जाको राखे साईयाँ मार सके न कोय चढते समय गिरे, पूरी ट्रेन गुजरने के बाद भी बच गये मधुसूदन गोचर
बूंदी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com- जाको राखे साइयां मार सके ना कोय यह कहावत एक बार और चरितार्थ हुयी जब हरिद्वार में अपनी स्व. मां का अस्थि विसर्जन कर ट्रेन से बूंदी आ रहे लंका गेट निवासी मधुसूदन गोचर जब बुधवार देर रात कोसीकला रेलवे स्टेशन पर ट्रेन चलने पर चढ़ते समय ट्रेन से नीचे गिर गये और पूरी ट्रेन गुजर गई और वह पटरी और प्लेटफार्म के बीच में ट्रेन के नीचे गिरकर फंसे रहे। देखने वालों ने सोच लिया था कि अब बचने की कोई उम्मीद नहीं है। ट्रेन गुजरने के बाद जब रेलवे पुलिस ने बूंदी निवासी मधुसूदन गोचर को निकाला तो वह बेहोश हो चुके थे। लेकिन इतनी बड़ी दुर्घटना के बाद भी गोचर की जान बच गयी।
चर्मेश शर्मा का गोवर्धन परिक्रमा में होना काम आया
मधुसूदन शर्मा गोचर का पुत्र हनी गुर्जर बूंदी जिला युवा कांग्रेस में सचिव है। जब युवा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष निशांत नुवाल व बूंदी इंद्रा कॉलोनी निवासी नागेश्वर तिवारी को पता चला कि राजस्थान बीज निगम के पूर्व निदेशक चर्मेश शर्मा आमरण अनशन के बाद सीधे पूर्णिमा पर गोवर्धन परिक्रमा करने गये हैं तो नुवाल ने तत्काल शर्मा को दुर्घटना के बारे में सूचित किया। इसके बाद चर्मेश शर्मा और जिला युवा ब्राह्मण महासभा के महामंत्री मंथन पंचोली तत्काल गोवर्धन परिक्रमा से देर रात ही मथुरा जिला चिकित्सालय पहुंच गये और बेहोश स्थिति में घायल बूंदी निवासी मधुसूदन गोचर को चिकित्सालय में भर्ती करवाकर इलाज शुरू करवाया। इससे पहले मधुसूदन गोचर के फोन से ही किसी ने उनके परिजनों को दुर्घटना व उनके बेहोश होने की जानकारी दी थी। कुछ देर बाद उनका फोन स्विच ऑफ हो गया जिसे परिजनों में चिंता बढ़ गयी थी। देर रात शर्मा के चिकित्सालय पहुंचने के बाद परिजनों ने राहत की सांस ली।
स्टेशन पर पानी लेने उतरे थे
हरिद्वार से अपनी मां का अस्थि विसर्जन करके अपनी पत्नी और पोते के साथ बूंदी आ रहे मधुसूदन गोचर कोसीकला रेलवे स्टेशन पर पानी लेने के लिये उतरे थे।अचानक ट्रेन चल पड़ी और वह चलती ट्रेन में जब चढ़ने की कोशिश कर रहे थे तो फिसलकर रेलवे पटरी व प्लेटफार्म के बीच में गिर गये। चलती हुई ट्रेन में किसी की हिम्मत नहीं हुई कि उनको निकालने की भी कोशिश करें।
कपड़े तार तार,चोटिल हुये पर जान बची
ट्रेन से पटरी और प्लेटफार्म के बीच गिरने से मधुसूदन गोचर के कपड़े तार तार हो गये।सिर पर पैरों पर और पूरे शरीर पर जगह जगह चोट लगी है लेकिन जान बच गयी।और कोई गम्भीर चोट नही लगी।गुरुवार सुबह उनके छोटे भाई चेतन गुर्जर व अन्य परिजन भी मथुरा चिकित्सालय पहुंच गये। सिटी स्केन व अन्य जाँच के बाद गुरुवार दोपहर को उनको छुट्टी दे गयी।
बचना किसी चमत्कार से कम नही
मधुसूदन गोचर को ट्रेन दुर्घटना के बाद चिकित्सालय में भर्ती करवाने वाले राजस्थान बीज निगम के पूर्व निदेशक चर्मेश शर्मा ने कहा कि कई बार ऐसी साक्षात घटनाएये होती है जिससे हम सबको ईश्वर की शक्ति पर विश्वास करना पड़ता है।जिस हिसाब से प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया ऐसी भीषण दुर्घटना में मधुसूदन गोचर का बचाना किसी चमत्कार से कम नहीं है।
चर्मेश शर्मा का गोवर्धन परिक्रमा में होना काम आया
मधुसूदन शर्मा गोचर का पुत्र हनी गुर्जर बूंदी जिला युवा कांग्रेस में सचिव है। जब युवा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष निशांत नुवाल व बूंदी इंद्रा कॉलोनी निवासी नागेश्वर तिवारी को पता चला कि राजस्थान बीज निगम के पूर्व निदेशक चर्मेश शर्मा आमरण अनशन के बाद सीधे पूर्णिमा पर गोवर्धन परिक्रमा करने गये हैं तो नुवाल ने तत्काल शर्मा को दुर्घटना के बारे में सूचित किया। इसके बाद चर्मेश शर्मा और जिला युवा ब्राह्मण महासभा के महामंत्री मंथन पंचोली तत्काल गोवर्धन परिक्रमा से देर रात ही मथुरा जिला चिकित्सालय पहुंच गये और बेहोश स्थिति में घायल बूंदी निवासी मधुसूदन गोचर को चिकित्सालय में भर्ती करवाकर इलाज शुरू करवाया। इससे पहले मधुसूदन गोचर के फोन से ही किसी ने उनके परिजनों को दुर्घटना व उनके बेहोश होने की जानकारी दी थी। कुछ देर बाद उनका फोन स्विच ऑफ हो गया जिसे परिजनों में चिंता बढ़ गयी थी। देर रात शर्मा के चिकित्सालय पहुंचने के बाद परिजनों ने राहत की सांस ली।
स्टेशन पर पानी लेने उतरे थे
हरिद्वार से अपनी मां का अस्थि विसर्जन करके अपनी पत्नी और पोते के साथ बूंदी आ रहे मधुसूदन गोचर कोसीकला रेलवे स्टेशन पर पानी लेने के लिये उतरे थे।अचानक ट्रेन चल पड़ी और वह चलती ट्रेन में जब चढ़ने की कोशिश कर रहे थे तो फिसलकर रेलवे पटरी व प्लेटफार्म के बीच में गिर गये। चलती हुई ट्रेन में किसी की हिम्मत नहीं हुई कि उनको निकालने की भी कोशिश करें।
कपड़े तार तार,चोटिल हुये पर जान बची
ट्रेन से पटरी और प्लेटफार्म के बीच गिरने से मधुसूदन गोचर के कपड़े तार तार हो गये।सिर पर पैरों पर और पूरे शरीर पर जगह जगह चोट लगी है लेकिन जान बच गयी।और कोई गम्भीर चोट नही लगी।गुरुवार सुबह उनके छोटे भाई चेतन गुर्जर व अन्य परिजन भी मथुरा चिकित्सालय पहुंच गये। सिटी स्केन व अन्य जाँच के बाद गुरुवार दोपहर को उनको छुट्टी दे गयी।
बचना किसी चमत्कार से कम नही
मधुसूदन गोचर को ट्रेन दुर्घटना के बाद चिकित्सालय में भर्ती करवाने वाले राजस्थान बीज निगम के पूर्व निदेशक चर्मेश शर्मा ने कहा कि कई बार ऐसी साक्षात घटनाएये होती है जिससे हम सबको ईश्वर की शक्ति पर विश्वास करना पड़ता है।जिस हिसाब से प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया ऐसी भीषण दुर्घटना में मधुसूदन गोचर का बचाना किसी चमत्कार से कम नहीं है।