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गुवाहाटी में एचआर कॉन्क्लेव 2.0 आयोजित HR Conclave 2.0 held in Guwahati

HR Conclave 2.0 held in Guwahati
HR Conclave 2.0 held in Guwahati

नई दिल्ली.Desk/ @www.rubarunews.com>> असम डाउन टाउन यूनिवर्सिटी (एडीटीयू) ने 26 नवंबर को एनुअल नेशनल लेवल एचआर कॉन्क्लेव 2.0 का आयोजन गुवाहाटी में किया, जिसमें इस बात पर चर्चा की गई कि कैसे एचआर लीडर्स को नई वास्तविकताओं के अनुकूल होने के साथ-साथ भविष्य के लिए खुद को तैयार रखने और करने की आवश्यकता है। गुवाहाटी में आयोजित कॉन्क्लेव में देश के टॉप एचआर हेड, स्टाफिंग मैनेजर, इंडस्ट्री लीडर्स, एंटरप्रेन्योर और सोशल स्किलिंग ऑर्गेनाइजेशन को एक साथ आए और उन्होंने एचआर के लेटेस्ट ट्रेंड और प्रैक्टीस, बेहतर कार्य करने के प्रभावी तरीकों के बारे में अपने अनुभवों और विचारों को  को साझा किया।

कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और एडीटीयू के मैनेजिंग ट्रस्टी  जौतिष्मान दत्ता के स्वागत भाषण के साथ हुई, जिसके बाद कुलपति प्रो. (डॉ.) नारायण चंद्र तालुकदार ने एडीटीयू के बारे में परिचयात्मक भाषण दिया।

गुवाहाटी में एचआर कॉन्क्लेव 2.0 आयोजित HR Conclave 2.0 held in Guwahati

एडीटीयू के मैनेजिंग ट्रस्टी जौतिष्मान दत्ता ने अपने स्वागत भाषण में कहा, “एकेडमिक और इंडस्ट्री दो अलग-अलग दुनिया हैं जो अलग-अलग तरह से काम करती हैं। हालांकि, बाहर की दुनिया में आ रहे तेजी से बदलाव इन दो अलग-अलग दुनियाओं को एक साथ आने और वास्तविक दुनिया की चुनौतियों को हल करने के लिए मजबूर कर रही है। हालांकि शिक्षण संस्थान लाखों युवाओं को प्रशिक्षण दे रहे हैं, फिर भी कॉर्पोरेट अक्सर शिकायत कर रहे हैं कि उन्हें नौकरी के लिए आवश्यक कौशल और प्रतिभा नहीं मिल रही है। इस प्रकार, इंडस्ट्री की आवश्यकताओं के साथ करिकुलम डिजाइन करना जरूरी हो गया है। भले ही भविष्य में मिलने वाली नौकरियों के नेचर के बारे में भविष्यवाणी करना मुश्किल है, लेकिन लोगों को नौकरियों के लिए तैयार करने के प्रयास जारी रखने चाहिए। मुझे उम्मीद है कि एडीटीयू एचआर कॉन्क्लेव 2.0 हमें उन तरीकों का पता लगाने में मदद करेगा कि एकेडमिक्स और इंडस्ट्री  इस अंतर को पाटने के लिए एक साथ कैसे आ सकते हैं।

उद्घाटन सत्र के मुख्य वक्ता, आईटीसी होटल समूह के एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट और एचआर हेड संजय बोस ने वर्तमान व्यावसायिक परिदृश्य और नौकरियों की उपलब्धता के बारे में बात करते हुए टिप्पणी की, “अधिक फोकस, गति, साहस और इनोवेशन के लिए जगह और आवश्यकता है। फ्लैक्सीबल लीडर रिकवरी को अपने संगठन, टीमों और हितधारकों के लिए एक यात्रा के रूप में देखते हैं। अनुकूल कारोबारी माहौल की अगुवाई में अर्थव्यवस्था में उछाल के साथ, अर्थव्यवस्था के अधिकांश क्षेत्रों में हायरिंग सेंटिमेन्ट्स और एक्टिविटी में तेजी से वृद्धि हुई है। कोविड-19 के बाद, एक बार फिर हॉस्पिटैलिटी, ब्यूटी और वेलनेस, मैन्युफैक्चरिंग, रियल एस्टेट और एविएशन लॉजिस्टिक्स जैसे क्षेत्र फिर से एक्शन में आ गए हैं।”

इस कार्यक्रम में दिलचस्प बातचीत और चर्चाओं की मेजबानी भी देखी गई।कोविड-19 के बाद री-स्किलिंग और अपस्किलिंग के महत्व और वर्कप्लेस पर जेंडर इक्वैलिटी और डाइवर्सिटी को बढ़ावा देने के महत्व पर पहली पैनल चर्चा इंडिया टुडे मैगजीन की एग्जीक्यूटिव एडीटर कौशिक डेका ने संचालित किया,और अमूल जीसीएमएमएफ के एजीएम अपूर्वा मिश्रा,  विप्रो ग्लोबल कैंपस हायरिंग के कैंपस लीड अनुराग कीर्ति, माइक्रोसॉफ्ट कॉर्पोरेशन के प्रोडक्ट मैनेजर अनिकेत दत्ता, द लीला गांधीनगर के डायरेक्टर एचआर धनंजय समरई, डालमिया सीमेंट के एचआर ऑपरेशंस हेड प्रभान बरुआ और क्रेमिका के एचआर लीड तनविंदर सिंह बिंद्रा बतौर वक्ता शामिल हुए।

विप्रो के अनुराग कीर्ति ने कहा की “वर्कफोर्स की ताकत, क्षमताओं और कमियों को समझकर संगठनात्मक विकास को बढ़ावा देने के लिए अपस्किलिंग और रीस्किलिंग दो रणनीतियां हैं। इसलिए, व्यवसायों को अपने कर्मचारियों को चल रहे व्यावसायिक रुझानों के अनुरूप रखने के लिए कौशल विकास कार्यक्रमों को संचालित करना चाहिए; साथ ही, कर्मचारियों द्वारा किसी ऐसी कंपनी में अपना सर्वोत्तम कार्य प्रदर्शित करने की संभावना अधिक होती है जो उनकी विकास  की आवश्यकताओं को पूरा करती है। अपस्किलिंग कर्मचारियों को निरंतर प्रोफेशनल डेवलपमेंट के माध्यम से स्किल गैप को कम करने में मदद कर सकता है ”

काम पर लैंगिक समानता पर विचार साझा करते हुए, लीला के समाराई ने कहा कि समानता और समावेशिता की संस्कृति किसी भी संगठन में इनोवेशन और विकास को चलाने के लिए एक शक्तिशाली उपकरण है।  “कार्यस्थल में लैंगिक विविधता का मतलब है कि कर्मचारियों के पास विभिन्न क्षमताओं और अनुभवों की संभावना अधिक होती है। इसके अलावा, उचित प्रतिनिधित्व और मुआवजा प्रथाओं से बेहतर कर्मचारी जुड़ाव,  टैलेंट अट्रैक्शन और रिटेंशन, और  एफीशिसंसी होती है। इसके अलावा, आज, यह केवल एक कंपनी के भीतर विविधता के बारे में नहीं है बल्कि उस विविधता का लाभ उठाकर बेहतर प्रोडक्ट और सर्विस का उत्पादन करने के लिए है”

पैनल डिस्कशन के दूसरे चरण को, औद्योगिक विस्तार केंद्र की प्रमुख और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एंटरप्रेन्योरशिप की डायरेक्टर, डॉ. श्रीपर्णा भुयन बरुआ ने संचालित किया, जो कि  ‘वर्चुअल हायरिंग – ट्रेंड्स, ऑप्चुर्युनिटी और इपैक्ट’ और इंपैक्ट ऑफ रिमोट वर्क ऑन इम्प्लॉय परफॉर्मेंस’ पर केंद्रित था। इस पैनल के वक्ताओं में सैयद नाहिद कल्युम, सीनियर मैनेजर बी2बी, एक्स्ट्रा मार्क्स एजुकेशन; क्रिस्टिया संगमा, सीनियर एचआर बीपी, स्टार सीमेंट लिमिटेड; सुरूच कुमार, डीजीएच एचआर, भारती एयरटेल लिमिटेड; दीपानिता जायसवाल, प्रबंध निदेशक, ब्रह्मपुत्र टेली प्रोडक्शन, प्राइवेट लिमिटेड; और आत्मागोदारा, एचआर मैनेजर, नेटफ्लिक्स आदि शामिल थे।

वर्चुअल हायरिंग और पोस्ट-कोविड वर्क फ्रॉम होम कल्चर के मौजूदा चलन पर बोलते हुए, नेटफ्लिक्स के आत्मगोदार ने कहा, “हाइब्रिड वर्किंग मॉडल, वर्चुअल ऑनबोर्डिंग और ऑनलाइन मीटिंग – जैसे शब्द, अब रुटिन बन गए हैं। वर्चुअल एम्प्लॉयमेंट के बहुत सारे लाभ हैं – हम अब भौगोलिक निकटता तक सीमित नहीं हैं। तेजी से बढ़ती गिग इकॉनमी के साथ, हम दुनिया के किसी भी कोने से सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओं को काम पर रख सकते हैं, जो अन्यथा पारिवारिक दायित्वों, खर्चों और जीवन शैली में बदलाव के कारण कंपनी में काम करने पर विचार नहीं करते। वर्चुअल कार्य व्यवस्था विशेष रूप से मिलेनियल्स वर्कफोर्स को ट्रैवल करने, रिजूवनेट करने और एक खुशहाल मानसिकता के साथ काम पर वापस जाने की अनुमति देता है। रिमोट वर्कर जब अपने काम को मैनेज करते हैं तो वह वर्कर प्रोडक्टिव बने रहते हैं। जब आप माइक्रोमैनेजिंग नहीं करते हैं या काम के घंटे सेट नहीं करते हैं या कॉल में लगातार चेकिंग करते हैं, तो कर्मचारी बेहतर काम करते हैं।

इसके अलावा, पहल पर टिप्पणी करते हुए, वाइस चांसलर प्रो (डॉ) नारायण चंद्र तालुकदार ने कहा, “जिस गति से बिजनेस कॉन्सेप्ट तेजी से विकसित हो रहे हैं, वह भारतीय अर्थव्यवस्था द्वारा विकास के एक नए स्तर के साथ देखे गए है, जिससे नए व्यापार अवसर खुल रहे हैं और वह अपने साथ नई ऑपरेटिव चुनौतियां लेकर आ  रहें है। हमें कर्मचारियों के लिए कार्यस्थल से परे सामाजिक स्थानों में लीडरशिप के गुण और लोगों में स्किल विकसित करने के लिए रास्ते बनाने की जरूरत है। आज, लोगों और संगठनों को रिलेवेंट बने रहने के लिए अपने कौशल और सीख को लगातार अपग्रेड और अपडेट करने की आवश्यकता है और एचआर की जिम्मेदारी इस निरंतर सुधार और सीखने की साइकिल को सुविधाजनक बनाना है। मुझे उम्मीद है कि हम सभी लेवल पर लीडरशिप डेवलपमेंट के अवसर पैदा करने के लिए भविष्य के कर्मचारियों की जरूरतों में रणनीतिक निवेश करने में सक्षम होंगे।”

इस कार्यक्रम में भी बड़ी संख्या में लोगों ने बड़े उत्साह के साथ हिस्सा लिया। यह सांस्कृतिक प्रस्तुति और गणमान्य व्यक्तियों के सम्मान के साथ समाप्त हुआ।