राजस्थान

सर्वांग उन्नति के लिए एक राष्ट्र एक भाषा की महती आवश्यकता-भारतेन्दु जयन्ती पर राष्ट्रीय ई संगोष्ठी सम्पन्न

बून्दी KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com>> देश की सर्वांग उन्नति के लिए एक राष्ट्र एक भाषा की आवश्यकता है, ऐसा कहना है राजकीय महाविद्यालय बून्दी के सह आचार्य डॉ. रमेश चन्द मीणा का। मीणा ने कहा कि हिंदी जनतांत्रिक भाषा है, जिसका समस्त भारतीय जनमानस पर एकाधिकार हैं। अंग्रेजीयत हमारी गुलाम मानसिकता की परिचायक है, जिससे मुक्त होने के लिए एक राष्ट्र एक भाषा की महती आवश्यकता है और यह उत्तरदायित्व सभी भारतीयों का हैं। इन्होंने एक और गांधी की आवश्यकता बताई जो हिन्दी को राष्ट्रभाषा के गौरव से अभिभूत करवा सके।

भारतेन्दु हरिश्चन्द्र जयन्ती और राष्ट्रभाषा हिन्दी दिवस पर उमंग संस्थान बून्दी ह्यूमेनिटी इन्टरनेशनल आबू रोड द्वारा “राष्ट्र का स्वाभिमान हिन्दी” विषय पर ई संगोष्ठी का आयोजन सेठ मंगल चंद चौधरी राजकीय महाविद्यालय आबूरोड की सह आचार्य डॉ. अनीता गुप्ता के निर्देशन और राजकीय महाविद्यालय बून्दी के सह आचार्य डॉ. रमेश चन्द्र मीणा की अध्यक्षता मे किया गया। ई संगोष्ठी में राजकीय कला महाविद्यालय कोटा के सह आचार्य डॉ. आदित्य कुमार गुप्ता तथा डॉ. रामावतार मेघवाल तथा जगमग दीप ज्योति पत्रिका के प्रधान संपादक सुमति कुमार जैन विशिष्ट वक्ता रहे।

संगोष्ठी निदेशिका डॉ. अनीता गुप्ता ने शाब्दिक स्वागत करते हुए भारतेन्दु हरिश्चन्द्र को आधुनिक हिन्दी साहित्य का पितामह बताया और इन्होंने देश की गरीबी, पराधीनता, अमानवीय शोषण को ही अपने साहित्य का लक्ष्य बनाया भारतेन्दु हरिश्चन्द्र ने हिन्दी को राष्ट्रभाषा के रुप में सुदृढ बनाने का प्रयास किया।

संगोष्ठी को संबोधित करते हुए सह आचार्य डॉ. आदित्य कुमार गुप्ता ने कहा कि हिन्दी साहित्य के आधुनिक काल में नवजागरण के अग्रदूत के रुप में भारतेन्दु हरिश्चन्द्र का योगदान अभूतपूर्व है। 365 दिन बोली जाने वाली हिन्दी को भारतीयों के मान सम्मान अभिमान का प्रतीक बताते हुए गुप्ता ने कहा कि हिन्दी दिवस एक दिन का आयोजन नहीं वरन 365 दिन मनाने का आयोजन हैं। डॉ. रामावतार सागर ने कहा कि भारतेन्दु हरिश्चन्द्र केवल गद्य ही नहीं पद्य मे भी उल्लेखनीय हैं, भारतेन्दु ने मुखडियोँ को पुनर्जीवित किया इन्होंने आधुनिक काल में हिन्दी गजलो का सुत्रपात किया।

शोधार्थी और उमंग संस्थान की अध्यक्ष सविता लौरी ने माँ शारदे की वन्दना से ई संगोष्ठी की शुरुआत की। डॉ. कान्ति लाल यादव ने भारतेन्दु हरिश्चन्द्र के जीवन प्रकाश डाला और कुसुमलता ने हिन्दी दिवस आयोजन की महत्ता बताई।

संचालन ह्यूमेनिटी इन्टरनेशनल आबू रोड की अध्यक्ष डॉ. अनीता गुप्ता ने किया और आभार उमंग संस्थान के सचिव कृष्ण कान्त राठौर ने जताया। राजस्थान के अतिरिक्त मध्य प्रदेश, गुजरात, छतीसगढ, कर्नाटक, जम्मु कश्मीर, दिल्ली, हरियाणा, पश्चिम बंगाल के शोधार्थी और हिन्दी प्रेमी संगोष्ठी में मौजूद रहे।