महिलाओं को चुनाव में बराबरी का अधिकार डॉ भीमराव अंबेडकर ने दिलाया – पुलिस अधीक्षक
श्योपुर.Desk/ @www.rubarunews.com- महिला सशक्तिकरण और डॉ भीमराव अम्बेडकर जयंती सप्ताह पर गत दिवस परिचर्चा का महाविद्यालय में आयोजन किया गया था।
डॉ भीमराव अम्बेडकर की 130 वी जयंती के उपलक्ष्य में श्योपुर महाविद्यालय में महिला सशक्तिकरण विषय पर एक परिचर्चा का आयोजन किया गया। परिचर्चा में मुख्य अतिथि पुलिस अधीक्षक संपत उपाध्याय ने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि महिलाओं की आर्थिक रूप से मजबूती पर जोर दिया। महिलाओं की स्थिति गांव में और शहर में अलग-अलग होती है। महिलाओं को चुनाव में बराबरी का अधिकार डॉ भीमराव अंबेडकर जी की देन है .डॉक्टर अंबेडकर ने महिलाओं को संपत्ति में बराबरी का अधिकार दिलवाया.
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि डॉ अम्बेडकर को एक अर्थशास्त्री ,ज्ञान का सागर ,महिलाओं के अधिकार को संविधान में अंकित करने वाला बताया.राजनीति शास्त्र के प्राध्यापक डॉ रमेश भारद्वाज ने बाबा साहेब द्वारा समतामूलक समाज की स्थापना के लिए किए गए कार्यो पर प्रकाश डाला.
मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर बीरेंद्र शाक्य ने हिंदू कोड बिल को महत्वपूर्ण बताया . कन्या भ्रूण हत्या कानून के बाद भी पुत्र के जन्म को महत्व देना चाहे सरकार ने इसे गैरकानून बना रखा है. मंदसौर तहसीलदार नारायण धाकड़ ने बाबा साहब की जिंदगी पर प्रकाश डाला और कहा कि बाबा साहब की देन है कि समाज के हर वर्ग में बराबरी बाबा साहब की देन है. डॉ अंबेडकर की देन है कि महिलाओं को समानता का अधिकार मिला है.
डॉ संगीता शाक्य ने हिंदू कोड बिल पर प्रकाश डाला और बताया डॉ आंबेडकर की देन है कि शोषित और वंचित आज अपने मुकाम पर है . दासी प्रथा जैसी कुरीतियों को खत्म करने में डॉक्टर बी आर अंबेडकर की अहम भूमिका रही है. सहायक प्राध्यापक खेमराज आर्य ने डॉ बी आर अंबेडकर द्वारा साइमन कमीशन,पूना समझौता, चवदार तालाब सत्याग्रह,और सत्याग्रह पूना समझौता संविधान में दिए गए मौलिक अधिकारों आदि पर प्रकाश डाला इसके साथ 1951 में भारतीय संसद में महिला सशक्तिकरण के लिए प्रस्तुत हिन्दू कोड बिल ( उत्तराधिकार, विवाह, तलाक आदि के अधिकार)पर भी प्रकाश डाला.
सहायक प्राध्यापक डॉ बीरेंद्र सिंह ने डॉ अम्बेडकर की उस युक्ति पर जोर दिया मस्तिष्क का विकास ही मानव का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए. साथ ही बताया कि अंग्रेजों के आने से पहले भारत में महिलाओं को शिक्षा प्राप्ति का अधिकार नहीं था.
महिलाओं की शिक्षा के लिए पहल करने में महात्मा ज्योतिबा फुले और सावित्री बाई फुले की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. सभी वर्गों और जातियों को शिक्षा के लिए डॉ अम्बेडकर ने पैरवी की. साथ ही शोषितों को समानता , स्वतंत्रता और बंधुता का अधिकार भारतीय संविधान में दिलाने में डॉ अम्बेडकर ने मुख्य भूमिका अदा की.कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए शासकीय स्नातकोत्तर अग्रणी महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ एस डी राठौर ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि डॉ अम्बेडकर भारत में समानता और स्वतंत्रता के स्वतंत्रता सेनानी थे. डॉ अम्बेडकर के विषय में कुछ भी कहना सूर्य को दीपक दिखाने के समान है. महिला सशक्तिकरण के लिए उन्होंने अथक प्रयास किये और भारतीय संविधान में महिलाओं को पुरुष के बराबर अधिकार भी दिलाने में प्रमुख भूमिका निभाई।
इस कार्यक्रम में मंच संचालन सहायक प्राध्यापक प्रताप शाक्य ने किया. कार्यक्रम में डॉ ओपी शर्मा, डॉ संगीता जैतवार, डॉ परवीन वर्मा, डॉ रेखा सोलंकी, डॉ वीर सिंह बर्डे,डॉ नेहा चौहान,डॉ श्याम बामनिया, सहायक प्राध्यापक ज्योत्सना मेघवाल, विनीता डावर, सीमा चौकसे, भारती जमरा,प्रकाश अहिरवार, महेंद्र कैथवास, दत्तपाल भंवर, राजाराम मुवेल, विकास सोनी, सुरेन्द्र सिंह सेंगर, शिवम साहू, सुरेन्द्र जाटव आदि उपस्थित रहे।