मध्य प्रदेश

संयुक्त परिवार भारतीय संस्कृति की पहचान हैं-बी. के. डॉ. मुकुल भाई

ग्वालियर.Desk/ @www.rubarunews.com- म.प्र. राज्य आनन्द संस्थान की जिला आनन्दक ग्वालियर टीम और प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्व विद्यालय लश्कर ग्वालियर द्वारा अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस के उपलक्ष्य में वैचारिक कार्यक्रम “आनन्द का आधार : परिवार” विषय पर आयोजित किया गया । जिसमें म.प्र.राज्य आनन्द संस्थान भोपाल से मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अखिलेश अर्गल ऑनलाइन जुड़े तथा प्रभु उपहार भवन लश्कर ग्वालियर में मंच पर विजय कुमार उपमन्यु (डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम लीडर, आनन्द ), बी.के. डॉ. मुकुल भाई (पुणे), ब्रह्माकुमारीज़ लश्कर ग्वालियर की इंचार्ज बी.के.आदर्श दीदीजी, बी.के.प्रहलाद भाई उपस्थित रहे |

कार्यक्रम के संचालक बी.के.प्रहलाद भाईजी ने विषय पर प्रकाश डालते हुए बताया कि आज जीवन में जो ख़ुशी की कमी, आनंद की कमी है , उसका मूल कारण है कि आज हम अपने संयुक्त परिवार से कहीं ना कहीं दूर हो गए हैं । यह आनंद, ख़ुशी और प्रेम की अनुभूति हमें हमारे परिवार के साथ रह कर ही होती है इसलिए आज ज़रूरी है कि हम अपनी दिनचर्या में से कुछ समय परिवार के साथ अवश्य बिताए |

ग्वालियर डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम लीडर (आनन्द) विजय कुमार (उपमन्यु) ने सभी को अन्तर्राष्ट्रीय परिवार दिवस(15 मई) की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हमारे जीवन में तमाम भौतिक सुख सुविधा होने के बाद भी हमारी प्रसन्नता स्थाई रूप से नहीं रहती है | अगर हम चाहते है की हमारे जीवन मे ख़ुशी, आनंद सदैव बरकरार रहे तो वह केवल बाहर के व्यक्ति या वस्तु से नहीं बल्कि स्वयं से स्वयं की मुलाकात के साथ अपने परिवार से जुड़कर ही अनुभव होगी । ब्रह्मकुमरीज संस्थान परिवार वसुदैव कुटुंबकम् की व्याख्या का जीवन्त उदाहरण है।

मुख्य वक्ता बी.के. डॉ.मुकुल भाई जी ने सभी को संबोधित करते हुए बताया कि देश के घर – घर में परिवारों में असंतोष, मन मुटाव बढ़ता हुआ नज़र आ रहा है | आज साधनों की, धन की कोई कमी नहीं है लेकिन संबंधो की आज सबसे ज़्यादा कमी है | हमारी भारतीय संस्कृति यह कहती है कि परिवार में जितने भी सदस्य हैं एक साथ बैठकर प्रभु स्मृति में, शांति से अन्न को प्रसाद समझ कर स्वीकार करें । परिवार के बड़े सदस्यों के आचरण का बच्चों पर गहरा प्रभाव पड़ता है। परिवार का सकारात्मक माहौल सभी को प्रेरित करता है। संयुक्त परिवार भारतीय संस्कृति की पहचान हैं। त्याग और समर्पण के अभाव में परिवार बिखर जाते हैं ।

कार्यक्रम में अतिथि वक्ता म. प्र.राज्य आनन्द संस्थान के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अखिलेश अर्गल ने बताया कि वर्तमान समय में देखा जाए तो परिवारों में दूरियां बढ़ी हुई नज़र आती हैं । परिवार का जो आधार है वो सम्बन्ध है और सम्बन्ध का आधार है भावनाएं | जिसमें विश्वास से लेकर प्रेम तक सभी भावों की महत्वपूर्ण भूमिका है । आज हम अपने बच्चों को अधिक से अधिक सुविधाएं देने की कोशिश तो करते हैं परन्तु हम उनकी सम्बन्धों के प्रति समझ बढ़ाने की कोशिश नहीं कर रहे हैं । जिसमें एक दूसरे को समय देने की, प्रेम, स्नेह से एक दूसरे की बात को समझने की कोशिश महत्वपूर्ण है ।

कार्यक्रम में बी.के.आदर्श दीदी जी ने अपने आशीर्वचन देते हुए बताया कि इतना बड़ा विश्व होने के बाद भी आज व्यक्ति स्वयं को अकेला समझता है और इसका मूल कारण है कि जो आनंद के, प्रेम के सागर हैं हम उन से डिसकनेक्ट हो गए हैं | स्वयं ईश्वर विश्व को एक परिवार बनाने का कार्य कर रहे हैं । हम सभी भी अपना कनेक्शन परमात्मा के साथ जोडें और सहयोगी बनें |कार्यक्रम के अंत में बी.के. पवन ने सभी का आभार प्रकट किया । कार्यक्रम का ऑनलाइन प्रसारण भी किया गया जिसमें ग्वालियर जिले के आनन्दको सहित अन्य नागरिकों ने जुड़कर लाभ लिया |