पंछी संस्कृति के वाहक है, इन्हें बचाने और सहेजने की परंपरा को मिलकर निभाऐं
बूंदी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com- बढ़ती हुई गर्मी में मूक पक्षियों के लिए शीतल जल व्यवस्था कर उन्हे बचाने हेतु उमंग संस्थान द्वारा सेव बर्ड्स मिशन के तहत छत्रपुरा के विभिन्न स्थानों पर परिंडे बंधवाकर उनमें पानी भरा गया। इस अवसर पर सामाजिक कार्यकर्ता एवं कथावाचक आचार्य ऋतुराज शर्मा मुख्य अतिथि रहे। गजानंद राठौर, सर्वेश्वर दयाल गौतम विशिष्ट अतिथि रहें।
संस्थान समन्वय डॉ सर्वेश तिवारी ने बताया कि ग्रीष्मकाल में पक्षियों को बचाने में सामाजिक सहभागिता बढ़ाने के उद्देश्य से संस्थान द्वारा परिंडा अभियान चलाया जा रहा है। इसी क्रम में रविवार को छत्रपुरा ग्राम में अनारकली की बावड़ी पर मुख्य अतिथि ऋतुराज शर्मा ने परिंडा बांधकर नियमित जल व्यवस्था की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति अरण्य प्रधान रही है जिसमें पेड़ पौधे, पशु पक्षी इसका अभिन्न अंग है। बेजुबान पक्षी हमारी संस्कृति के वाहक हैं, इन्हें बचाने और सहेजने की जिम्मेदारी प्रकृति की ही नहीं हमारी भी हैं, हमारे यहां प्रकृति संरक्षण की परंपरा रही है जिसे हमें मिलकर निभाना चाहिए।
इससे पूर्व समन्वयक सर्वेश तिवारी ने संस्थान द्वारा पर्यावरण संरक्षण की दिशा 14 वर्ष से संचालित अभियान की संभागियों को जानकारी दी। विशिष्ट अतिथि गजानंद राठौर, सर्वेश्वर दयाल गौतम ने कहा कि आज पर्यावरण को बचाना बहुत जरूरी है इसके लिए ऐसे अभियानों से नई पीढ़ी को भी जोड़ा जाना चाहिए। इस अवसर पर वरिष्ठ नागरिक महिलाओं के साथ बालिकाओं ने भी मिलकर अभियान में सहभागिता की तथा मंदिर प्रांगण, चौराहे व आसपास पक्षियों के निवास स्थान पर परिंडे बांधकर उनमें नियमित जल भरने का संकल्प लिया। पर्यावरण प्रेमी मनीष कलवाडिया, विष्णु गौतम, गोविन्द राठौर, केशव राठौर, गौरी, शिवा, शीतल ने उमंग संस्थान के इस सामाजिक सरोकार की सराहना करते हुए अपनी सक्रिय भूमिका निभाई।