अभियुक्त की गिरफ्तारी और सरकारी सहायता के नाम पर मिला थोथा आश्वासन – हरिमोहन शर्मा
बून्दी विधायक हरिमोहन शर्मा ने कहा कि थाना तालेडा के दर्ज अपराध संख्या 309/24 दिनांक 2 अक्टूबर 2024 धारा – 3(5),109(1) के प्रकरण में 1 माह पूर्व चाकूबाजी करने वाले गुरूप्रीत (गोपी) को पुलिस गिरफ्तार कर लेती और उक्त आरोपी 1 माह तक बून्दी में खुला नहीं घुमता तो मनीष मीणा हत्याकांड की घटना टाली जा सकती थी। विधायक शर्मा ने कहा कि आदतन अपराधी के वांछित होते हुए भी समय पर गिरफ्तार नही होना पुलिस प्रशासन की अकर्मण्यता का सूचक है। इन्होंने कहा कि इसी प्रकार यदि अगर घटना के तत्काल बाद पुलिस की गाडी व सूचना मिलते ही 108 एम्बुलेंस घटना स्थल पर पहुंची जाती तो मृतक मनीष मीणा को बचाया जा सकता था।
दिया जा रहा हैं झूठा दिलासा
आश्चर्य जताते हुए बून्दी विधायक हरिमोहन शर्मा ने कहा कि घटना में लिप्त तीन अभियुक्त पुलिस की गिरफ्त में आने और धरने पर बैठे समाज के नेताओं को सार्वजनिक रूप से आश्वासन देने और बूनदी विधययक को मुख्य अभियुक्त को गिरफ्तारी के लिए आश्वस्त कर दिया था, तो फिर उसी दिन पुलिस अधीक्षक, बून्दी को मुजिमान का ट्रेंस आउट कर सूचना देने के नाम पर इनाम घोषित करने का क्या औचित्य था।
वहीं मीणा समाज के वर्तमान व पूर्व अध्यक्ष की मौजूदगी में धरने पर बैठे लोगो को प्रशासन द्वारा 1 करोड रूपयें की आर्थिक सहायता एवं अपराधियों की शीघ्र गिरफ्तारी हेतु दिए गए आश्वासन पर प्रश्न उठाते हुए इन्होंने कहा कि यह जानते हुए कि यह राशि मिलना संभव नहीं है और राजनैतिक दबाव के कारण झूठे आश्वासन पर वर्तमान एवं पूर्व मीणा समाज के अध्यक्ष के विश्वास पर मृतक का दांह संस्कार करवाया गया था। लेकिन आज तक राज्य सरकार द्वारा कोई आर्थिक सहायता उपलब्ध नहीं कराई गयी और न ही आगे कराई जाने की संभावना दिख रही है।
नहीं मिलेगा पेंशन परिलाभ व बीमा कटौती का लाभ