जल जीवन मिशन का कार्य तीन- तीन महीने का लक्ष्य लेकर पूरा करेंगे – जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री
जयपुर.KrishnakantRathore/@www.rubarunews.com- जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री डॉ. महेश जोशी ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि जल जीवन मिशन के कार्यों के लिए एक नई योजना के तहत तीन -तीन महीने का लक्ष्य लेकर कार्य किया जा रहा है।
डॉ. जोशी ने प्रश्नकाल के दौरान इस संबंध में सदस्य द्वारा पूछे गये पूरक प्रश्न के जवाब में बताया कि यह बात सही है कि शुरुआत में इस मिशन की गति कई कारणों से धीमी रही है। पिछले लगभग 10 महीने से इस योजना की प्रगति को तेज करने की काफी कोशिश की है और हम उम्मीद करते हैं कि यदि परिस्थितियां ठीक रहीं तो वर्ष 2024 के लक्ष्य को हासिल करने का पूरा प्रयास करेंगे।
इस दौरान हस्तक्षेप कर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सी. पी. जोशी ने हर घर में लगे नल तक पानी पहुंचाने के संबंध में वाटरशेड, सिंचाई तथा पीएचईडी विभाग कार्ययोजना बनाने का सुझाव दिया जिस पर जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री ने कहा कि इन सुझावों को ध्यान में रखते हुए जल्द ही बैठक कर इस संबंध में योजना बनायेंगे।
उन्होंने सदन को आश्वस्त करते हुए कहा कि हमारी पूरी कोशिश है कि ऎसा न हो कि नल लगे रह जाएं और उनमें पानी न पहुंचे। यह सदन के सभी सदस्यों की चिंता है। इसलिए प्रयास किए जा रहे हैं कि जहां नल लगें हैं वहां पानी आवश्यक रुप से उपलब्ध हो सकें। जल संरक्षण के भी पूरे प्रयास किए जा रहें हैं। जल की उपलब्धता और दिए जा रहे कनेक्शनों के मध्य सामंजस्य बनाने के लिए इससे संबंधित अन्य विभाग के साथ भी चर्चा की जा रही है। मुख्यमंत्री ने भी विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान जल संसाधन मंत्री एवं सचिव के साथ इस बारे में गंभीरता से चर्चा की है। इस मिशन में अब तक करीब 5 हजार 81 करोड़ रुपये खर्च किए गये हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य की जनता को घर-घर नल कनेक्शन देकर साफ पेयजल उपलब्ध कराये जाने के प्रयास किए जा रहे हैं। साथ ही, ऎसे क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जा रही है जहां फ्लोराइड की मात्रा अधिक है और पीने योग्य पानी की कमी है। नवाचारों के माध्यम से फ्लोराइड की मात्रा को कम करने के प्रयास भी किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस मिशन पर तेज गति से कार्य किया जा रहा है। वर्ष 2021 तक काफी स्वीकृतियां जारी की हैं। साथ ही, इस मिशन की प्रगति में और अधिक तेजी लाने के प्रयास किए जाएंगे।
इससे पहले जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री ने विधायक श्री पानाचंद मेघवाल के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में बताया कि जल जीवन मिशन कार्यक्रम के अंतर्गत केन्द्र सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2019-20 से 2021-22 (दिनांक 31 जनवरी 2022 तक) की अवधि में 4027.30 करोड़ रुपये की हिस्सा राशि राज्य सरकार को अब तक जारी की गई है । उन्होंने बताया कि मिशन के अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा इस अवधि में 3225.34 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया गया । उन्होंने वर्षवार राशि का विवरण सदन के पटल पर रखा।
उन्होंने कोटा संभाग के कोटा, बून्दी, बारां एवं झालावाड़ जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में जल जीवन मिशन के तहत क्रियाशील घरेलू जल संबंधों द्वारा पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने हेतु वृहद् पेयजल परियोजनाओं एवं इन परियोजनाओं के अतिरिक्त अन्य जल योजनाओं में घर-घर जल सम्बन्ध जारी करने हेतु निर्धारित लक्ष्य एवं 6 फरवरी 2022 तक जारी किये गये जल संबंधों का जिलेवार विवरण सदन के पटल पर रखा।
उन्होंने बताया कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत कोटा संभाग के उक्त वर्णित जिलों हेतु 30 वृहद् पेयजल परियोजनाओं की स्वीकृति के विरूद्ध 17 परियोजनाओं तथा 359 अन्य जल योजनाओं की स्वीकृति के विरूद्ध 332 जल योजनाओं का क्रियान्वयन प्रारम्भ करने हेतु कार्यादेश अब तक जारी किये जाकर, वृहद् पेयजल योजनाओं अंतर्गत 924.33 लाख रुपये एवं अन्य जल योजनाओं अंतर्गत 4216.53 लाख रुपये, इस प्रकार कुल 5140.86 लाख रुपये का व्यय माह जनवरी, 2022 तक किया गया है। इस प्रकार वृहद् पेयजल परियोजनाओं अंतर्गत 0.12 प्रतिशत तथा अन्य जल योजनाओं अंतर्गत 8.35 प्रतिशत वित्तीय प्रगति रही है। उन्होंने बताया कि संभाग की उक्तानुसार शेष रही परियोजना/अन्य योजनाओं की तकनीकी स्वीकृति/निविदा संबंधी कार्यवाही शीघ्र पूर्ण कर इनका क्रियान्वयन प्रारम्भ करने का कार्य हाथ में लिया जायेगा।
—-