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बूंदी चिकित्सालय में 10 दिन पहले बिछुड़ा नेत्रहीन युवक  परिजनों से मिला

बूंदी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com-बूंदी चिकित्सालय से 10 दिन पहले परिजनों से बिछुड़ा हुआ नेत्रहीन अजीत सिंह आखिर गुरुवार रात वापस अपने परिजनों को मिल गया। 10 दिन बाद अपने बिछड़े हुए बेटे से मिलकर मां की आँखे छलछला उठी। पिछले 10 दिन से अजीत सिंह की मां ने खाना नहीं खाया था और पिता छीतर सिंह की आंखों के आंसू भी सूख चुके थे। अजीत सिंह की एक वर्ष पहले दुर्घटना में दोनों आंखों की रोशनी पूरी तरह चली गयी।जिसके बाद उसकी मानसिक स्थिति भी पूरी तरह सही नहीं है।विगत 11 नवम्बर को भीलवाड़ा जिले के भीमपुरा निवासी नेत्रहीन अजीत सिंह अपनी मां के साथ बूंदी चिकित्सालय में इलाज करवाने आया था। किसी बात पर परिजनों से नाराज होकर अजीत सिंह बूंदी चिकित्सालय से चला गया। और किसी से मदद मांग कर बूंदी रेलवे स्टेशन पहुंच गया। रेलवे स्टेशन पर बूंदी से अहमदाबाद जा रहे राजस्थान बीज निगम के पूर्व निदेशक चर्मेश शर्मा और उनके साथी हरिशंकर वर्मा ट्रेन के इंतजार में जहां पर बैठे वहां पर पहले से ही नेत्रहीन अजीत सिंह बैठा हुआ था। वह बार-बार ट्रेन कितनी देर में यही पूछ रहा था।
रेलवे स्टेशन पर कांग्रेस नेता शर्मा ने दिलाया इलाज का भरोसा
चर्मेश शर्मा ने अकेले नेत्रहीन युवक को रेलवे स्टेशन पर देखा तो उससे परिवार के बारे में पूछा इस पर उसने अपने आप को अनाथ बताया और कहा कि परिवार में कोई नहीं है। अजीत सिंह ने कहा कि आप मेरी आंखों का इलाज करवा दोगे क्या? अकेले नेत्रहीन युवक को रेलवे स्टेशन पर अकेला देखकर शर्मा को लगा कि यह ट्रैन में कैसे जायेगा। दुर्घटना में इसकी जान भी जा सकती है। इसके बाद शर्मा ने अजीत सिंह को इलाज का भरोसा दिलाया और कहा कि अभी मैं अहमदाबाद जा रहा हूं एक दिन में वापस आ जाऊंगा जब तक तुम्हारे रहने खाने की व्यवस्था हो जायेगी।  और उसके बाद मैं आकर तुम्हारा इलाज करवाउंगा।
उसके बाद चर्मेश शर्मा ने उनको रेलवे स्टेशन पर छोड़कर गए कुणाल पारीक को वापस बुलवाया और इस दौरान आगरा असारवा अहमदाबाद ट्रेन भी लगभग एक घंटे लेट हो गयी। जिससे अजीत सिंह को कुणाल पारीक के साथ कुंभा स्टेडियम के सामने रैन बसेरे में भिजवा दिया और वहीं पर रुकने और भोजन अल्पाहार की व्यवस्था करवा दी। इधर अजीत सिंह के चिकित्सालय से अचानक गायब होने के बाद उसके भाई अजेंद्र सिंह ने बूंदी कोतवाली में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवा दी।
चिकित्सा के लिये बूंदी कोटा व उदयपुर ले गये
एक दिन बाद अहमदाबाद से आकर चर्मेश शर्मा ने पहले बूंदी राजकीय सामान्य चिकित्सालय के नेत्र रोग विशेषज्ञ लतीफ उल हसन को अजीत सिंह को दिखाया और चिकित्सकीय परामर्श लिया।डॉ हसन ने जांच के बाद बताया कि दोनों आंखों की रोशनी जा चुकी है। इसके बाद भी शर्मा ने हार नहीं मानी और अजीत सिंह को स्वयं अपने साथ कोटा आई हॉस्पिटल के संचालक डॉक्टर अंकित पंजाबी और डॉक्टर इंदु इंदौरिया पंजाबी को दिखाया। चिकित्सकों की टीम ने अजीत सिंह की आंखों की गहन जांच की और उन्होंने भी निष्कर्ष  निकाला कि आंखों की रोशनी वापस आने की मात्र दो प्रतिशत संभावना है। डॉ  पंजाबी ने अजीत के इलाज का कोई शुल्क नहीं लिया और जो राशि चिकित्सालय में जमा करवायी थी वह भी वापस लौटा दी। उन्होंने अजीत सिंह को मेडिकल कॉलेज  दिखाने की सलाह दी। इसके बाद शर्मा अजीत सिंह को कोटा मेडिकल कॉलेज के पूर्व अधीक्षक और मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉक्टर चंद्रशेखर सुशील के पास ले गये। डॉक्टर सुशील ने भी मानवीय आधार पर सहायता की ओर मेडिकल कॉलेज में भी दिखाया। लेकिन आंखों के इलाज से संबंधित सकारात्मक निष्कर्ष नहीं निकला। इसके बाद अजीत सिंह को बूंदी के हरिशंकर वर्मा के साथ नारायण सेवा संस्थान उदयपुर भी भिजवाया लेकिन वहां पर भी युवावस्था में किसी के नेत्रहीन होने पर चिकित्सा में असमर्थता जतायी।
कोतवाली में दर्ज किये बयान
बूंदी पुलिस उपाध्यक्ष कार्यालय में चालक मांगेराज सिंह और बूंदी कोतवाली में कार्यरत फूलचंद से अजीत सिंह की गुमशुदगी रिपोर्ट का पता चलने के बाद कांग्रेस नेता चर्मेश शर्मा गुरुवार को उसे लेकर बूंदी थाना कोतवाली पहुंचे।और कोतवाली में अजीत सिंह के बयान दर्ज किये गये और उसके बाद उसे गुरुवार रात परिजनों को सौंप दिया गया। बूंदी कोतवाली थाना अधिकारी भंवर सिंह ने भी अजीत सिंह और उनके परिजनों की समझाइश की। पहलेअजीत सिंह अपने परिजनों के साथ जाने को तैयार नहीं हो रहा था और बार-बार चर्मेश शर्मा के साथ बूंदी में ही रहने की जिद कर रहा था। बाद में शर्मा ने  भी अजीत सिंह को समझाया और कहा कि उसके इलाज में पूरी मदद करेंगे इसके बाद वह परिजनों के साथ जाने को तैयार हुआ। इस दौरान अजीत सिंह के माता-पिता के साथ उसके भाई अजेन्द्र सिंह और जीजा टवर सिंह भी कोतवाली में उपस्थित रहे।
खुशी के साथ किया रवाना
बूंदी कुंभा स्टेडियम के सामने स्थित रैन बसेरे पर जब सभी को पता लगा कि अजीज सिंह के परिवार वाले हैं तो वहां पर रहने वाले सभी लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई। इस अवसर पर पूर्व पार्षद सतीश तंबोली, इमरान देशवाली,हरिशंकर वर्मा, कुणाल पारीक, पार्षद साबिर खान अंकित बुलीवाल और रेन बसेरा में ठहरने वाले सभी लोगो ने अजीत सिंह का माल्यार्पण कर और तिलक लगाकर अभिनंदन किया और खुशी से परिजनों के साथ रवाना किया।