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ग्राम पंचायत में परिलक्षित हुआ लाखों का भ्रष्टाचार, ग्रामीणों ने की जांच की मांग

रायपुर कर्चुलियान में हुई पब्लिक ऑडिट जनसुनवाई बड़ी संख्या में ग्रामीण हुए उपस्थित, गिनाई अपनी-अपनी समस्याएं

सामाजिक कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी की उपस्थिति में वह सोशल ऑडिट जनसुनवाई का कार्य व्योहरा ग्राम पंचायत में परिलक्षित हुआ लाखों का भ्रष्टाचार, ग्रामीणों ने की जांच की मांग

 

दतिया @rubarunews.com>>>>>> पंचायतों में भ्रष्टाचार रुकने का नाम नहीं ले रहा है। कोई भी एक ग्राम पंचायत उठाएं और 827 ग्राम पंचायतों में जहां भी जाएं वहीं भ्रष्टाचार देखने को मिलता है। शासन के द्वारा जनता के टैक्स के पैसे से जनता के विकास के लिए ग्राम के विकास के लिए दी जाने वाली राशि का किस प्रकार बंदरबांट किया जा रहा है यह बात ग्राम पंचायतों में आकर ही पता चलती है। चाहे पीसीसी सड़क हो या नाली निर्माण शौचालय हो या पीएम आवास ग्रेवल सड़क हो अथवा कोई बिल्डिंग निर्माण सभी में व्यापक अनियमितता देखने को मिलती है। मनरेगा के कार्यों की तो यह हालात हैं कि सारा काम जेसीबी और मशीन से किया जाता है और फर्जी और मृतक मजदूरों के नाम पर मस्टर रोल जारी कर पैसे का आहरण कर लिया जाता है। ऐसे कार्यों में दलाली प्रथा हावी रहती है जिसमें कुछ सरपंच और उसके दलाल कुछ गिने-चुने अपने फेवर के मजदूरों से मिलकर उन्हीं के खाते में पैसा भेज करते रहते हैं जबकि मौके पर कोई भी मजदूर कहीं कोई काम करता नहीं है

 

*रायपुर कर्चुलियान की व्यवहारी पंचायत में हुई सोशल ऑडिट जनसुनवाई*

आरटीआई की धारा 4 के तहत पंचायत विभाग के पोर्टल पर साझा की जाने वाली जानकारी के तहत दिनांक 8 जनवरी 2021 को ग्राम पंचायत व्योहरा जनपद रायपुर कर्चुलियान में सोशल ऑडिट और जनसुनवाई का कार्यक्रम रखा गया। इस बीच सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण जन उपस्थित रहे। उपस्थित ग्रामीणजनों – उपेंद्र पटेल, हीरालाल पटेल, रामानुज पटेल, त्रिवेणी प्रसाद पटेल, लाल जी पटेल, विनोद प्रसाद पटेल, राजेश पटेल, दिलीप भूरिया, शिवप्रसाद साकेत, मुनिराज नामदेव आदि ने ग्राम पंचायत की विभिन्न समस्याओं पर ध्यानाकर्षण करवाया और अपनी अपनी समस्याएं रखी। इस बीच गांव के ही एक बगीचे में चौपाल का आयोजन किया गया था जिसमें ग्राम क्षेत्र के गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

सोशल ऑडिट और जनसुनवाई की सूचना मनगवां एसडीएम एवं तहसीलदार को भी दी गई थी लेकिन कोई भी मौके पर उपस्थित नहीं हुए। कार्यक्रम के दौरान सामाजिक कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी के साथ शैलेंद्र पटेल, अरुणेंद्र पटेल, पुलिसवाला न्यूज़ चैनल प्रियेश पांडे, प्रिंस बघेल सहित अन्य कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

 

*पीसीसी और ग्रेवल सड़क निर्माण में मिली अनियमितता पुलें थी गायब*

इस बीच सामाजिक कार्यकर्ता शिवानन्द द्विवेदी द्वारा गांव के गणमान्य लोगों के साथ मिलकर ग्राम पंचायत के कार्यों का निरीक्षण और सोशल ऑडिट किया गया जिसमें प्राथमिक पाठशाला व्योहरा जनपद पंचायत रायपुर कर्चुलियान आरोग्य केंद्र व्योहरा, स्कूल परिसर, आंगनबाड़ी केंद्र आदि का भी निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान शासकीय प्राथमिक पाठशाला बंद पाई गई जबकि पाठशाला के परिसर में मवेशी बांधे हुए मिले, आंगनवाड़ी केंद्र खुला हुआ था जिसमें बच्चे पढ़ रहे थे। स्कूल परिसर में बताया गया की टाइल्स के लिए लगभग 4 से 5 लाख रुपये स्वीकृत किए गए हैं लेकिन अभी तक कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है।

 

*इन कार्यों में पाई गई व्यापक अनियमितता फर्जी बिल भुगतान होकर राशि का किया गया बंदरबांट*

सोशल ऑडिट और जन सुनवाई के दौरान जिन जिन कार्यों में व्यापक अनियमितता पाई गई उसमें मुख्य रूप से ग्राम व्योहरा में राकेश पटेल की दुकान से राजमणि तिवारी के घर की ओर पंचायत राज द्वारा अक्टूबर 2017 में 2 लाख 70 हज़ार रु स्वीकृत किया गया था जिसमें कई बिल लगे हुए हैं लेकिन मौके पर सड़क गुणवत्ताहीन पाई गई। इसी प्रकार पीसीसी सड़क नाली निर्माण के नाम पर राकेश पटेल की दुकान से अभय राज पटेल के घर की ओर पंचायत राज्य द्वारा अक्टूबर 2016 में 8 लाख से अधिक राशि निकाली गई लेकिन कार्य गुणवत्ताविहीन मिला और पीसीसी सड़क उखड़ी हुई पाई गई। सबसे बड़ी बात यह थी कि एक ही सड़क के नाम पर दो बार राशि निकाली गई। नाली निर्माण के नाम पर बाबूलाल नामदेव के घर से रामकरण के घर की ओर जनवरी 2016 में भी 4 लाख रु की राशि निकाली गई जिसमें कई फर्जी बिल बाउचर पाए गए परंतु कार्य की गुणवत्ता निम्न दर्जे की मिली। इसी प्रकार अन्य कई पीसीसी और नाली निर्माण के कार्य देखे गए जो मौके पर बहुत ही घटिया किस्म के पाए गए जिसकी उपस्थित ग्रामीणों ने उच्चाधिकारियों से जांच की मांग की है।

 

*विकास के करोड़ों खर्च पर नाले पर नहीं बन पाई पुलिया*

ग्राम पंचायत व्योहरा के ग्रामीणों ने अपनी व्यथा बताते हुए कहा कि उनका टोला लगभग 1000 से अधिक लोगों का है और चकरघटा नामक नाले पर डेढ़ लाख रुपए स्वीकृत किए गए लेकिन अगस्त 2018 से लेकर आज तक वहां पर किसी भी प्रकार की पुलिया निर्माण नहीं हो पाई है। अभी जब ग्रामीणों ने शिकायत की तब जाकर पिछले दिनों दो ह्यूम पाइप गिरा दी गई है लेकिन अभी भी कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है। ग्रामीणों ने बताया कि उनके बच्चों को स्कूल जाने में तकलीफ होती है और साथ में गर्भवती महिलाओं बुजुर्गों के लिए भी बरसात के समय बहुत ही दिक्कत का सामना करना पड़ता है। उपस्थित ग्रामीणों ने पंचायत सचिव और सरपंच पर भ्रष्टाचार और अनियमितता का आरोप लगाते हुए पंचायत के घोटाले की जांच की मांग की है।

 

*नहर मात्र दिखावे के लिए और सूख रही किसानों की फसल*

रायपुर कर्चुलियान जनपद अंतर्गत व्योहरा ग्राम के लोगों ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि नहर निर्माण के नाम पर जल संसाधन विभाग ने उनकी जमीन ले ली और आज 5 साल निर्माण होने को हुआ लेकिन उस नहर में पानी नहीं आया। बताया गया कि यह माइनर नहर शुकुलगवां से पडरिया झांझर – गोरगाओं बुढ़वा बर्रेही होते हुए निकलती है। फिर सब माइनर नहर गोरगांव से व्योहरा 460 होते हुए 462 एवं परसा की तरफ निकलती है। गोरगांव व्योहरा 460 बॉर्डर के पास पानी नही आता क्योंकि वहां पर खुदाई नही हुई है। बताया गया कि वर्ष 2016 से यही हालात है। जल संसाधन विभाग नहर निर्माण से आज तक घर में कोई मेंटेनेंस का कार्य नहीं करवाया है जिससे काफी नहर धंस भी गई है और पानी की ब्लॉकेज आ गई है। उपस्थित ग्रामीणों ने सोशल ऑडिट के दौरान जल संसाधन विभाग और प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि नहर की खुदाई सही ढंग से नहीं हुई है जिसकी वजह से पानी ऊपर की तरफ नहीं आ पाता है। उपस्थित ग्रामीणों ने कहा कि नहर में साइफन नहीं लगाया गया है जिसकी वजह से यह टूट जाती है और पानी ऊपर नहीं चल पाता है। ग्रामीणों ने कहा कि नहर को खोले जाने की आवश्यकता है। जिसकी सभी ने एक स्वर में जिला कलेक्टर से कार्यवाही की मांग की है।

 

*न पात्रता पर्ची और न ही पेंशन की कोई व्यवस्था*

गांव में लगाई गई चौपाल में बुजुर्ग ग्रामीणों और महिलाओं ने बताया की उन्हें पेंशन नहीं मिल रही है जबकि सभी पेंशन के पात्र हैं। कई उपस्थित दिव्यांग लोगों ने बताया कि उनकी दिव्यांगता सर्टिफिकेट भी नहीं बनी है जिसकी वजह से न तो उन्हें दिव्यांग पेंशन मिल रही है और न ही खाद्यान्न मिल रहा है। कई ग्रामीणों ने बताया कि राशन कार्ड और पात्रता पर्ची से उनका नाम कट गया है जिसकी वजह से खाद्यान्न बंद हो गया है। इस पर सामाजिक कार्यकर्ता ने कार्यक्रम आयोजकों को ऐसे समस्त पीड़ितों के नाम आधार नंबर और समग्र आईडी लेकर एक लिस्ट बनाने के लिए निर्देशित किया और कहा कि मामले को कलेक्टर रीवा के संज्ञान में लाया जाएगा और समस्या का समाधान करवाया जाएगा।

 

*आरटीआई लगाने ग्रामवासियों को किया गया प्रोत्साहित*

सूचना के अधिकार आंदोलन की चर्चा करते हुए एक्टिविस्ट ने ग्रामीणों को कहा कि यह अधिनियम काफी मशक्कत के बाद फलीभूत हुआ है और सभी को इसका उपयोग करते हुए अपने अधिकारों के बारे में सजग रहना चाहिए। आरटीआई के विषय में जानकारी देते हुए शिवानंद द्विवेदी ने कहा कि सभी ग्रामीणों को अपनी पेंशन, खाद्यान्न, ग्राम पंचायत के कार्य, स्वास्थ्य, शिक्षा सभी से संबंधित जो भी समस्या है उसके लिए मात्र 10 रु के शुल्क के साथ एक आरटीआई आवेदन संबंधित विभाग में दायर करना चाहिए जिससे उन्हें आसानी से जानकारी मिल जाएगी। यदि जानकारी न मिले तो प्रथम और द्वितीय अपील के विषय में भी बताया गया। बताया गया कि कैसे सूचना के अधिकार का उपयोग कर आम व्यक्ति अपने अधिकारों की माग कर सकता है और एक सशक्त समाज बनाने में योगदान दे सकता है।