डमी एडमिशन नहीं करने को लेकर संकल्पित निजी विधालय, सरकारी पर भी हो सख्ती
बूंदी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com- निदेशक माध्यमिक शिक्षा बीकानेर द्वारा विद्यालयों मे डमी एडमिशन को लेकर जारी किये गये निर्देशों का प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने स्वागत किया इसको लेकर एसोएिसशन डमी एडमिशन को लेकर पत्रकारों से रूबरू हुई।
बूंदी जिलाध्यक्ष हरीश तिवारी ने कहा कि माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा डमी एडमिशनो को लेकर जारी किये गये स्वागत योग्य है पर डमी एडमिशन को लेकर दिये गये निर्देशों मे विरोधाभास है हम इसको लेकर नाराजगी प्रकट करते है। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने उक्त आदेश में सिर्फ निजी विद्यालयों को टारगेट कर दिया जबकि डमी एडमिशन सरकारी विद्यालय भी करते है उनके लिए न तो कोई निर्देश जारी किये गये और न ही इसको लेकर स्थिती स्पष्ठ की गई। प्रतिनिधियों ने कहा कि सरकार सिर्फ निजी विधालय पर कार्यवाही करती है डमी एडमिशन करने मे सबसे बडा हाथ सरकारी विद्यालयों का है। एसोसिएशन सदस्यों ने कहा कि डमी एडमिशन को लेकर जारी किये गये निर्देशों की निजी विधालय पूरी तरह से पालना करने पर विभाग को निष्पक्षता रखनी होगा और जो भी निजी या सरकारी विद्यालय डमी एडमिशन करे उस पर विभाग कार्यवाही करे।
छ माह से नहीं हुई माध्यमिक शिक्षा निदेशक के आदेश की पालना
प्रदेश उपाध्यक्ष हरिओम शर्मा व गुरूमित सिंह ने कहा कि गत 13 जनवरी 2025 को माध्यमिक शिक्षा निदेशक आशीष मोदी ने समस्त जिला शिक्षा अधिकारियों को डमी एडमिशन पर रोक लगाने व केन्द्र सरकार के निर्देशों की पालना करने के निर्देश दिये। जिसके पांच दिन बाद जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक ने निजी गैर सरकारी विद्यालय से माध्यमिक शिक्षा निदेशक के पत्र की पालना करवाने के लिए समस्त ब्लॉक शिक्षा अधिकारी निर्देश देकर इतिश्री करली। परंतु जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक द्वारा छ माह में भी शिक्षा निदेशक के द्वारा दिये गये निर्देशों की पालना नहीं हुई और न ही डमी एडमिशन को ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों ने तथ्यात्मक रिपोर्ट विभाग को भेजी। बस सब मिलकर निजी विधालय को दोषी ठहराने में जुटे हुए है।
सरकारी विद्यालयों की तर्ज पर मिले सुविधाएं
एसोसिएशन सदस्य जावेद अहमद, दिनेश गोस्वामी ने कहा कि राज्य सरकार जो सुविधाएं सरकारी विद्यालयों को प्रदान करती है उन सुविधाओ के हकदार निजी विद्यालय भी है क्योकि बेहतर शिक्षा के बाद आशानुरूप परीक्षा परिणाम देकर बच्चे के भविष्य को निखारने का काम निजी विद्यालयों भी बेहतर ढंग से करते है। उन्होंने कहा कि सरकार को निजी विद्यालय के साथ दोहरी नीति अपना रही है। निजी विद्यालयों में भी छात्रवृत्ति, स्कूटी योजना, लैपटॉप वितरण जैसी योजनाएं शुरू होनी चाहिए। वह सरकारी विद्यालयों में प्रतिभावान छात्र छात्राओं को दिये जाने वाले पुरस्कार निजी विद्यालयों के प्रतिभावान छात्र छात्राओं को भी दिये जाये। वही आरटीई की राशि का समय पर पुनर्भरण हो।
बूंदी जिलाध्यक्ष हरीश तिवारी ने कहा कि माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा डमी एडमिशनो को लेकर जारी किये गये स्वागत योग्य है पर डमी एडमिशन को लेकर दिये गये निर्देशों मे विरोधाभास है हम इसको लेकर नाराजगी प्रकट करते है। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने उक्त आदेश में सिर्फ निजी विद्यालयों को टारगेट कर दिया जबकि डमी एडमिशन सरकारी विद्यालय भी करते है उनके लिए न तो कोई निर्देश जारी किये गये और न ही इसको लेकर स्थिती स्पष्ठ की गई। प्रतिनिधियों ने कहा कि सरकार सिर्फ निजी विधालय पर कार्यवाही करती है डमी एडमिशन करने मे सबसे बडा हाथ सरकारी विद्यालयों का है। एसोसिएशन सदस्यों ने कहा कि डमी एडमिशन को लेकर जारी किये गये निर्देशों की निजी विधालय पूरी तरह से पालना करने पर विभाग को निष्पक्षता रखनी होगा और जो भी निजी या सरकारी विद्यालय डमी एडमिशन करे उस पर विभाग कार्यवाही करे।
छ माह से नहीं हुई माध्यमिक शिक्षा निदेशक के आदेश की पालना
प्रदेश उपाध्यक्ष हरिओम शर्मा व गुरूमित सिंह ने कहा कि गत 13 जनवरी 2025 को माध्यमिक शिक्षा निदेशक आशीष मोदी ने समस्त जिला शिक्षा अधिकारियों को डमी एडमिशन पर रोक लगाने व केन्द्र सरकार के निर्देशों की पालना करने के निर्देश दिये। जिसके पांच दिन बाद जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक ने निजी गैर सरकारी विद्यालय से माध्यमिक शिक्षा निदेशक के पत्र की पालना करवाने के लिए समस्त ब्लॉक शिक्षा अधिकारी निर्देश देकर इतिश्री करली। परंतु जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक द्वारा छ माह में भी शिक्षा निदेशक के द्वारा दिये गये निर्देशों की पालना नहीं हुई और न ही डमी एडमिशन को ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों ने तथ्यात्मक रिपोर्ट विभाग को भेजी। बस सब मिलकर निजी विधालय को दोषी ठहराने में जुटे हुए है।
सरकारी विद्यालयों की तर्ज पर मिले सुविधाएं
एसोसिएशन सदस्य जावेद अहमद, दिनेश गोस्वामी ने कहा कि राज्य सरकार जो सुविधाएं सरकारी विद्यालयों को प्रदान करती है उन सुविधाओ के हकदार निजी विद्यालय भी है क्योकि बेहतर शिक्षा के बाद आशानुरूप परीक्षा परिणाम देकर बच्चे के भविष्य को निखारने का काम निजी विद्यालयों भी बेहतर ढंग से करते है। उन्होंने कहा कि सरकार को निजी विद्यालय के साथ दोहरी नीति अपना रही है। निजी विद्यालयों में भी छात्रवृत्ति, स्कूटी योजना, लैपटॉप वितरण जैसी योजनाएं शुरू होनी चाहिए। वह सरकारी विद्यालयों में प्रतिभावान छात्र छात्राओं को दिये जाने वाले पुरस्कार निजी विद्यालयों के प्रतिभावान छात्र छात्राओं को भी दिये जाये। वही आरटीई की राशि का समय पर पुनर्भरण हो।
नई कोचिंग गाइडलाइन की हो पालना
एसोसिएशन सदस्य सुमित नुवाल, आशीष जाजू ने कहा कि भारत सरकार द्वारा हाल ही में जारी की गई कोचिंग संस्थानों के लिये नई गाइडलाइन की पालना नही होना दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे कोचिंग संस्थान शिक्षा विभाग के संरक्षण मे मनमर्जी कर रहे है। राज्य सरकार को कोचिंग के लिये बनाई गई नई गाइड लाइन की पालना करवाने के लिये कार्य योजना बनाकर जिलों मे अधिकारियों से मॉनिटरिंग करना चाहिए। वही स्कूल समय मे कोचिंग संस्थान नहीं चले इसकी भी सुनिश्चित होनी चाहिए।
अभिभावक मान्यता देखकर ही दिलवाये प्रवेश
प्रदेश महासचिव लोकेश सुखवाल ने कहा कि अभिभावक अपने बच्चे को प्रवेश दिलाते समय भावुक हो जाते है। यह बच्चों के भविष्य का सवाल है। अभिभावकों को विद्यालय की मान्यता, इसमें चलने वाले संकाय व माध्यम की पूरी जानकारी लेकर ही अपने बच्चे की एडमिशन करवाना चाहिए और किसी प्रलोभन मे नही आना चाहिए। पत्रकार वार्ता मे जिला अध्यक्ष हरीश तिवारी, सुमित नुवाल, आशीष जाजू, गुरूमित सिंह, रवि प्रताप सिंह, राजेश पब्बी, जावेद अहमद, दिनेश गोस्वामी, महेश वर्मा, महेश गौतम, अशोक जायसवाल, कैलाश जांगिड़, प्रमोद शर्मा, जयसिंह, लोकेश जैन सहित अन्य निजी स्कूल संचालक मौजूद रहे।
एसोसिएशन सदस्य सुमित नुवाल, आशीष जाजू ने कहा कि भारत सरकार द्वारा हाल ही में जारी की गई कोचिंग संस्थानों के लिये नई गाइडलाइन की पालना नही होना दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे कोचिंग संस्थान शिक्षा विभाग के संरक्षण मे मनमर्जी कर रहे है। राज्य सरकार को कोचिंग के लिये बनाई गई नई गाइड लाइन की पालना करवाने के लिये कार्य योजना बनाकर जिलों मे अधिकारियों से मॉनिटरिंग करना चाहिए। वही स्कूल समय मे कोचिंग संस्थान नहीं चले इसकी भी सुनिश्चित होनी चाहिए।
अभिभावक मान्यता देखकर ही दिलवाये प्रवेश
प्रदेश महासचिव लोकेश सुखवाल ने कहा कि अभिभावक अपने बच्चे को प्रवेश दिलाते समय भावुक हो जाते है। यह बच्चों के भविष्य का सवाल है। अभिभावकों को विद्यालय की मान्यता, इसमें चलने वाले संकाय व माध्यम की पूरी जानकारी लेकर ही अपने बच्चे की एडमिशन करवाना चाहिए और किसी प्रलोभन मे नही आना चाहिए। पत्रकार वार्ता मे जिला अध्यक्ष हरीश तिवारी, सुमित नुवाल, आशीष जाजू, गुरूमित सिंह, रवि प्रताप सिंह, राजेश पब्बी, जावेद अहमद, दिनेश गोस्वामी, महेश वर्मा, महेश गौतम, अशोक जायसवाल, कैलाश जांगिड़, प्रमोद शर्मा, जयसिंह, लोकेश जैन सहित अन्य निजी स्कूल संचालक मौजूद रहे।