शहर की सड़कें बनी तालाब-सड़कों को लीज पर लेकर मछली पालन के मिल रहे सुझाव
भिण्ड.ShashikantGoyal/ @www.rubarunewsworld.com>> शहर की तालाब बनी सड़कों की फोटो इन दिनों जमकर वायरल हो रही है। ज्ञात हो कि विगत तीन दिन से हुई बारिश के कारण सड़कों पर कीचड़ और पानी भरने से तालाब की आकृति बना रही है। जिससे सोशल यूजर्स अपनी- अपनी गली मौहल्लों की सड़कों की फोटो खींचकर वायरल कर सुझाव देने में लगे हैं। एक सोशल यूजर्स ने यहां तक कह डाला कि भिण्ड शहर की सड़कों को लीज पर लेकर मछली पालन में उपयोग कर लेना चाहिए। जिससे धन संरक्षण अधिक मात्रा में होगा। शहर की सड़कों का इस तरह ट्रॉल होना भिण्ड शहर के विकास नाकामयाबी दर्शा रहा है। सड़कों का तालाबों की तरह बनने के पीछे वर्तमान में चार लोगों को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। जिसमें मुख्य रूप से सीवर प्रोजेक्ट, अमृत जल योजना प्रोजेक्ट, मुख्य नगरपालिका अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि का ध्यान न देना। शहर में चल रहे दोनों प्रोजेक्टों के चलते शहर के सभी वार्डों की सड़कें खुदी पड़ी है। जिनकी न तो मरम्मत कर भरपाई की गई और न ही इसके निर्माण कार्य के लिए कोई ठोस कदम उठाये जा रहे हैं। कंपनी के ठेेकेदारों द्वारा सड़कें खोद दी जाती है लेकिन बाद में उसकी महीनों तक सुध नहीं ली जाती है जिसका खामियाजा वार्डवासियों और शहर की जनता को उठाना पड़ता है। शहर के कई वार्ड ऐसे है जिनमें कंपनी के ठेकेदारों द्वारा 6 महीने पूर्व सीवर डालने का कार्य किया गया था लेकिन उनकी मरम्मत न करने की वजह से सड़कें धंसक गई और बड़े बड़े गड्ढे पड़ गए जिससे रोज दुर्घटनाएं घटित हो रही है।
प्रशंसा प्रमाण पत्र मिलने की खुशी में भूले शहर की वास्तविक स्थिति
कलेक्टर सतीश कुमार एस द्वारा बीते दिनों सीएमओ सुरेन्द्र शर्मा की कार्यप्रणाली पर प्रशंसा प्रमाण पत्र तो दे दिया लेकिन सीएमओ प्रमाण पत्र लेने के बाद जनता की ओर देखना भूल गए। कलेक्टर सतीश कुमार एस को शहर की जमीनी स्थिति का अहसास न कराते हुए कागजी कार्यवाही में खुश रखकर प्रशंसा पत्र तो प्राप्त कर लिया परन्तु जनता द्वारा जो जनप्रतिनिधियों एवं कलेक्टर के चैम्बरों का चक्कर लगाए जा रहे हैं उससे भी अनदेखा नहीं किया जा सकता।
कार्यवाही के नाम पर आश्वासन का ठेंगा
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यदि कोई वरिष्ठ पदाधिकारी व राजनेता सीएमओ सुरेन्द्र शर्मा के खिलाफ कार्यवाही करने की सोचता है तो हवा में चल रही कागजी मापतौल दिखाकर शांत कराने की सोचते हैं और जनता को आश्वासन का ठेंगा दिखाकर मामले को ठण्डे बस्ते में डाल दिया जाता है।
जनता को अच्छे अधिकारी की आशा
शहर की माली हालत का सर्वे करते हुए जब टीम ने वार्ड के लोगों से बातचीत की तो चर्चा में सामने आया कि शहर का विकास तो भगवान भरोसे रहा, गली मौहल्ले की गलियां भी जो गड्ढे में तब्दील हो गई वो भी तो अच्छे अधिकारी मिलने पर पूर्ण कराये जाने की आशा लगाई जा रही है। वहीं नगरपालिका सीएमओ सुरेन्द्र शर्मा का जनता की नजरों में निंदनीय स्थिति बनी हुई है।
नाला, नाली चौक
शहर के छोटे छोटे नाले जो बरसात से पहले साफ किए जाते हैं वो भी योजनाबद्ध तरीके पूर्व में साफ न किए जाने से नाले नालियां जल्दी ओवरफ्लो हो जाती है और उनका पानी सड़क पर भरने लगता है कुछ स्थानों पर नाले नालिया भी चौक हुए देखे गए हैं। जिससे पानी सड़क से जल्दी नहीं उतर पाता है और घण्टो तक सड़कें तालाब में तब्दील रहती है।