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वर्ष 2025 के चातुर्मास का श्रीफल आर्यिका संघ को किया भेंट

बूंदी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com- शहर के चौगान जैन मंदिर में विराजमान गणिनी आर्यिका 105 सत्यवती माता व आर्यिका 105 हेमश्री माता जी को रविवार को दिगंबर जैन खंडेलवाल (सरावगी) समाज की ओर से चातुर्मास का श्रीफल भेंट किया। समाज के महिला पुरुष समाज अध्यक्ष संतोष पाटनी व चतुर्मास समिति संयोजक दीपक गंगवाल की अगुवाई में भजनों पर नृत्य करते हुए हाथों में श्रीफल की टोकरी लेते हुए पहुंचे और वर्ष 2025 का चातुर्मास बूंदी में करने का आग्रह किया। इससे पूर्व हुई धर्मसभा में आर्यिका माता ने अपने प्रवचन में कहा कि  खेल में हार जीत चलती है वैसे ही जुए में जीत वाले को अहम आ जाता है तो वो फिर से दुबारा जीत के लिए खेलता है मतलब वो अपनी जीत से संतुष्ट नहीं हो पाता है । उन्होंने कहा कि जुआ सट्टे की लत
अच्छी नहीं है..कहने का उद्देश्य यह है कि जीवन में कभी लालच नहीं करनी चाहिए। माताजी ने णमोकार महामंत्र के  शक्ति के बारे में बताया। माता जी ने कहा कि हम करोड़ों कार्य के काम छोड़ कर या जीवन में कोई आपत्ति या बीमारी होती है तो हम भगवान को याद करते है। भगवान के चरणों में झुकोगे तो  पॉजिटिव ऊर्जा का संचार होगा।। मिथ्या ऐसा चिपका होता है आत्मा के साथ जिससे कि हमे दिखाई नहीं देता कुछ सूचता ही नहीं है,लिकिंग भगवान के दर्शन करने से सब विकट दूर हो जाते है। यह कितना सौभाग्य की हमने जैन कुल में जन्म लिया की हमे जिनवाणी देखने ओर प्रभु के चरणों में बैठने का अवसर मिला है। अंत में आर्यिका माता जी ने चातुर्मास कि प्रकिया पर प्रकाश डाला।