वरिष्ठ कवि और चिंतक अशोक शाह का कविता पाठ – अवदान पर विमर्श
भोपाल.Desk/ @www.rubarunews.com-प्रगतिशील मानवीय मूल्यों और अपनी वर्ग चेतना के लिए प्रतिबद्ध कवि ,चिंतक अशोक शाह के जन्म दिन पर उनके साथियों द्वारा अशोक शाह का कविता पाठ और उनके अवदान पर विचार विमर्श स्थानीय एकता परिषद के कार्यालय ( गांधी भवन) में 11 जनवरी को आयोजित किया गया।
श्री अशोक शाह ने इस अवसर पर अपनी प्रतिबद्धता और वर्ग चेतना को अभिव्यक्त करती कुछ कविताओं का पाठ किया।
अपनी कविता ” जब बोलना ज़रूरी हो ” का पाठ करते हुए अशोक शाह ने कहा _
” कवियों ,पक्षियों , मज़दूरों
मजबूरों ,लेखकों ,पत्रकारों और
पाठकों को बोलना ही चाहिए
अन्यथा अपने ही देश में हमें
चिपका दिया जाएगा दीवारों पर पोस्टर की तरह
हमारे बोलने से टूटती हैं रूढ़ियां
मुक्त होती है बन्द ऊर्जा
स्पंदित होता संवेग
बनती है कुछ और जगह
आने वाली पीढ़ियों के लिए।”
एक अन्य कविता में अशोक शाह ने कहा _
” दुनियां में जहां भी अंधेरा है
वहां ज़रूरी प्रश्न
पूछे जाने शेष हैं। ”
अशोक शाह ने अपनी विभिन्न कविताओं में प्रकृति ,वंचित तबकों की पुकार को अभिव्यक्त किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ पत्रकार श्री लज्जा शंकर हरदेनिया ने श्री अशोक शाह की कविता ” द्रोण,तुम मर क्यों नहीं जाते …” का पाठ किया तथा वंचित ,दलित और अन्याय से ग्रस्त जनता के प्रति अशोक शाह की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।इस तारतम्य में श्री लज्जा शंकर हरदेनिया ने रायसेन जिले में बंधुआ मजदूरों की मुक्ति के लिए श्री अशोक शाह द्वारा किए गए प्रेरक अभियान का विशेष रूप से उल्लेख किया ।
वरिष्ठ श्रमिक नेता और एटक के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कॉमरेड हरिद्वार सिंह ने अशोक शाह के प्रेरक व्यक्तित्व और कृतित्व को रेखांकित किया तथा श्रमिक संगठनों के हित में अशोक शाह द्वारा किए गए कार्यों का उल्लेख किया।
अशोक शाह की कविताओं पर टिप्पणी करते हुए युवा साहित्यकार और समाजसेवी सत्यम पांडे ने अशोक शाह की कविताओं में वर्ग चेतना और अभिव्यक्ति के खतरे उठाने की प्रवृत्ति का उल्लेख किया ।
सेवा निवृत्त आई ए एस श्री अजय सिंह गंगवार ने अपने विभिन्न संस्मरणों के माध्यम से श्री अशोक शाह की पक्षधरता और प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।
कार्यक्रम का संचालन शैलेन्द्र शैली ने किया ।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में विभिन्न गणमान्य लोगों ने श्री अशोक शाह के जन्म दिन पर उनका स्वागत किया ।
इस अवसर पर वरिष्ठ आई पी एस अधिकारी सुश्री अनुराधा शंकर , सेवा निवृत्त प्रशासनिक अधिकारी असंगघोष ,विभिन्न क्षेत्रों के गणमान्य नागरिक ए एच सिद्दीकी,शिवशंकर मौर्य, एस एस शाक्य ,प्रवीण जैन ,रघुवीर तिवारी आदि उपस्थित हुए। अंत में शैलेन्द्र शैली ने आभार व्यक्त किया।