श्रीमद्भागवत कथा सुनने उमडा भक्तों का भारी जन सैलाब-कथा सुनकर भाव विभोर हुए श्रद्धालु
भिण्ड.ShashikantGoyal/ @www.rubarunewsworld.com>> मिहोना नगर के ऐतिहासकि धाम गथाई मन्दिर के समीप वार्ड 9 में श्रीमद् भागवत कथा का चल रहा आयोजन आजकी भागवत कथा मे पूज्य कथा वाचक पंडित हित आकाश जी महाराज वृंदावन धाम ने भक्त प्रहलाद के जन्म की कथा सुनाई। साथ ही राजा बलि ओर बामन भगवान की कथा सुनाई गई। भगवान के बालचरित्र की कथा सुनाई, भगवान के जन्म के उपरांत पूरा पंडाल जगमगा उठा और नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की गूंज से पंडाल गूंज उठा महाराज श्री के द्वारा सुंदर भजन गायन के द्वारा भगवान के जन्मोत्सव के आनंद को आनंदित कर दिया। वही भगवताचार्य हित आकाश महाराज ने कहा की माता पिता की सेवा सबसे बडा पुण्य होता है उन्होने कहा माता पिता संसार मे प्रत्यक्ष देवता है इनकी सेवा ही सबसे बडा भजन है आप भजन न करे, मंदिर न जाये, कथा न सुने चलेगा पर यदि आप अपने माता पिता की सेवा नही करते है तो नही चलेगा, जो व्यक्ति अपने माता-पिता को कष्ट देता है वो जीवन मे कभी सुखी नहीं रह सकता, माता-पिता की आंखो से जीवन मे सिर्फ दो ही वार आंसू निकलते है एक जब बेटी घर छोड़कर जाती है तब और दूसरा जब बेटा मुख मोडता है तब, भगवान राम ने भी कहा है की वही पुत्र भाग्यवान होता है जो माता-पिता के वचनों को मानता है ऐसे व्यक्ति की मु_ी मे पुण्य के चारो पदार्थ होते है अर्थ, धर्म, काम, मोक्ष, जिनको माता-पिता के लिये बेटा प्राणों से प्रिये होता है, बेटे के लिय कितने भी कष्ट सहन करते है कितनी भी सर्दी पड़ रही हो बालक यदि बिस्तर पर पिसाब कर लेता है तो माँ उसे सूखे मे लेटाकर खुद रात भर गीले मे लेटी रेहती है एक माता के कितने भी बच्चे हो उनका पालन पोषण करने मे उसे कभी कोई कष्ट नही होता है पर विडंबना तो ये है की जब वह बूंडे हो जाते है तब 10 पुत्र भी मिलकर अपने माता पिता को सुखी नही रख पाते यह व्याख्यान उन्होने श्रीमद्भागवत कथा के दौरान कहे। इस मौके पर कथा पारीक्षत अंजनी शिवहरी चौधरी सहित मातमगण मान्य उपस्थित रहे।