तीन कृषि कानूनों की वापसी पी एम का सूझबूझ भरा कदम—परमार
श्योपुर.Desk/ @www.rubarunews.com–किसान देश के विकास की धुरी है जो सरकार के तीन नये कृषि कानूनों के विरोध में लगभग पिछले एक वर्ष से सड़कों पर है तथा बड़ी संख्या में किसानों की मौत भी हो गई है सरकार द्वारा इन्हें किसानों के हित में बताते हुए इन्हें वापस न लेने की बात से लम्बे समय से सरकार और किसानों के बीच डेड लॉक पैदा हो गया था किसान भी इसके बिना पीछे हटने को तैयार नहीं थे तथा आंदोलन को और तेज करने की दिशा में अग्रसर थे ऐसे में पी एम मोदी जी का कृषि कानूनों को वापस लेने का यह कदम सूझबूझ भरा है इससे किसान और सरकार के बीच का डेडलॉक टूटेगा और किसान अपने खेतों और लोटेंगे एकता परिषद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के इस कदम का स्वागत किया है
एकता परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष रनसिंह परमार ने यह बात प्रेस नोट जारी कर बताया कि मोदी जी ने न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए भी समिति बनाने की बात कही है यह उनका सकारात्मक कदम है उन्होंने कहा कि ऐसी परिस्थिति में अपना अहं त्यागते हुए देशहित में कदम उठाना होता है जो पी एम मोदी ने किया है इससे न केवल जब तब जाम के कारण लोगों की आवाजाही में पैदा होने वाली स्थिति से मुक्ति मिलेगी साथ ही लम्बे समय से दिल्ली की बार्डर पर बैठे किसान भी अपने घर पहुंच कर खेती किसानी सम्हाल कर अपने परिवार को समय दे सकेंगे
महात्मा गांधी सेवा आश्रम के प्रबंधक जयसिंह जादौन ने भी इस निर्णय के लिए पी एम मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा कि उनके साथ साथ केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी बधाई के पात्र हैं उनके अपने क्षेत्र में भी इस आंदोलन की आंच आ जाने से किसानों के बीच उनकी लोकप्रियता पर असर पड़ रहा था तथा वे भी चाहते थे कि यह आंदोलन समाप्त हो निश्चित रूप से मोदी जी के इस फैसले के पीछे केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंदसिंह तोमर की अहम भूमिका है इसलिए उन्हें भी साधुवाद इससे सरकार और किसान विकास की गाड़ी के दो पहियों की तरह देश को आगे बढ़ायेंगे इस आंदोलन से देश का बहुत नुक्सान हुआ है इस कदम से उसकी भरपाई हो सकेगी
जयसिंह जादौन