मध्य प्रदेश

नपा में दर्ज पांच सैकड़ा से अधिक सफाई कर्मचारी, फिर लगे गंदगी के ढ़ेर

भिण्ड.ShashikantGoyal/ @www.rubarunews.com>> नगर पालिका में पांच सैकड़ा से अधिक सफाई कर्मचारी तैनात है जिसके बाद भी शहर की गलियां व नगर में साफ-सफाई नजर नहीं आ रही है और पहली बरसात में ही नाले-नालियों की सफाई की पोल खुल गई। शहर के कलेक्ट्रट कार्यालय के बाहर ही बरसात का गंदा पानी भरा हुआ है तो इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि शहर में कैसी साफ-सफाई होगी, जब कलेक्टर ही सुस्त है तो कर्मचारी कैसे होंगे। पहली बरसात में ही हर गली-कस्बा जलभराव की समस्या से जूझ रहा है जिस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। शहर में जगह-जगह लगे गंदगी के ढ़ेरो तथा चौक नालों की सफाई न होने से मच्छरों का आतंक बढ़ता जा रहा है और आमजन इनके शिकार हो रहे हैं फिर भी नपा की फॉगिंग मशीन तिजोरी से नहीं निकल रही है और न ही साफ-सफाई पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है इतना ही नहीं शहर को स्वच्छ रखने के लिए लगाए गए सफाई कर्मियों की असल संख्या पर भी संयम बना हुआ है और नपा द्वारा दर्शाये गए इन कर्मियों को एक साथ कभी मैदान में नहीं देखा गया है यह सफाई व्यवस्था चरमराने का सबसे अह्म कारण बताया जाता है सबसे बड़ी बात यह है कि गली-मोहल्लों में जमा गंदगी के कारण मच्छर पनप रहे हैं और इनके प्रकोप मलेरिया की दस्तक का अंदेशा दे रहे हैं जो नगर पालिका की लापरवाही का नतीजा है हैरत की बात यह है कि मच्छरों से निजात दिलाने के लिए नपा ने कोई इंतजाम नहीं किये है जबकि इसके लिए लंबा चौड़ा बजट खर्च किया जाता है फिर भी स्थिति ऐसी निकल कर सामने आ रही है। साफ-सफाई न होने से नालियो चौक है जिस कारण सड़कों पर पानी फैलता रहता है कलेक्ट्रेट के समीप विगत एक वर्ष से गंदा पानी भरा हुआ है जिस ओर भी सफाई दरोगा से लेकर अन्य कर्मचारी ध्यान नहीं दे रहे हैं।

 

नहीं दिखी फॉगिंग मशीन

मच्छरों से निजात दिलाने वाली नपा की फॉगिंग मशीन कभी देखने को नहीं मिली और न ही उसके धुंआ का स्वाद मच्छरों ने चखा है इस कारण सवाल सभी के जह्न में गूंजता है कि नपा की फोगिंग ऐसी कौन सी तिजोरी में समा गई है जिसे देखे अर्सा बीत गया है, लेकिन इस सवाल के जबाव में आज तक नपा से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई लेकिन अक्सर मच्छरों से निजात दिलाने के नाम पर लंबा चौड़ा खर्चा करना जरुर उजागर होता रहा है।

 

सफाई कर्मियों की संख्या पर सवाल

नगर पालिका में दर्ज पांच सैंकड़ा से भी अधिक सफाई कर्मियों को वेतन बांटने के नाम पर लाखों खर्च किए जाते हैं लेकिन यही कर्मी कभी एक साथ धरातल पर नहीं देखे गये। कई दफा इस संबंध में शिकायते हुई तो जिला प्रशासन ने मामले में हस्तक्षेप कर इनकी परेड़ कराई फिर भी एक साथ यह सफाईकर्मी मौके पर उपस्थित नहीं किए जा सके जिस कारण यह सवाल अन सुलझा ही बना हुआ है कि नपा में दर्ज सफाई कर्मी में से कितने फर्जी और कितने असली हैं।

 

समय पर नहीं उठता कचरा

गली मोहल्लों ही नहीं मुख्य सड़कों पर जमा गंदगी के ढ़ेर लापरवाही पूर्वक समय पर नहीं उठाए जाते हैं इस कारण सफाई व्यवस्था चरमरा गई है जो आमजन की समस्या का कारण है इतना ही नहीं नपा में इसकी शिकायत लिखित मौखिक की जाती रही है लेकिन उस वक्त तो विकल्प खोजने के वादे किए जाते हैं पर धरातल पर उचित कार्यवाही होती नहीं दिखती है और बार-बार बस्ती, गली, मोहल्ले के लोग इस समस्या से त्रस्त हैं। लाखो रुपये खर्च कर डोर टू डोर कचरा उठाने वाले वाहनो की खरीददारी की गई फिर भी वाहन नजर नहीं आते है।