हाडोती में सर्वप्रथम ऐसा दुर्लभ ऑपरेशन बूंदी में हुआ-माइनस 27 नंबर के चश्मे को ऑपरेशन से हटाया
बूंदी।KrishnaKantRathore/ – बूंदी के खोजा गेट रोड स्थित अग्रवाल आई एंड स्किन हॉस्पिटल में मोतियाबिंद का एक ऐसा दुर्लभ ऑपरेशन हुआ है, जिसमें रोगी की आंख में माइनस 27 नंबर का चश्मा था। देवपुरा रोड निवासी छोटालाल उम्र 60 वर्ष को बाल्यकाल से ही आंख से धुंधला दिखाई देता था, अभी विगत 2 वर्षों से दिखाई देना बिल्कुल बंद हो गया। विगत मार्च से लोग डाउन होने की वजह से रोगी नेत्र चिकित्सकों से परामर्श भी नहीं ले पाया।
बाद में छोटा लाल ने चिकित्सकों को दिखाया तो पता चला कि मोतियाबिंद अधिक पक चुका है एवं माइनस 27 नंबर का चश्मा भी होने की बात पता चली। अंततः अग्रवाल आई एंड स्किन हॉस्पिटल के मुख्य नेत्र रोग विशेषज्ञ व फेको सर्जन डॉक्टर संजय गुप्ता ने इस जटिल ऑपरेशन करने की जिम्मेदारी अपने कंधों पर ली।
अब अगली समस्या थी कि अधिकांश कंपनियां इतने मायन्स नंबर के लेंस नहीं बनाती है, क्योंकि अधिकतर रोगियों को प्लस 20 से प्लस 23 नंबर तक के लेंस ही लगाए जाते हैं, बहुत छानबीन करने पर बायोटेक कंपनी का आयरलैंड में बना हुआ माइनस नंबर का लेंस आर्डर पर मंगवा कर इस रोगी का अत्यधिक पका हुआ मोतियाबिंद ऑपरेशन फेको पद्धति से बिना टांके व बिना चीरे यह मायन्स लेंस लगाया गया।
डॉक्टर संजय गुप्ता ने बताया कि रोगी को हाई पैथोलॉजिकल मायोपिया नामक गंभीर बीमारी है जिसमें बाल्यकाल से ही मायन्स के हाई नंबर चश्मे होते हैं एवं धीरे धीरे उम्र के साथ आंख का रेटिना भी खराब होता जाता है। मायन्स 20 या इससे अधिक चश्मे के नंबर लाखो में किसी एक व्यक्ति को ही होते हैं!
हाड़ौती संभाग का पहला ऐसा ऑपरेशन …..
डॉ. गुप्ता के अनुसार यह हाड़ौती संभाग का पहला ऐसा ऑपरेशन है जिसमे मायन्स 27 के रोगी का ऑपरेशन हुआ है! मायन्स का 27 नंबर देख कर एक बार तो डॉक्टर गुप्ता स्वयं हैरान रह गए! ऑपरेशन के बाद छोटालाल को लगभग 60-70% रोशनी लौट कर आ गई और रोगी का वह परिजनों की खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा।
डॉ संजय गुप्ता
मुख्य नेत्र विशेषज्ञ व रिफ्रेक्टिव सर्जन
अग्रवाल आई एंड स्किन हॉस्पिटल