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पराली प्रबंधन एवं रोकथाम के संबंध में बैठक आयोजित

श्योपुर.Desk/ @www.rubarunews.com-
कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट अर्पित वर्मा ने कहा कि जिले को पराली फ्री डिस्ट्रिक्ट बनाये जाने के संकल्प के साथ ही किसानों को पराली प्रबंधन के लिए वैकल्पिक साधन उपलब्ध कराये जायें, बडे एवं संपन्न किसानों को सुपर सीडर खरीदने के लिए प्रेरित किया जायें, सरकार इस पर 40 प्रतिशत का अनुदान भी दे रही है। इसके साथ ही एनआरएलएम अंतर्गत संचालित स्वसहायता समूहों द्वारा लगभग 100 यूनिट पराली प्रबंधन का सिस्टम भी क्रय किये जाने की प्रक्रिया संचालित है, इसके तहत बेलर, सुपर सीडर तथा हे-रेक उपलब्ध कराये जायेंगे।
वे आज कलेक्टर चेंबर में पंजाब से आये बेलर संचालको, बायोफ्यूल प्लांट संचालको के साथ आयोजित बैठक को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उप संचालक कृषि  जीके पचौरिया, डीपीएम एनआरएलएम  सोहनकृष्ण मुदगल, पंजाब से आये बेलर संचालक  हरपाल सिंह एवं  कुलदीप सिंह, बायोफ्यूल प्लंाट के संचालक  जितेन्द्र मंगल, कृषि विस्तार अधिकारी  अरूण शाक्य आदि उपस्थित थे।
कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट अर्पित वर्मा ने कहा कि धान की फसल कटाई पश्चात् पराली में आग न लगाये, क्योकि इससे पर्यावरण प्रदूषण के साथ-साथ भूमि की उर्वरता एवं उत्पादकता में कमी होने की संभावना होती है। किसान भाई कुछ उपयोगी कृषि यंत्रो जैसे बेलर, रीपर कम बाइंडर, स्ट्रारीपर, सुपर सीडर एवं जीरो टिलेज, सीड ड्रिल के उपयोग से पराली का प्रबंधन कर सकते है। उन्होंने कहा कि जिले में धान के बढते रकबे को दृष्टिगत रखते हुए यह आवश्यक है कि पराली का उचित प्रबंधन किया जाए जिससे पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे।
इस अवसर पर पंजाब से आये बेलर संचालकों ने बताया कि वे श्योपुर जिले में अपने 22 बेलर की उपलब्धता सुनिश्चित करेंगे, जिनके माध्यम से किसानों के खेतो में धान की पराली को काटकर बंडल बनाये जायेगे, इसके लिए उनके द्वारा किसानों से किसी प्रकार का शुल्क नही लिया जायेगा। इन बंडलो को श्योपुर जिले में स्थापित बायोफ्यूल प्लांट को उपलब्ध कराया जायेगा, 22 बेलर प्रतिदिन लगभग 2 हजार बीघा की पराली काटने के साथ ही उन्हें कम्प्रेस कर बंडल बनायेेंगे।
इसी प्रकार एनआरएलएम के समूहों कोे 80 प्रतिशत सबसिडी पर 100 यूनिट प्रदान की जा रही है, जिनके माध्यम से भी प्रतिदिन 5 हजार बीघा धान की पराली का प्रबंधन किया जायेगा।
कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट  अर्पित वर्मा ने कहा कि इस वर्ष नो पराली के संकल्प के साथ जिला प्रशासन कार्य कर रहा है, जिसमें सभी किसान संगठनों एवं किसानों के सहयोग की अपेक्षा है। किसान संगठन के प्रतिनिधियों से भी चर्चा की जा रही है तथा कृषि विभाग द्वारा जागरूकता के लिए गांव-गांव में शिविर लगाये जा रहे है। एनआरएलएम द्वारा भी समूह की महिलाओं के माध्यम से गांव-गांव में किसानों को पराली न जलाने के प्रति जागरूक किया जा रहा है। उन्होने कहा कि पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण को रोकने तथा भूमि में पाये जाने वाले लाभदायक जीवाणुओं के नष्टीकरण को रोकने एवं भूमि की उर्वरा शक्ति को बनाये रखने के उद्देश्य से व्यापक स्तर पर अभियान चलाया जा रहा है।
कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट  अर्पित वर्मा ने कहा कि शासन की मंशानुरूप पराली प्रबंधन की दिशा में कार्य किया जा रहा है, जिसमें सभी का सहयोग अपेक्षित है। पराली जलाने के मामलो में पर्यावरण विभाग के नोटिफिकेशन द्वारा कृषको पर अर्थदण्ड अधिरोपित करने का प्रावधान किया गया है। जिसके अनुसार 2 एकड से कम रकबे पर 2500 रूपये, 2 से 5 एकड तक रकबे में पराली जलाने पर 5 हजार रूपये तथा 5 एकड से अधिक पर 15 हजार रूपये अर्थदण्ड का प्रावधान है। यदि कोई भी किसान अपने खेत की पराली में आग लगाते है तो उक्त निर्देशो के अनुरूप दण्ड अधिरोपण की कार्यवाही की जायेगी। इसके साथ ही स्थानीय स्तर पर अन्य प्रकार की कार्यवाही किये जाने पर भी विचार किया जा रहा है।

Umesh Saxena

I am the chief editor of rubarunews.com