दीक्षा गुरु एक ही होता है,शिक्षा गुरु अनेक हो सकते हैं – पं. शिव लहरी
बून्दी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com- नगर परिषद की गली गोपी स्थल में चल रही 18 वर्षीय धुणी तपो साधना के उपलक्ष में भागवत ज्ञान यज्ञ के सातवें दिन पं शिवलहरी गौतम में भगवान दत्तात्रेय विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भगवान दत्तात्रेय ने अनुभव सिद्ध बात कही है कि आनंद बाहर के विषयों में नहीं भीतर है और उन्होंने बताया कि दीक्षा गुरु एक होता है किंतु शिक्षा गुरु अनेक हो सकते हैं भगवान दत्तात्रेय ने अपने 24 गुरुओं जैसे धरती ,वायु, आकाश, जल ,अग्नि चंद्रमा ,सूर्य ,कबूतर, अजगर समुद्र, पतंगा, भ्रमर, हाथी, मधुमक्खी आदि से भी शिक्षा ली है। उन्होंने सत्संग की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि वृत्रासुर, प्रहलाद, बलि राजा, विभीषण, सुग्रीव,, कुब्जा, ब्रज की गोपियों आदि सत्संग के द्वारा ही भगवान को प्राप्त कर सके वे वेदों से भी अज्ञात थे और उन्होंने तप भी नहीं किया था फिर भी सत्संग प्रेरित भक्ति के कारण वो भगवान के प्रिय पात्र बने।
इस अवसर पर. पं शिवलहरी गौतम ने नशा मुक्ति के लिए भी प्रेरित करते हुए लोगों से संकल्प करवाया। भक्तिमय भजनों पर भाव विभोर श्रोता समूह बनाकर आनंद से नृत्य करने लगे। बुधवार को मुख्य आरती में विधायक हरि मोहन शर्मा महामंडलेश्वर लक्ष्मण दास जी महाराज सीसवाली वाले, श्रवण दास जी महाराज व वार्ड पार्षद टीकम जैन ने शिरकत की। इस दौरान गोपी स्थल में हरिमोहन शर्मा द्वारा बोरिंग लगाने की घोषणा की गई। यहां नितेश शर्मा नीटू, नारायण सैनी विनोद सिंह, पवन शर्मा सोहन लाल, मुकेश दुबे, रूद्रेश दाधीच, सुरेंद्र शर्मा, अशोक तलवास, बाबूलाल, बजरंग लाली, राम प्रिया दास जी महाराज, रामदास महाराज, देवदास महाराज सहित साधु संत मौजूद रहे।