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30 सालों बाद फिर नजर आए ऊदबिलाव

बून्दी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com- रामगढ़-विषधारी टाइगर रिजर्व के वन्यजीवों की सूची में ऊदबिलाव जैसा दुर्लभ वन्यजीव भी जुड़ गया है। पूर्व में यह जीव चंबल नदी में कोटा बेराज की अपस्ट्रीम, जवाहर सागर बांध, गांधीसागर बांध व चित्तौड़गड़ के रावतभाटा क्षेत्र की नदियों में ही दिखई देते थे। 30 सालों बाद फिर से बून्दी जिले के केशोराय पाटन क्षेत्र की सारसला पंचायत के नोतड़ा-बीरज स्थान पर चंबल नदी में जामुनिया द्वीप पर इसकी उपस्थिति देखी गई है। बून्दी के पर्यावरण प्रेमी पृथ्वी सिंह राजावत ने शुक्रवार सुबह इन दुर्लभ जलीय जीवों की गतिविधियों को देखा व ग्रामीणों से इनके संरक्षण पर चर्चा की। नदी में नाव चलाने वाले व आसपास के ग्रामीणों ने बताया कि करीब 30-32 साल पहले तक नदी में सेकड़ों की तादात में ऊदबिलाव नजर आते थे लेकिन देखते देखते ही घयब हो गए। बून्दी जिले में इस उभयचर स्तनधारी वन्यजीव के मिलने से पर्यावरण प्रेमियों में उत्साह है तथा उम्मीद है कि इससे बून्दी आने वाले पर्यटक बाघों के साथ-साथ इस दुर्लभ एवं फुर्तिले बहादुर जीव को भी देख सकेंगे। नेवले जैसा दिखने वाला यह जीव पानी में काफी फुर्तिला व मछली का माहिर शिकारी होता है। जलस्रोतों पर बढ़ती अवैध गैर-वानिकी गतिविधयां व बढ़ते शहरीकरण से दुषित होती नदियों का असर जल में रहने वाले जीवों पर घातक सिद्ध होने लगा है। स्वच्छ व बहते जल में रहने वाले ऊदबिलाव, डाॅल्फिन, घड़ियाल, कछुए, मछलियां आदि जलीय जीवों व पनचीरा जैसे पक्षियों के आश्रय स्थल छिन्न-भिन्न होने लगे हैं। राज्य एवं केंद्र सराकार को समय रहते नदियों एवं परम्परागत नम भूमि वाले जल स्रोतों को फिर से अपने मूल स्वरूप में लाने के लिए गंभीर प्रयास करने होगे ताकि बची हुई जलीय जीवों की प्रजातियों का अस्तित्व बना रहे।
चंबल में अवैध शिकार व रेत निकासी पर लगे रोक
राष्ट्रीय चंबल घड़ियाल अभयारण्य का बून्दी जिले से लगता कोटा-बून्दी का क्षेत्र 16 मई 2022 से रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र में शामिल हो गया है लेकिन अवैध रूप से जाल डालकर मछली पकड़ने वाले तथा रेत निकासी पर पूरी तरह अंकुश नहीं लग पाया है। ऊदबिलाव सहित अन्य जीवों के संरक्षण के लिए नदी क्षेत्र में अवैध गतिविधियों पर अंकुश आवश्यक है। चंबल सेंचुरी के टाइगर रिजर्व में शामिल होने से अब यह संरक्षित क्षेत्र घोषित हो गया है। वन विभाग ने जामुनिया सहित अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में चोकियां बनाने व संसाधन बढाकर सुरक्षा बढा दी है। उम्मीद है कि नदी क्षेत्र में अवैध रूप से चल रही गैर वानिकी गतिविधियों पर रोक लगेगी तथा ऊदबिलाव का कुनबा चंबल से होते हुए जिले की मेज, कुरेल व अन्य नदियों तक भी पहुंचेगा।

इनका कहना है
चंबल में बोट से होगी गश्त, बनेगा वाच टावर
टाइगर रिजर्व क्षेत्र में आने वाले चंबल नदी के इलाके में जल्दी ही बोट से गश्त की व्यवस्था कर रहे हं। नदी पर वाच टावर का निर्माण भी कराया जाएगा ताकि 24 घंटे निगरानी रखी जा सके। ऊदबिलाव सहित अन्य जीवों की सुरक्षा के लिए वन कर्मियों की नियमित गश्त जारी है।
संजीव शर्मा, उपवन संरक्षक एवं उप क्षेत्र निदेशक,रामगढ़-विषधारी टाइगर रिजर्व