नलों से आने वाला दूषित पेयजल बीमारियों दे रहा है आमंत्रण
कोरोना महामारी से तो आदमी एक बार बच जाए लेकिन दूषित पेयजल के उपयोग से उसका बचना मुश्किल ही नहीं बल्कि नामुमकिन है
दतिया @rubarunews.com>>>>>>>>>>>>> एक तरफ तो लोग संपूर्ण लॉक डाउन के कारण अपने घरों में कैद है वहीं दूसरी ओर उन्हें जल संकट से भी जूझना पड़ रहा है। घर से बाहर निकलने पर बेहद संवेदनशील जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी, कर्मचारी जोर आजमाइश, खुली जेल व जुर्माने की प्रक्रिया करने में देर नहीं करेंगे।
जैसे तैसे दुर्गति का शिकार जलबर्धन योजना से कुछ दिन के अंतराल से अगर थोड़े बहुत नल आ भी जाते है तो नलों से इतना गंदा पानी आ रहा है जो पीने योग्य बिल्कुल नहीं है।
दतियावासी इस महामारी के संकट काल मे कोरोना महामारी से तो आदमी बच जाए लेकिन नलों से आते गंदे पानी से उसका बचना मुश्किल ही नहीं बल्कि नामुमकिन है।
जिला चिकित्सालय व मेडीकल कॉलेज में वर्तमान स्थिति के चलते केवल कोविड मरीजों को बमुश्किल सुविधाएं मिल पा रही हैं ऐसे में यदि दूषित पेयजल के उपयोग से होने वाले संक्रामक रोगों से कैसे निबटा जाएगा।
शहर में पैसे वाले तो पानी ख़रीद लेंगे लेकिन गरीब आदमी को तो नलों से आते गंदे पानी का सेवन करना है और बीमार पड़ना है। इस पर समुदाय ने मीडिया व प्रशासन का ध्यान आकर्षित करने हेतु आवाज उठाई है।