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रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में बढ़े शाकाहारी वन्यजीव, बाघिन शिफ्टिंग की उम्मीद जगी

बूंदी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com-रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के कोर व बफर जोन के जंगलों में शाकाहारी वन्यजीवों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। टाइगर रिजर्व क्षेत्र के कोर प्रथम कोर द्वितीय व बफर जोन के जंगलों में सुरक्षा बढ़ने से वन्यजीवों की तादात बढ़ना यहां दूसरे राज्यों से बाघों को लाने की उम्मीद जगी है। शुक्रवार को नई दिल्ली से आई केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण की टीम ने टाइगर रिजर्व का दौरा कर शाकाहारी वन्यजीवों की वस्तुस्थिति का जायजा लिया। टाइगर रिजर्व बनने के साथ ही विभाग ने प्रे बेस बढ़ाने पर जोर दिया था और उसके परिणाम भी अब दिखने लगे हैं। जंगल में पहले नीलगायों के अलावा कुछ नहीं दिखता था लेकिन अब सांभर, चीतल व जंगली सूअर बड़ी संख्या में समूह में नजर आने लगे है। टाइगर रिजर्व के बफर जोन भीमलत व कालदां वन क्षेत्र में राज्य पशु चिंकारा सहित सभी वन्यजीवों की बढ़ती संख्या यहां की समृद्ध जैवविविधता के लिए अच्छा संकेत है। रामगढ़ विषधरी अभयारण्य के साथ साथ भीमलत व बांका-भोपातपुरा वन क्षेत्र में घास के मैदान विकसित करने का काम चल रहा है। जंगल में नए जलस्रोत विकसित होने व अनुकूल वातावरण मिलने से अब यहां पर शाकाहारी वन्यजीवों की उपस्थिति से जंगल का रोमांच बढ़ गया है। यहां सांभर, चीतल, जंगली सूअर, चिंकारा,नीलगाय, हनुमान लंगूर, वानर, खरगोश, सहित शाकाहारी वन्यजीवों व पक्षियों की कई प्रजातियां मौजूद है।

मानसून पूर्व वन्यजीवों के सर्वे में जुटा भारतीय वन्यजीव संस्थान

टाइगर रिजर्व क्षेत्र में इन दिनों भारतीय वन्यजीव संस्थान के वैज्ञानिक आधुनिक तकनीक से वन्यजीवों के सर्वे कार्य में जुटे हुए हैं। कोर क्षेत्र के जंगलों का सर्वे पूरा हो चुका है तथा इन दोनों बफर जोन में भोपतपुरा रेंज के भीमलत, मुंडेड़, सुंठी, सीता कुंड आदि वन क्षेत्रों में सर्वे किया जा रहा है। हालांकि अभी तक प्रादेशिक वन क्षेत्र के बफर जोन में वन्यजीवों का सर्वे शुरू नहीं हुआ है जिसमें कलदां जैसे सघन वन क्षेत्र शामिल हैं। उम्मीद है इन क्षेत्रों में भी वन्यजीवों का सर्वे होने से जिले में वन्यजीवों की संख्या के आंकड़ों में वृद्धि होगी।

प्रति किलोमीटर में 25 नीलगायों व 8 जंगली सुअरों की मौजूदगी दर्ज

टाइगर रिजर्व क्षेत्र के कोर 1 क्षेत्र में गत वर्ष किए गए शाकाहारी वन्यजीवों के सर्वे की रिपोर्ट में नीलगायों व जंगली सुअरों की संख्या सर्वाधिक रिकॉर्ड की गई है। भारतीय वन्यजीव संस्थान द्वारा जारी डेन्सिटी रिपोर्ट में प्रति वर्ग किलोमीटर 25 नीलगायें व 8 जंगली सूअर मौजूद थे। हालांकि रिपोर्ट में सांभर व चीतल का घनत्व प्रति वर्ग किलोमीटर लगभग एक ही आया है जिसके नए सर्वे में बढ़ने की उम्मीद है। शाकाहारी वन्यजीवों की सघनता रिपोर्ट के आधार पर ही टाइगर रिजर्व में अन्य राज्यों से बाघों की शिफ्टिंग हो सकेगी।
इनका कहना है
रामगढ़ विषधरी व मुकुंदरा टाइगर रिजर्व में शाकाहारी वन्यजीवों की सघनता का सर्वे चल रहा है और प्रयास है कि जल्दी ही अन्य राज्यों से दोनों टाइगर रिजर्व में बाघों की शिफ्टिंग हो।
सुगनाराम जाट
फील्ड डायरेक्टर रामगढ़ व मुकुंदरा टाइगर रिजर्व