TOP STORIESताजातरीनदेश

वैश्विक वित्तीय सेवा बाजार का केंद्र बन सकता है भारत: श्री धर्मेंद्र प्रधान

नईदिल्ली .Desk/ @www.rubarunews.com>>एनएसडीसी और बजाज फिनसर्व एवं एआईसीटीई और बजाज फिनसर्व ने केंद्रीय शिक्षा एवं कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान, कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के सचिव अतुल कुमार तिवारी, एआईसीटीई के सदस्य सचिव प्रो. राजीव कुमार, एनएसडीसी के सीईओ और एनएसडीसी इंटरनेशनल के एमडी वेद मणि तिवारी एवं बजाज फिनसर्व अध्यक्ष और एमडी संजीव बजाज की गरिमामय उपस्थिति में दो समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए। समारोह में बजाज फिनसर्व ग्रुप के सीएसआर अध्यक्ष कुरुश ईरानी और सीएसआर की राष्ट्रीय प्रमुख पल्लवी गांधीकर भी उपस्थित थे।

एआईसीटीई, (उच्च शिक्षा मंत्रालय के अधीन) और राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) (कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के तहत) देश में कौशल पारिस्थितिकी तंत्र के प्रमुख योजनकारों ने वित्तीय सेवा क्षेत्र में रोजगार के अवसरों के लिए युवा स्नातकों को तैयार करने को लेकर भारत के अग्रणी और सबसे विविध वित्तीय सेवा समूहों में से एक बजाज फिनसर्व लिमिटेड के साथ आज साझेदारी की।

इस अवसर पर धर्मेंद्र प्रधान ने वित्तीय सेवा क्षेत्र में रोजगार के अवसरों के लिए युवा स्नातकों को तैयार करने हेतु बजाज फिनसर्व के साथ एनएसडीसी और एआईसीटीई के समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर का साक्षी बनने और बैंकिंग, वित्त एवं बीमा में सर्टिफिकेट प्रोग्राम शुरू होने पर प्रसन्नता जाहिर की। उन्होंने कहा कि आज जो यह साझेदारियां हुई हैं। उससे वित्तीय क्षेत्र में बड़े पैमाने पर क्षमताएं उभरकर सामने आएंगी और हमारे युवाओं को वित्तीय व डिजिटल क्षेत्र में हो रहे परिवर्तन में भाग लेने के लिए सशक्त बनाएंगी। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि प्रधानमंत्री का विकसित भारत का दृष्टिकोण कल लॉन्च किया गया वॉयस ऑफ यूथ कार्यक्रम विकसित भारत के लिए युवाओं के विचारों, कौशल विकास की भूमिका और विकसित भारत के निर्माण में वित्तीय क्षेत्र को प्रदर्शित करता है। श्री प्रधान ने इस बात पर जोर दिया कि हमारे युवा ज्ञान, दक्षता, कौशल और सही दृष्टिकोण से संचालित विकसित भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा कि हम ज्ञान और दक्षता का एक सुपर हाईवे बना रहे हैं और भारत वैश्विक वित्तीय सेवा बाजार का केंद्र बन सकता है।

एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रोफेसर टी़ जी़ सीताराम ने अपनी बात रखते हुए कहा कि बजाज फिनसर्व के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने से शिक्षा और उद्योग-अकादमिक संबंधों में नए सहयोग की शुरुआत होगी। उन्होंने कहा कि यह वित्त, बैंकिंग और बीमा क्षेत्र में छात्रों के लिए शिक्षा, इंटर्नशिप और नौकरी प्रशिक्षण के विशाल अवसर प्रदान करके उद्योग और शिक्षा जगत के बीच के अंतर को पाटने के एआईसीटीई की सोच को मजबूत करेगा।

एनएसडीसी के सीईओ और एनएसडीसी इंटरनेशनल के एमडी वेद मणि तिवारी ने कहा, भारत के वित्तीय क्षेत्र में हाल के वर्षों में महत्वपूर्ण वृद्धि और विकास देखा गया है। उन्होंने कहा एनएसडीसी में हमारा प्रयास कौशल विकास पहल के माध्यम से विविध अवसर प्रदान करके युवाओं को सशक्त बनाने में निहित है। उद्योग के वित्तीय क्षेत्र में बदलाव के साथ हमारे कौशल प्रयासों को गति प्रदान करने की दिशा में बजाज फिनसर्व के साथ साझेदारी एक रणनीतिक कदम है।

बजाज फिनसर्व लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक संजीव बजाज ने कहा कि एनएसडीसी और शिक्षा मंत्रालय के सहयोग से हम युवाओं को कौशल प्रदान कर सकेंगे और इसके माध्यम से बदलाव ला सकेंगे। इससे सफलता के अनंत रास्ते खुलेंगे। उन्होंने कहा कि यह आर्थिक स्वाबलंबन कौशल भारत, कुशल भारत की थीम के अनुरूप भविष्य के लिए समावेशी कार्यबल का निर्माण भी करेगा।

साझेदारी के तहत बजाज फिनसर्व बैंकिंग, वित्त एवं बीमा (सीपीबीएफआई) में अपने सर्टिफिकेट प्रोग्राम के माध्यम से 20,000 उम्मीदवारों की क्षमताओं का निर्माण करेगा साथ ही कौशल पहल को आगे बढ़ाएगा। यह उद्योग विशेषज्ञ, प्रशिक्षण देने में सहयोगी (भागीदार), शैक्षणिक संस्थानों और मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य संस्थानों के सहयोग से विकसित 100 घंटे का कार्यक्रम है। सीपीबीएफआई वर्तमान में 23 राज्यों, 100 जिलों और 160 से ज्यादा शहरों के 350 से ज्यादा कॉलेजों में संचालित हो रहा है। इसका उद्देश्य विशेष रूप से टियर 2 और 3 शहरों में स्नातकों और एमबीए उम्मीदवारों में कौशल, ज्ञान और मनोभाव को बढ़ाना है। इससे उन्हें रोजगार की तलाश करने और वित्तीय सेवा क्षेत्र में अपने दीर्घकालिक करियर से संबंधित सही निर्णय लेने में सक्षम बनाया जाएगा।

दोनों समझौते गतिशील पाठ्यक्रम विकसित करने पर केंद्रित है जो वित्त, बैंकिंग एवं बीमा के लगातार विकसित हो रहे परिदृश्य के अनुकूल होंगी। पाठ्यक्रम में नवीनतम उद्योग के रुझान, तकनीकी प्रगति और सर्वोत्तम विधाएं भी शामिल होंगी। एनएसडीसी के साथ साझेदारी को स्किल इंडिया डिजिटल (एसआईडी) पर भी विस्तारित किया जाएगा। यह सरकार की समस्त कौशल एवं उद्यमशीलता अवसरों का एक व्यापक सूचना मार्ग है, जो यह सुनिश्चित करेगा कि छात्र न केवल अकादमिक रूप से सुसज्जित हों बल्कि इन क्षेत्रों की व्यावहारिक वास्तविकताओं में भी आगे बढ़ें।

छात्रों के लिए अमूल्य अवसरों को बढ़ावा देने में रणनीतिक उद्योग के माध्यम से प्रतिष्ठित बैंकों, वित्तीय संस्थानों और बीमा कंपनियों के साथ साझेदारियां भी की जाएंगी। ये साझेदारी इंटर्नशिप, नौकरी पाने के लिए उपयुक्त प्रशिक्षण और वास्तविक दुनिया की उद्योग विधाओं की प्रत्यक्ष झलक प्रदान करती हैं। यह कक्षा में प्राप्त शिक्षा और उद्योग की मांगों के बीच के अंतर को पाटेगा, जिससे पेशेवर भूमिका में बिना किसी रुकावट के परिवर्तन का मार्ग प्रशस्त हो सकेगा।

क्षेत्र संबंधी ज्ञान देने के अलावा इस सहयोग का उद्देश्य संज्ञानात्मक रूप से डिज़ाइन किए गए संचार एवं कार्यस्थल कौशल के माध्यम से उम्मीदवारों का आत्मविश्वास बढ़ाना है। सीपीबीएफआई ने शुरुआत से अब तक टियर 2 और टियर 3 शहरों के 40,000 से अधिक छात्रों को प्रशिक्षित और लाभान्वित किया है।

शिक्षा मंत्रालय के तत्वावधान में एआईसीटीई ने ओडिशा को प्राथमिक राज्य के रूप में नामित किया है। परिणामस्वरूप युवा कौशल कार्यक्रमों की शुरुआत पहले चरण में ओडिशा के दस जिलों में शुरू होगी। इसके तहत छात्रों को बजाज फिनसर्व एवं स्किल इंडिया द्वारा मान्यता प्राप्त संयुक्त प्रमाणपत्र प्राप्त होगा।