अपने बच्चों की तरह हॉस्टल में रहने वाले बच्चों की परवरिश करें-कलेक्टर Raise the children living in the hostel like your children – Collector
श्योपुर.Desk/ @www.rubarunews.com-
कलेक्टर संजय कुमार ने आदिम जाति कल्याण विभाग, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा मिशन तथा सर्व शिक्षा अभियान अंतर्गत संचालित छात्रावासों एवं आश्रमों के अधीक्षको की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि हॉस्टल में रहने वाले बच्चों की परवरिश अपने बच्चों की तरह करें। आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चें अपने गांव से दूर रहकर हॉस्टल में पढने के लिए रहते है। उनके परिजन आप पर विश्वास करके ही अपने बच्चों को आपके पास छोडते है, इसलिए कभी इस विश्वास को टूटने न दें। बच्चों की न केवल बेहतर देखभाल करे, बल्कि अपनी संस्थाओं में अकादमिक वातावरण तैयार कर बच्चों की दिनचर्या को व्यवस्थित बनायें।
कलेक्टेªट सभाकक्ष में आयोजित बैठक में सहायक आयुक्त आदिम जाति कल्याण एमपी पिपरैया, जिला शिक्षा अधिकारी रविन्द्र सिंह तोमर, डीपीसी डॉ पीएस गोयल तथा छात्रावासों के वार्डन एवं अधीक्षक उपस्थित थे।
कलेक्टर संजय कुमार ने कहा कि छात्रावासों का संचालन एक संवेदनशील विषय है, श्योपुर जिले में लगभग 05 हजार बच्चें छात्रावासों में रहकर अध्ययन कर रहे है, इन बच्चों को शासन की मंशा के अनुरूप सभी सुविधाएं नियमित रूप से उपलब्ध कराई जायें। उन्होंने कहा कि बच्चों के समक्ष अधीक्षक आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करें, जिससे भविष्य में वे आपके प्रति श्रेष्ठ अवधारणा बनाये रखे। उन्होंने कहा कि परिसर को साफ-सुथरा रखें और भोजन, पानी, प्रकाश की व्यवस्थाएं पर्याप्त एवं व्यवस्थित सुनिश्चित की जायें। बच्चों को मीन्यू के अतिरिक्त शाम के समय स्कूल से लौटने पर हल्का नाश्ता अनिवार्य रूप से प्रदान करें। मच्छरदानी, गणवेश, ब्लेजर आदि सामग्री गुणवत्तायुक्त प्रदान की जायें। कंटरजेन्सी की राशि में से बच्चों को टेबल-कुर्सी की व्यवस्था भी की जा सकती है। उन्होंने निर्देश दिये कि सभी छात्रावासों एवं आश्रमों में नियमित रूप से स्वास्थ्य शिविर लगाये जायें।
उन्होंने कहा कि अधीक्षक अपनी ओर से ऐसे नवाचार करें, जिससे छात्रावास के बच्चों को ओर अधिक सुविधाए मिल सकें, गणमान्य नागरिकों, अधिकारियों, निर्वाचित प्रतिनिधियों को अपनी संस्था में आमंत्रित करें तथा उनसे सहयोग प्राप्त करें। इस अवसर पर उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी श्री तोमर को हॉस्टल प्रबंधन के लिए मानक संचालन की प्रक्रिया अर्थात एसओपी तैयार की जायें। उन्होंने कहा कि निरीक्षण के दौरान शासन की मंशा के अनुरूप छात्रावासों का संचालन नही पाया गया तो कडी कार्यवाही की जायेगी।
इस अवसर पर सहायक आयुक्त आदिम जाति श्री पिपरैया ने बताया कि उनके विभाग अंतर्गत अनुसूचित जाति के 22 तथा अनुसूचित जनजाति के 52 छात्रावास एवं आश्रम संचालित है, जिनमें 02 हजार 695 सीटे है, जिनमें से 2 हजार 524 भरी हुई है, इसके अलावा आवासीय विद्यालय ढेगदा, कन्या परिसर, ढेगदा एवं एकलव्य स्कूल कराहल में संचालित है।
अपने बच्चों की तरह हॉस्टल में रहने वाले बच्चों की परवरिश करें-कलेक्टर Raise the children living in the hostel like your children – Collector
डीपीसी डॉ गोयल ने बताया कि सर्व शिक्षा अभियान अंतर्गत बालिकाओं के लिए सात छात्रावास का संचालन किया जा रहा है, इनमें 1025 सीटे है तथा सभी भरी हुई है। जिला शिक्षा अधिकारी श्री तोमर ने बताया कि राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा मिशन अंतर्गत 5 छात्रावास संचालित है।
राशन दुकान विक्रेता पर कार्यवाही के निर्देश
टर्राकलां के बालक एवं बालिका छात्रावास के अधीक्षकों द्वारा अवगत कराया गया कि बच्चों को मिलने वाला खाद्यान नियमित रूप से नही मिल रहा है तथा आवंटन अनुसार खाद्यान प्रदाय नही किया जाता है। इस पर कलेक्टर श्री संजय कुमार द्वारा प्रभारी जिला आपूर्ति अधिकारी एवं डिप्टी कलेक्टर वायएस तोमर को निर्देश दिये कि उक्त राशन विक्रेता को प्रदाय आवंटन एवं वितरण की जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जायें। इसके साथ ही संबंधित राशन विक्रेता को फोन पर निर्देशित किया गया कि गत एक वर्ष का आवंटन और वितरण का लेखा-जोखा प्रस्तुत करें, साथ ही शेष खाद्यान का आवंटन तत्काल किया जायें। इसके साथ ही सभी अधीक्षको को राशन दुकानों से मिलने वाले खाद्यान आवंटन एवं वितरण की जानकारी लिये जाने के निर्देश सहायक आयुक्त श्री पिपरैया को दिये गये।