुष हिला न सके। गुरु विश्वामित्र के संकेत पर श्रीराम गुरु को प्रणाम कर खड़े होते हैं, गुरु स्मरण करते हुए धनुष उठाते हैं और दो टुकड़े कर देते हैं।

सिय-राम-बिबाह-मंगल-चारा, सुनि सुनि हरषहिं सकल संसारा। जैसे ही धनुष टूटा, जनकपुर में जय श्रीराम के जयघोष गूंज उठे। चारों दिशाओं में उल्लास फैल गया। श्रीराम-जानकी विवाह के उपरांत सभी भाईयों का विवाह भी सम्पन्न हुआ। जनकपुर ने जमाई राजा को लाड़–प्यार और सेवा में भक्ति के रंग में रंग दिया। महाराज श्री बोले “जनकपुर लाड़ लड़ा रहा है जमाई राजा के साथ। यह विवाह केवल दो आत्माओं का नहीं, भक्ति और भगवान के मिलन का पर्व है।

कथा विराम के उपरान्त लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, श्रीराम कथा सेवा समिति की संरक्षक डॉ. अमिता बिरला, कथा संयोजक अशोक जाजोदिया सहित परिवार ने आरती कर महाराज श्री का आशीर्वाद प्राप्त किया। इस दौरान एलन के डायरेक्टर गोविंद माहेश्वरी, शिक्षाविद महावीर विजय, सत्यप्रकाश बालिता, महीप सिंह सोलंकी, हमेराज सिंह हाड़ा, अशोक मीणा, अनिल शर्मा, दिनेश शर्मा, एडीएम सीलिंग कृष्णा शुक्ला, उत्तर निगम आयुक्त अशोक त्यागी,सेटलमेन्ट अधिकारी दिप्ती रामचंद्र मीणा, कृषि विश्वविद्यालय रजिस्ट्रार मनीषा तिवारी आदि ने व्यासपीठ का आशीर्वाद लिया।