कार वाशिंग सेंटर पर बाल श्रम: चाइल्ड हेल्पलाइन ने दो बच्चों को कराया मुक्त, एक को सालाना 50 हजार रुपये में खरीदा था
बूंदी. krishnakantRathore/ @www.rubarunews.com-शहर के देवपुरा पेट्रोल पंप के पास एक कार वाशिंग सेंटर पर बाल श्रम कराए जाने का मामला सामने आया है। चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 ने मंगलवार को कार्रवाई करते हुए दो नाबालिगों को मुक्त कराया। एक बच्चे को नियोक्ता ने उसके पिता को सालाना 50 हजार रुपये देकर काम पर रखा था, जबकि दूसरे को 300 रुपये की दिहाड़ी दी जा रही थी। टीम ने दोनों बच्चों को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश कर राजकीय किशोर गृह में अस्थायी आश्रय दिलाया है। नियोक्ता के खिलाफ बालश्रम अधिनियम और किशोर न्याय अधिनियम के तहत मामला दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
चाइल्ड हेल्पलाइन के जिला समन्वयक रामनारायण गुर्जर ने बताया कि जयपुर कंट्रोल रूम से सूचना मिली थी कि देवपुरा स्थित एक कार वाशिंग सेंटर पर दो नाबालिगों से काम करवाया जा रहा है। सूचना मिलते ही मानव तस्करी यूनिट के कांस्टेबल संजय कुमार, लेखराज और चाइल्ड हेल्पलाइन की टीम मौके पर पहुंची।
*12 घंटे काम, साल भर की गुलामी का सौदा*
बाल समिति अध्यक्ष सीमा पोद्दार ने बताया कि टीम जब मौके पर पहुंची तो दोनों बच्चे काम करते हुए मिले। पूछताछ में एक बच्चे ने बताया कि वह सुबह 8 बजे दुकान खोलता था और रात 8 बजे बंद करता था। उसे घर जाने की इजाजत भी नहीं थी, वह सेंटर पर ही रहता था और 7 दिन में एक बार घर जा पाता था। नियोक्ता ने उसके पिता को एक साल के लिए 50,000 रुपये एडवांस दिए थे। वहीं, दूसरा बच्चा रोजाना 300 रुपये पर काम कर रहा था और रात को अपने घर चला जाता था।
*नियोक्ता के खिलाफ मामला दर्ज*
टीम दोनों बच्चों को संरक्षण में लेकर चाइल्ड हेल्पलाइन कार्यालय लाई, जहां श्रम विभाग की निरीक्षक रेणु परीडवाल की मौजूदगी में उनके बयान दर्ज किए गए। इसके बाद सदर थाने में रोजनामचा में सूचना दर्ज कराकर बच्चों को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया गया। समिति के आदेश पर उन्हें राजकीय किशोर गृह में अस्थायी प्रवेश दिलाया गया है। चाइल्ड हेल्पलाइन द्वारा नियोक्ता के खिलाफ बाल श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम 2016 और किशोर न्याय अधिनियम की विभिन्न धाराओं में प्राथमिकी दर्ज करवाई जा रही है।