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सरकार की विद्युत व्यवस्था पूरे तरीके से फैल – हरिमोहन शर्मा

बूंदी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com- राजस्थान सरकार की विद्युत व्यवस्था एवं अघोषित बिजली कटौती पर बूंदी विधायक हरिमोहन शर्मा ने सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए है।
विधायक शर्मा ने राजस्थान विधानसभा में अपने संबोधन के दौरान राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में की जा रही अघोषित बिजली कटौती एवं विद्युत बिल में वृद्धि के संबंध में अपनी बात रखी , शर्मा ने कहा कि राजस्थान सरकार के ऊर्जा विभाग का विद्युत मैनेजमेंट बिलकुल जीरो है पर्याप्त मात्रा में ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को बिजली आपूर्ति नहीं की जा रही है साथ ही किसी भी समय 6 से 8 घंटे की अघोषित बिजली कटौती की जा रही है जो की दुर्भाग्यपूर्ण है।
शर्मा ने कहा कि जब किसान , मजदूर दिन भर अपने खेत पर मजदूरी कर अपने घर पर आता है और शाम को जब वह अपने बच्चों के साथ बैठता है और उसे घर पर बिजली नहीं मिलती तो अपने आप को ठगा सा महसूस करता है।
निशुल्क बिजली योजना में छूट रहे पात्र लोगों को शामिल करें
शर्मा ने कहा कि पूर्ववर्ती गहलोत सरकार द्वारा चलाई गई निशुल्क बिजली योजना के तहत जो पात्र व्यक्ति रजिस्ट्रेशन के लिए छूट गए थे उन्हें भी सरकार को इस योजना को बंद ना करके पुनः चालू कर लोगों को जोड़ा जाना चाहिए।
2015 तक के विद्युत कनेक्शन देना करे सुनिश्चित
विधायक हरिमोहन शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार को जल्द से जल्द 2015 तक के सभी विद्युत कनेक्शन को निश्चित समय पर किया जाना चाहिए जिससे कि आगे के कनेक्शन दिए जा सके ।
विद्युत मंत्री के बयान को बताया हास्यास्पद
बूंदी विधायक शर्मा ने कहा कि राज्य मंत्री को यह जानकारी शायद ना हो की कोयल का आवंटन भारत सरकार करती है। राजस्थान को जो भी कोयला दिलाया गया वह भारत सरकार ने अपनी इच्छा से कोल खान आवंटित की हे। राज्य सरकार सीधा कोयला ब्लाक का आवंटन नहीं कर सकती इन सबके बावजूद भी हर कीमत पर व्यवस्थित रूप से पूर्ववर्ती सरकार ने किसान मजदूर और हर व्यक्ति के घरेलू कनेक्शन को भरपूर बिजली दि है आपका फ्यूल चार्ज बढ़ाने का आधार तर्कसंगत नहीं है आपने तो जो निर्धारित निशुल्क बिजली जिन पात्र लोगों को दी जा रही थी और जो पात्र लोग उसमें से छूट गए उनको भी निशुल्क बिजली देने से मना कर दिया।
फ्यूल चार्ज बढ़ाना निंदनीय कृत्य
बूंदी विधायक शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि बूंदी जिला मुख्यालय पर आम जन द्वारा अघोषित बिजली कटौती से आक्रोशित होकर अपने अधिकारों के लिए किए गए प्रदर्शन के पश्चात उन पर किए गए झूठे मुकदमों को भी वापस लिया जाना चाहिए।