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अंगदान कर नौ लोगों को दे सकते हैं ज़िंदगी, जिलें में 643 लोगों ने ली अंगदान की शपथ

बून्दी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com>> चिकित्सा विभाग द्वारा विकसित भारत संकल्प यात्रा शिविर के दौरान सभी ग्राम पंचायतों पर आयोजित किए जाने वाले हेल्थ मेले में अधिकाधिक लोगों को नेशनल ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट आर्गेनाइजेशन के लिंक के माध्यम से अंगदान की शपथ दिलाई जा रही है।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. ओ पी सामर ने बताया कि चिकित्सा विभाग द्वारा विकसित भारत संकल्प यात्रा शिविर के दौरान सभी ग्राम पंचायतों पर आयोजित किए जाने वाले हेल्थ मेले में अधिकाधिक लोगों को अंगदान की शपथ दिलाई जा रही है। जहां हेल्थ कैम्प के नोडल अधिकारी शिविर में आने वाले नागरिकों को प्रोत्साहित करते हुए अंगदान की शपथ दिला रहे हैं।

जिलें में 643 लोगों ने ली अंगदान की शपथ

सीएमएचओ डॉ. सामर ने बताया कि बताया कि हेल्थ कैम्पों में अधिक से अधिक नागरिक अंगदान की शपथ ले रहे है। 23 दिसंबर से अब तक 31 स्थानों पर आयोजित हेल्थ मेले में 643 लोगों ने स्वेच्छा से अंगदान की ऑनलाइन शपथ ले चुके हैं। ताकि किसी जरूरतमंद को आपके बाद आपके अंग काम आते हुए जीवन मिल सके।

 घर बैठे ले सकते हैं ऑनलाइन शपथ

जिले के नागरिक भी  घर बैठे  नेशनल ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट आर्गेनाइजेशन के लिंक https://notto.abdm.gov.in के माध्यम से अंगदान की शपथ ले सकते हैं। शपथ लेने के बाद वे अंगदान का प्रमाण पत्र डाउनलोड कर सकते हैं। इसके लिए नेशनल ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट आर्गेनाइजेशन के टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 1800114770 पर भी संपर्क कर सकते हैं।

कौन ले सकता अंगदान करने की शपथ

कोई भी व्यक्ति, स्वेच्छा से अपने किसी भी अंग और ऊतक को दान करने की शपथ ले सकता है। 18 वर्ष से कम आयु का होने की स्थिति में उनके माता पिता की सहमति आवश्यक होती हैं।

क्या है अंगदान और प्रत्यारोपण

अंग दान, किसी ऐसे व्यक्ति को अंग का उपहार है जो अंतिम चरण के अंग रोग से पीड़ित है और जिसे प्रत्यारोपण की आवश्यकता है। दान किया गया अंग मृत दाता या जीवित दाता से हो सकता है। वहीं प्रत्यारोपण सर्जिकल ऑपरेशन हैं, जिसमें मानव शरीर में एक असफल या क्षतिग्रस्त अंग को हटा दिया जाता है और उसके स्थान पर एक कार्यशील अंग लगा दिया जाता है।

हेल्थ मेले में बन रहे हैं आयुष्मान कार्ड

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. ओ पी सामर ने बताया कि जिले में आयोजित शिविरों में चिकित्सा विभाग की स्टाल पर लाभार्थियों के आयुष्मान कार्ड बनाए जा रहे हैं। जहां आने वाले लोगों की टीबी की स्क्रीनिंग भी निरंतर की जा रही है। बीपी, शुगर के रोगियों की स्क्रीनिंग व निःशुल्क जांच, टीबी के सम्भावित मरीजों की स्क्रीनिंग, एनसीडी की स्क्रीनिंग, प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत निक्षय मित्र पंजीकरण व टीबी रोगियों को पोषण कीटों का वितरण किया जा रहा है।