मध्य प्रदेश

पॉवरमेक कंपनी के नाके सील होने के बाद भी, टेंट लगाकर खुलेआम हो रही बसूली

भिण्ड.ShahikantGoyal/ @www.rubarunews.com>> जिले में पॉवरमेक कंपनी की पोल खुलकर सबके सामने आ चुकी है जिसके बाद भी उनके गुर्गे सील नाकों के आसपास टेंट लगाकर साइड में अवैध बसूली करने में लगे हुए हैं। जिले में दिन-रात बिना परमिशन वाले रेत डंप से वाहनों से रेत उठाकर बसूली का खेल खुलेआम चल रहा है यह बस पुलिस व माइनिंग अफसरो के इशारे पर किया जा रहा है, इसलिए सील नाकों के पास खुलेआम बसूली हो रही है और जहां डंप परमिशन है वहां से आज तक एक भी रेत का धेला नहीं उठाया गया है और ना ही कंपनी के विरुद्ध पुलिस किसी तरह की कार्रवाई कर रही है। सदर विधायक के एक्शन के बाद मामले ने तूल पकड़ा था, जिसके बाद पुलिस ने एक दर्जन गाडिय़ां पकड़कर खाना पूर्ति कर फिर से कंपनी को सुर्पुद कर दी और फिर से अवैध तरीके से जिले में रेत का परिवहन शुरु कर दिया। कंपनी की इतनी फजीहत होने के बाद भी अफसर उनके साथ खड़े होकर अवैध परिवहन को अंजाम देने में लगे हुए है क्योंकि इसके बदले उनके पास दफ्तर में मोटी रकम पहुंच रही होगी, इसलिए ऑवरलोड रेत के वाहन व अवैध डंपों पर किसी तरह की कार्रवाई करने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं और कंपनी लाखों-करोडा़ें का रेत बेचकर रफू चक्कर हो जायेगी।

गोहद के बजाय अन्य खदानों के पास से भरे जा रहे डंपर

प्रशासन के अनुसार पावर मेक कंपनी की जो गाडिया पकड़ी गई थी, वे गोहद की रायल्टी पर मटियावली से रेत भरकर ला रहे थे। यह बात खुद ट्रक ड्रायवरों ने स्वीकार की है। कार्रवाई के बाद कंपनी के डायरेक्टर विवाद करने के लिए माइनिंग नाके पर आ गए। उनके साथ तहसीलदार और प्रभारी माइनिंग अधिकारी भी मौजूद थे। तब जाकर खुद कंपनी के डायरेक्टर ने उगल दिया कि सभी को पैसा बांटते हैं फिर भी उनके ड्राइबरों के साथ मारपीट की जा रही है और व्यापार नहीं करने रहे हैं। इतनी फजीहत होने के बाद भी फिर से माइनिंग व पुलिस कंपनी का साथ दे रही है और खुलेआम अवैध परिवहन शुरु कर दिया है।

पावरमेक कंपनी गलत तो कार्रवाई क्यों नहीं की गई

ज्ञात हो कि विगत दिनों गोहद की रायल्टी पर जिले की दूसरी खदानों से रेत भरकर बेच रही पावर मेक कंपनी पर कार्रवाई करने के लिए तहसीलदार, माइनिंग अधिकारी ने प्रशासनिक अमले के साथ कनकूरा के पास तीन ट्रक रोक लिए। वहीं ट्रक ड्रायवरों ने यदि यह बात स्वीकार ली कि वे गोहद के बजाय दूसरी खदानों से रेत भरकर ला रहे हैं तो फिर उनके खिलाफ  कार्रवाई क्यों नहीं की गई। जब इस सवाल को लेकर तहसीलदार व माइनिंग अफसरों की कार्रवाई संदेह के घेरे में दिखाई दे रही है।