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रामगढ़ विषधारी से खुशखबरी की जगह मिली दुखद खबर, आरवीटी-2 बाधिन का मिला कंकाल

बून्दी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com>> लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के प्रयासों के चलते दीपावली के दौरान रामगढ़ विषधारी टाईगर रिजर्व से नई बाधिन के आने की खुशखबरी का बेसब्री से क्षेत्र के वन्यजीव प्रेमियों को इतजार था, लेकिन सोमवार शाम को रामगढ़ विषधारी टाईगर रिजर्व के संरक्षित क्षेत्र में एक मादा बाघिन आरवीटी-2 के कंकाल के मिलने की खबर से सभी वन्यजीव प्रेमियों में शोक की लहर दौड़ पड़ी। मंगलवार को विभाग द्वारा बूंदी मुख्यालय पर कंकाल का पोस्टमॉर्टम करवा कर अंतिम संस्कार किया गया।
रामगढ़ विषधारी टाईगर रिजर्व के संरक्षित क्षेत्र में एक मादा बाघिन आरवीटी-2 लगभग 15 से 20 दिनों से कोई मूवमेंट, साक्ष्य नही मिल पा रहा था। इसके लिए रेंज रामगढ़ एवं जैतपुर के अधीन गठित ट्रेकिंग टीमों द्वारा सघन मोनेटरिंग एवं ट्रेकिंग की जा रही थी।
बांदरा पोल नाले में मिला बाधिन आरवीटी 2 का कंकाल
रामगढ़ विषधारी की जैतपुर रेंज के बांदरापोल के नाले में मादा बाघिन का कंकाल ट्रैकिंग के दौरान नजर आया था। कई दिनों से मादा बाघिन की साइटिंग नहीं हो पा रही थी। मादा बाघिन कई दिनों से ट्रेस भी नहीं हो रही थी। ट्रैकिंग के दौरान मादा बाघिन का कंकाल मिलने से अभयारण्य की ट्रैकिंग ओर देखरेख की प्लानिंग पर भी सवाल खड़े हो रहे है।
जैतपुर रेंज मे स्थित बांदरापोल का नाला रामगढ़ विशधारी के रामगढ़ महल के पास मे ही हैं।  रामगढ़ महल में विभाग का मुख्यालय भी संचालित किया जा रहा हैं, जहां से पूरी गतिविधियां मॉनिटरिंग होती हैं। विभाग के मुख्यालय के इतने करीब होने के बावजूद विभाग को मादा बघिन के मूवमेंट ओर कंकाल की भनक तक नहीं लगना बाघों की सुरक्षा के लिए गंभीर हैं।
उपवन संरक्षक एवं उप क्षेत्र निदेशक (कोर) रामगढ़ विषधारी टाईगर रिजर्व संजीव शर्मा ने बताया कि 14 अक्टूबर को शाम 5 बजे के आस पास देवरी माता एवं बांद्रापोल के मध्य स्थित नाले के ऊपरी हिस्से पर एक बाघ का अवशेष (कंकाल) मय रेडिया कॉलर मिला। ट्रेकिंग टीम द्वारा इसकी सूचना पर उप वन संरक्षक एवं क्षेत्रीय वन अधिकारी जैतपुर तथा संबंधित स्टॉफ के साथ मौके पर पहुंचे, जहां एक बाघ के अवशेष (कंकाल) मय रेडियो कॉलर मिला।
मृत मादा बाघिन के समस्त अवशेष पूर्ण रूप से मौजूद
उपवन संरक्षक एवं उप क्षेत्र निदेशक (कोर) रामगढ़ विषधारी टाईगर रिजर्व संजीव शर्मा ने बताया कि मादा बाघिन आरवीटी-2 के समस्त अवशेष जैसे कैनाईन (दांत), नाखून, जबड़ा आदि पूर्ण रूप से मिले। मौके पर आवश्यक कार्यवाही फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी कर पोस्टमार्टम एवं अग्रिम कार्यवाही के लिए कंकाल को बून्दी वन मंडल कार्यालय में लाया गया। तत्पश्चात पोस्टमार्टम के लिए गठित पशु चिकित्सकों की टीम द्वारा मादा बाघिनआरवीटी-2 का पोस्टमार्टम किया गया तथा जिला पुलिस अधीक्षक द्वारा नियुक्त जांच दल (फोरेंसिक टीम) द्वारा फिंगर प्रिंट आदि लिए गए।
एनटीसीए के प्रोटोकॉल से किया अंतिम संस्कार
मादा बाघिन आरवीटी-2 का पोस्टमार्टम किए जाने के उपरांत मुख्य वन संरक्षक एवं क्षेत्र निदेशक एमएचटीआर कोटा, उपवन संरक्षक एवं उप क्षेत्र निदेशक (कोर) रामगढ़ विषधारी टाईगर रिजर्व एवं जिला कलक्टर द्वारा नियुक्त प्रतिनिधि उपखंड अधिकारी बून्दी एवं जिला पुलिस अधीक्षक द्वारा नियुक्त प्रतिनिधि अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक तथा जनप्रतिनिधियों, पत्रकारों की मौजूदगी में मृत मादा बाघिनआरवीटी-2 का विधि सम्मत, भारत सरकार तथा एनटीसीए के प्रोटोकॉल अनुसार अंतिम संस्कार किया गया।
27 माह में हुई आरवीटी-2 की दुखद विदाई
16 जुलाई 2022 को रामगढ़ विषधारी को आबाद करने की दिशा में रणथंभौर बाघिन रिजर्व से बेगम नाम से जानी जाने वाली मादा बाघिन को रामगढ़ में शिफ्ट किया था, जिसे आरवीटी 2 नाम दिया गया। रामगढ़ विषधारी में बाघिन आरवीटी-2 का वन्य जीव प्रेमियों ने जिस गर्मजोशी से स्वागत किया गया था, उसी गम से मंगलवार को दुखद विदाई दी गई।
जुलाई 23 में आरवीटी 2 के अपने तीन शावकों के साथ नजर आने पर विभाग सहित वन्य जीव प्रेमियों के चेहरे खिल गए थे। इसके साथ ही रामगढ़ विषधारी में बाधों की संख्या 6 हो गई थी। यहां जून 2020 मे रणथंभौर रिजर्व के सखावदा के जंगल से बघिन टी 115 रामगढ़ पहुंचा था, जिसकी रामगढ़ विषधारी में मौजूदगी सें वन्य जीव प्रेमियों के चेहरे खिल उठे थे। तब से ही बघिन विहीन हो चुके रामगढ़ विषधारी में बाघ कुनबे को बढ़ाने के प्रयास चल रहे हैं।
सवालों के घेरे में बाघ की ट्रैकिंग और मॉनिटरिंग
रामगढ़ विषधारी को आबाद करने के लिए जहां एक ओर मादा बाघिन के शिफ्ट करने की योजना बनाई जा रही है वहीं दूसरी ओर मादा बाघिन का कंकाल मिलने की खबर से बाघों की मॉनिटरिंग व ट्रैकिंग की व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं। मादा बाघिन आरवीटी-2 की कई दिनों से साइटिंग और ट्रेंकिंग नहीं हो नहीं होने के बावजूद भी विभाग की गंभीरता नजर नहीं आई। हालांकि विभाग बाघिन के कंकाल को 10 से 15 दिन पुराना बता रहा हें, लेकिन वन्यजीव प्रेमियों के अनुसार बाघिन की मौत काफी समय पहले हो गई होगी। हालांकि बाघिन की मौत के कारणों का खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आने पर लगेगा, लेकिन इनकी सुरक्षा व्यवस्था और मॉनिटरिंग व ट्रैकिंग की व्यवस्था पर सवाल उठने लाजमी हैं।
वन्य जीव प्रेमियों ने उठाए सवाल
वन्य जीव प्रेमियों ने इसे दुखद बताते हुए रामगढ़ में की जा रही मॉनिटरिंग पर सवाल उठाए। इनका कहना रहा कि बाघिन लंबे समय से गायब होने पर भी गलत ट्रैकिंग की सूचना चलती रही। यही स्थिति रही तो ये दूसरा मुकुन्दरा बन जाएगा। वन्यजीव प्रेमियों ने जिम्मेदार रेंजर को तुरंत निलंबित कर यहां से हटाने की आवश्यकता जताई और रिजर्व क्षेत्र में हो रही सभी प्रकार की गैर वानिकी गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की।
इनका कहना है
रामगढ़ अभयारण्य में सोमवार शाम को ट्रैकिंग के दौरान वन्य जीव का कंकाल मिला था। रेडियो कालर से मादा बघिन आरवीटी 2 के रूप में पहचान हुई है। इसकी पिछले कुछ दिनों से साइटिंग नहीं हो रही थी। लगातार ट्रैकिंग चल रही थी। पोस्टमॉर्टम करवाया है। मौत के कारणों का खुलासा रिपोर्ट के बाद ही चलेगा।
संजीव शर्मा, उपवन संरक्षक एवं उप क्षेत्र निदेशक (कोर) रामगढ़ विषधारी टाईगर रिजर्व।
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रामगढ.विषधारी में बाघों की मॉनिटरिंग और ट्रेकिंग अनुभवहीन सीविल डिफेंस और होमगार्ड्स के भरोसे छोड़ा जाना गंभीर हैं। रिजर्व में 6 बाधों मे 1 बाघ, दो बाघिन के साथ 3 शावक मौजूद थे। जिनमें से काफी समय से लापता हैं, वहीं बाघिन आरवीटी -2 के कंकाल का मिलना दुखद हैं। साथ ही 1 ओर शावक भी मॉनिटरिंग से दूर बताया जा रहा हैं। जो विकट परिस्थितियों का संकेत दे रहा हैं।
पृथ्वी सिंह राजावत, वन्यजीव प्रेमी