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राजकीय कला कन्या महाविद्यालय में अर्द्धवार्षिक शोध संगोष्ठी संपन्न

बून्दी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com-राजकीय कला कन्या महाविद्यालय, कोटा के शोध एवं विकास प्रकोष्ठ के तत्वावधान में कैलेंडर वर्ष 2025 का द्वितीय छमाही शोध संगोष्टी का आयोजन संगोष्ठी का आयोजन प्राचार्य डॉ सीमा चौहान की अध्यक्षता और प्रो. राजेंद्र माहेश्वरी, आचार्य संगीत के मुख्य आतिथ्य में ऑनलाइन माध्यम से संपन्न हुआ।
शोधार्थियों ने अपने शोध अनुभवों को साझा करने के साथ-साथ प्रतिभागियों एवं उपस्थित आचार्यों के प्रश्नों के उत्तर भी प्रदान करने के प्रयास किए और उन्हें विशेषज्ञों द्वारा जरुरी मार्गदर्शन भी दिए गए। समारोह के अध्यक्ष एवं विशिष्ट अतिथि द्वारा अपने उद्बोधन में शोधार्थियों को शोध बारीकियां बताने के साथ-साथ उनके प्रयासों की सराहना भी की गई।
शोध एवं विकास प्रकोष्ठ की सदस्या डॉ सुनीता शर्मा ने बताया कि हर वर्ष इस शोध केंद्र के शोधार्थियों के लिए दो शोध संगोष्ठियों का आयोजन किया जाता है, जिसमें शोधार्थी वर्तमान छमाही में हुई अपनी शोध प्रगति साझा करते हैं।
95 शोधार्थी पंजीकृत हैं शोध केंद्र पर
प्रकोष्ठ संयोजक डॉ त्रिभू नाथ दुबे के अनुसार इस शोध केंद्र पर 95 शोधार्थी शोधकार्य हेतु पंजीकृत हैं, जिनमें लगभग 55 शोधार्थियों की शोध रुपरेखा कोटा विश्वविद्यालय द्वारा अनुमत हो चुकी है। शेष लगभग 40 पंजीकृत शोधार्थी पीएचडी कोर्सवर्क और शोध रूप-रेखा के अनुमोदन की प्रक्रिया में हैं। स्वीकृत शोध रुपरेखा वाले 55 शोधार्थियों में से 50 शोधार्थियों ने इस दूसरी अर्द्धवार्षिक शोध संगोष्ठी के लिए पंजीकृत किया और अपनी शोध प्रगति को विषय विशेषज्ञों, शोध पर्यवेक्षकों एवं प्रतिभागी शोधार्थियों के समक्ष प्रस्तुत किया।
आयोजन में डॉ बिंदु चतुर्वेदी, डॉ सुबोध कुमार, एवं डॉ पुनीता श्रीवास्तव सहित विभिन्न विद्वान संकाय सदस्य, शोध पर्यवेक्षक एवं शोध छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे और प्रस्तोता शोधार्थियों का मनोबल बढाया। कार्यक्रम का संचालन शोध एवं विकास प्रकोष्ठ की सदस्य डॉ दीपा स्वामी  एवं संतोष कुमार मीणा ने किया। डॉ पारुल सिंह एवं डॉ प्रियंका वर्मा ने तकनीकि सहयोग प्रदान कर कार्यक्रम कार्यक्रम की निर्बाध प्रस्तुति को सफल बनाया। प्रकोष्ठ संयोजक डॉ टी एन दुबे ने सबका स्वागत करते हुए कार्यक्रम की रूप रेखा के साथ-साथ प्रकोष्ठ की गतिविधियों की जानकारी भी उपलब्ध कराई। कार्यक्रम का समापन डॉ मनीषा शर्मा द्वारा आभार ज्ञापन के साथ हुआ।