भारत के स्वाधीनता संग्राम में कम्युनिस्टों का योगदान,विषय पर सेमिनार आयोजित
भोपाल.Desk/ @www.rubarunews.com-आजादी के पचहत्तर साल के अवसर पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की भोपाल जिला परिषद के तत्वाधान में एक सेमिनार का आयोजन किया गया जिसका विषय था- भारत के स्वाधीनता संग्राम में कम्युनिस्टों का योगदान।
सेमिनार में मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ साहित्यकार और इतिहासविद प्रो इक़बाल मसूद और मुख्य वक्ता के रूप में साथी सत्यम पाण्डेय उपस्थित थे। सेमिनार का संचालन और आधार वक्तव्य जिला सचिव शैलेन्द्र कुमार शैली ने प्रस्तुत किया। अध्यक्षता कॉमरेड ए एच सिद्दीकी और आभार प्रदर्शन कॉमरेड गुण शेखरनी ने किया। इस अवसर पर पूर्व आईपीएस अधिकारी श्री एम डब्लू अंसारी सहित बड़ी संख्या में पार्टी साथी और शुभचिंतक उपस्थित रहे।
सेमिनार के मुख्य वक्ता प्रो इक़बाल मसूद ने भारत के स्वाधीनता संग्राम में कम्युनिस्टों के अविस्मरणीय योगदान की चर्चा करते हुए बताया कि सोवियत क्रांति के पहले ही भारत मे साम्यवादी विचारों की दस्तक हो चुकी थी और कम्युनिस्ट इंटरनेशनल में भारतीय प्रतिनिधित्व होने लगा था। भारत के साहित्यिक जगत में साम्यवादी विचारों का प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगा था और उसने आजादी की लड़ाई को प्रभावित भी किया। दरअसल किसानों, मजदूरों और छात्रों आदि के देशव्यापी संगठन तैयार कर नवगठित कम्युनिस्ट पार्टी ने आजादी की लड़ाई में आम जनता को जोड़ने में बड़ी भूमिका अदा की थी।
साथी सत्यम पाण्डेय ने बताया कि सोवियत क्रांति के प्रभाव स्वरूप पूरी दुनिया के राष्ट्रीय आंदोलनों का चरित्र जनपक्षधर होने लगा। सबसे पहले पूर्ण स्वराज्य का विचार और इंकलाब जिंदाबाद का नारा मौलाना हसरत मोहानी ने दिए जो कम्युनिस्ट पार्टी के संस्थापक भी थे। भगतसिंह जैसे क्रांतिकारियों ने समाजवादी भारत का सपना देखा और उनके संगठन के अधिकांश साथी कम्युनिस्ट पार्टी में शामिल हुए। इसी तरह नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने जो पार्टी फारवर्ड ब्लॉक बनाई थी, वह आज भी वामपंथी मोर्चे का हिस्सा है। उनकी आजाद हिंद फौज की कमांडर लक्ष्मी सहगल आजीवन कम्युनिस्ट पार्टी में रही। हमारी आजादी की लड़ाई के मूल्य हमारे संविधान में परिलक्षित होते हैं इसलिए हमारा संविधान हमारी देशभक्ति का सबसे महत्वपूर्ण प्रतीक है। आज हमारे सत्ताधीश तिरंगा यात्रा आदि के नाम पर नकली राष्ट्रवाद का प्रदर्शन कर रहे हैं तो दूसरी तरफ संविधान को कमजोर भी कर रहे हैं।
इस अवसर पर वरिष्ठ नेता डीडी शर्मा, आरके तोतरे, फिदा हुसैन, नवाब उद्दीन आदि ने भी संबोधित किया।