ताजातरीनराजस्थान

भारतीय संस्कृति को जीवित रखना है तो हमें वैदिक शिक्षा देनी होगी- अवधेशानंद जी गिरी महाराज

जयपुर.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com-भारतीय संस्कृति को जीवित रखना है तो हमें वैदिक शिक्षा देनी होगी ताकि पीढ़ी हमारे सनातन संस्कृति से जुड़े यह कहना है आचार्य महामंडलेश्वर जूना अखाड़ा श्री अवधेशानंद जी गिरी महाराज का। पूज्य आचार्य अवधेशानंद जी आज यहां जगतगुरू रामानंदाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय के सातवें दीक्षांत समारोह में आशीर्वचन देने के लिए जयपुर पधारे थे।

यहां समारोह स्थल राजस्थान इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में आचार्य महामंडलेश्वर श्री अवधेशानंद जी गिरी महाराज एवं संस्कृत शिक्षा मंत्री श्री मदन दिलावर के बीच चर्चा के दौरान पूज्य महामंडलेश्वर ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अब वेदों के महत्व को लोग जानने लगे हैं। जर्मनी के विश्वविद्यालय में वेद की शिक्षा दी जा रही है। हमें भी वैदिक शिक्षा को बढ़ावा देना होगा। राजस्थान हिंदू सनातन संस्कृति की पुण्य भूमि है। जिसने सदैव सनातन संस्कृति को महत्व दिया है। वैदिक शिक्षा का राजस्थान में विशेष महत्व है। आचार्य महामंडलेश्वर ने कहा कि हमें ज्ञात हुआ है कि आपने वैदिक शिक्षा एवं संस्कृत बोर्ड का गठन किया है। यह उत्तम कार्य है। इसके माध्यम से वेद विद्यालय,वेद पाठशालाएं तथा वैदिक शिक्षा दी जाए तो अति उत्तम होगा।
शिक्षा,संस्कृत शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री श्री मदन दिलावर ने कहा कि हमने प्रदेश में वैदिक एवं संस्कृत शिक्षा बोर्ड का गठन इसलिए किया है कि हमारे यहां बड़ी संख्या में वैदिक पाठशालाएं, वेद विद्यालय और यज्ञशालाएं संचालित है। इस बोर्ड के माध्यम से हम संस्कृत शिक्षा और वैदिक शिक्षा को बढ़ावा देंगे।
मंत्री  मदन दिलावर ने पूज्य आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद जी गिरी को यह भी बताया कि राजस्थान प्रदेश देश का पहला राज्य है जिसमें घुमंतू जाति के लोगों को उनके गांव में ही आवासीय पट्टे निशुल्क दिए हैं। ताकि वह अपना स्थाई आवास बना सके और समाज की मुख्य धारा से जुड़ सके। महामंडलेश्वर जी ने राज्य सरकार के इस प्रयास की प्रशंसा की और इस लोक कल्याणकारी कदम बताया।