राजनीतिराजस्थान

15 दिन में बिल रिवोक नहीं किया तो आर-पार की लड़ाई होगी – रुपेश शर्मा

बूंन्दी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com>>   बूंदी जिले में बढ़ते जनविरोध के बाद सवा माह पूर्व विधानसभा में पारित किये केडीए बिल को तीन दिन पूर्व राज्यपाल द्वारा पुनः विचार के लिए वापस मुख्यमंत्री कार्यालय को लौटा दिया गया। राज्यपाल कलराज मिश्र द्वारा केडीए बिल राज्य सरकार को वापिस लौटाने के बाद केडीए भगाओ बूंदी बचाओ अभियान संघर्ष समिति के संयोजक रुपेश शर्मा ने प्रतिक्रिया देते हुये कहा की राज्यपाल द्वारा बूंदी के आमजन की भावना के विपरीत और असंवैधानिक रीति से यूडीएच मंत्रालय द्वारा लाये गये केडीए बिल पर बूंदी जिले में भारी जन विरोध के मद्देनज़र सरकार को बिल पुनःविचार हेतु लौटाने की कार्यवाही राज्यपाल द्वारा लिया गया उचित निर्णय है।
संयोजक रुपेश शर्मा ने कहा कि अब केडीए बिल को लेकर आगे लिया जाने वाला निर्णय राज्य सरकार के पाले में आ गया है। संयोजक शर्मा ने कहा कि सीएमओं को केडीए बिल को लेकर यूडीएच् मंत्रालय व यूआईटी कोटा को पत्र लिखकर जवाब-तलब की कार्यवाही करने की जगह मुख्यमंत्री जी को विधानसभा में पारित केडीए बिल को रिवोक करने की कार्यवाही कर बिल रद्द करवाना चाहिये। संयोजक शर्मा ने कहा कि हमारे जिले के जिम्मेदार लोग सदन में बिल पेश व पारित होने के दौरान मौन रहे जिसकी बदौलत सरकार की बूंदी के जनभावना विरोधी निर्णय लेने की हिम्मत बढ़ी और जिस दिन सदन में बिल पारित हुआ उस दिन से लेकर आगे तक बूंदी के देहात क्षेत्र के 63 गाँवो सहित जिले के विभिन्न हिस्सों में बिल का लगातार विरोध हुआ जो जारी रहेगा। संयोजक शर्मा ने केडीए बिल के मसले पर कहा कि बूंदी जिले के जनविरोध के मद्देनज़र आगे प्रदेश सरकार 15 दिन में केडीए बिल रिवोक कर बिल रद्द करवाए, अन्यथा केडीए में शामिल होने वाले 63 गांवों सहित जिले भर के लोग केडीए के नाम पर इसे बूंदी जिले की भूमि व अस्तित्व पर जबरन अतिक्रमण मानते हुए इस बूंदी विरोधी निर्णय के विरोध में प्रदेश सरकार से आंदोलन के अगले चरण में आगें आर पार की लड़ाई लड़ने के लिए बाध्य होंगे।