’शुभ लाभ का तोरण द्वार – बूंदी उत्सव’
बूंदी- अरावली पर्वतमाला में रची बसी ऐतिहासिक नगरी बूंदी को प्रकृति ने जिस दरियादिली से सुंदरता लुटाई है ,राजस्थान में उसका कोई सानी नहीं। सावन भादों में यहां के पहाड़ों पर छाई हरियाली से भरा गदरायापन और विभिन्न स्थानों से गिरने वाले झरनों की कल कल ,प्रकृति प्रेमी लोगों का सहज ही मन मोह लेती है । इस हरी भरी प्रकृति की लावणयता तब और बड़ जाती है, जब जल से भरी लबालब झीलें इन्हें अपना स्नेह प्यार से भरा अपनापन देती है ।पूरे प्राकृतिक माहौल में सुख शांति दूर-दूर तक नजर आती है।
लेकिन कहते हैं कि एक न एक दिन समय आता है तो भाग्य पलटी मारने लगता है। बूंदी के लिए भी शुभ लाभ का पहाड़ा पढ़ने वाले दिन तब आये जब वर्ष 1996 में तत्कालीन जिला कलक्टर मधुकर गुप्ता ने अपने पर्यटनी विजन से बूदी की खूबसूरत प्राकृतिक सुंदरता को निहारा और बूंदी पर्यटन के भविष्य में देख बूंदी उत्सव का आयोजन किया। पहली बार लोगों को बूंदी की सुंदरता पर गौरवांवित होने का सुखद अवसर मिला ।उद्योग मेला लगा। विभिन्न देशों के पर्यटक आए, तब से बूंदी उत्सव का हर वर्ष बड़ी शांन शौकत एवं गौरवपूर्ण तौर तरीके से आयोजित हो रहा है । बूंदी उत्सव में समय अनुसार नयापन जुड़ता रहा व गति मिलती रही ।इसमें कलेक्टर मुगधा सिंन्हा ,हेमंत गेरा , श्याम सुंदर बिस्सा का विशेष दिशा निर्देश एवं योगदान रहा।वर्तमान कलेक्टर डॉ रविंद्र गोस्वामी ने एक नवाचार किया, शोभा यात्रा में सम्मिलित प्रबुद्ध जनों से साफा पगड़ी बांधे समिलित होने को कहा जो राजस्थानी गौरव का आकर्षण रहा।साथ ही गरडदा में जहां शैलचित्र बने हुए हैं वहां विदेशी पर्यटकों को जोड़ने के लिए सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया ।
बूंदी उत्सव बूंदी शहर के साथ नैनवा लाखेरी इंदरगढ़ हिंडोली केशव राय पाटन तलवास दुगारी आदि स्थानों पर भी विभिन्न रूपों में आयोजित हो रहा है ।ग्रामीण क्षेत्र के लोग भी अब पर्यटन क्षमता के महत्व को समझने लगे और बूंदी उत्सव मे भाग लेने लगे हैं । बूंदी को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने में एक नया अध्याय जुड़ा है रामगढ़ टाइगर रिजर्व। यहां देशी विदेशी पर्यटक टाइगर एवं अन्य जीव जंतुओं को उनके स्वाभाविक स्वतंत्र रूप में देख सकेंगे।
बूंदी के लिए बूंदी उत्सव फलदार पौधा साबित हो रहा है। हाडौती में सर्वाधिक पर्यटक बूंदी आते हैं। पर्यटन अधिकारी प्रेम शंकर सैनी ने बताया कि यहां कई देशों से पर्यटक आते हैं पर मुख्यतः फ्रांस ब्रिटेन आस्ट्रेलिया जर्मनी अमेरिका आदि देशों से आते हैं । बूंदी में पर्यटकों के आते रहने से यहां का बालचंदपाडा क्षेत्र उनकी सुख सुविधाओं के लिए विकसित होने लगा है। प्राचीन हवेलियां मकान नए रंग रूप में सजने लगे हैं।कई होटल व पेइंग गेट खुल गए। बाजार में विदेशी सैलान कैमरा झुलाये घूम कर यहां लोगों से व उनकी संस्कृति से रूबरू हो रहे हैं।
बूंदी के प्रति कितना मोह विदेशी सैलानियों में जागने लगा है यह बढ़ते आंकड़ों से साबित हो रहा है। बस कोविड काल में इसमें गिरावट रही। पर्यटन अधिकारी सैनी ने जानकारी दी कि पिछले 10 वर्षों में वर्ष 2013 में 15740 वर्ष 2014 में 15085 वर्ष 2015 में 15360 वर्ष 2016 में 15420 वर्ष 2017 में 16442 वर्ष 2018 में 16534 वर्ष 2019 में 14660 वर्ष 2020 में 4183 वर्ष 2021 में 52 वर्ष 2022 में 2379 और वर्ष 2023 अक्टूबर तक 5330 विदेशी पर्यटक आए हैं।साथ ही बड़ी संख्या में भी देशी पर्यटकों कीआवाजाही बनी रहती है ।विदेशी पर्यटको को बूंदी की पर्यटन क्षमता से जोड़ने तथा यहां के जन-जन मे बूंदी के पर्यटन के प्रति आकर्षण जागरूक करने और रोजगार के नए दरवाजे खोलने के लिए बूंदी उत्सव का आयोजन चल रहा है।
गढ़गणेश की पूजा अर्चना के बाद बूंदी उत्सव की शोभायात्रा प्रस्थान करती है जिसमें जिला प्रशासन से जुड़े अधिकारी प्रबुद्ध जन समाजसेवी विभिन्न धर्मो के धर्म गुरु सरकारी कर्मचारी विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों से जुडे़ स्टूडेंट्स सम्मिलित होते हैं। गाजेबाजे से निकलने वाली शोभा यात्रा में हाथी घोड़ा झांकियां विभिन्न कला के कलाकार और विदेशी नागरिक होते हैं।इस शोभा यात्रा को शहर के लोग बड़ी रुचि व गर्व से देखते हैं । जो 4 किलोमीटर का सफर तय कर पुलिस लाइन या खेल संकुल के मैदान में पहुंची है जहां विभिन्न खेलकूद कार्यक्रम एवं प्रतियोगिताएं होती है । दिन में मटकी दौड़ रस्साकसी, घुड दौड़, साफा बांध व, मूछ प्रतियोगिता आदि संपन्न होती है ।
संध्या को दीपदान एवं चौरासी खभों की छतरी पर व नवल सागर झील किनारे सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं। विदेशी पर्यटकों का सुख महल में मानमनुहार कार्यक्रम होता है ।जहां उनका माला पहना,साफा बांध कर तथा महिलाओं को रक्षा सूत्र बांध चूड़ी पहनाकर कर सम्मान किया जाता है। सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं ।अंत में कत्त बाफले का स्वादिष्ट भोजन का कार्यक्रम होता है ।बूंदी उत्सव के विभिन्न कार्यक्रमो से विदेशी पर्यटकों का मन प्रफुल्लित हो जाता हैं।
सच तो यह है कि बूंदी राजस्थान में पर्यटन नगरी के रूप में अपनी पहचान बना रही है। जैसे-जैसे अन्य विभिन्न प्रकार की सुविधाओं का विस्तार होगा वैसे-वैसे सैलानियों कि बूंदी यात्रा और अधिक आकर्षित साबित होगी।