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25 वर्षों से मानदेय कर्मी के रूप में कार्यरत हैं आंगनबाड़ी कार्मिक

बून्दी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com>> अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर 25 वर्षों से मानदेय कर्मी के रूप में कार्यरत आंगनबाड़ी कार्मिकों का रोष उस समय फट पड़ा, जब उन्हें मनरेगा संविदा कर्मियों को नियमित करने का फैसला सुना। आंगनबाड़ी कार्मिकों ने संयुक्त रूप से अपनी आवाज उठते हुए कहा कि सरकार ने एक बार फिर आंगनवाड़ी में कार्य कर रही महिला कार्मिकों के साथ विश्वासघात किया है। अखिल राजस्थान महिला बाल विकास सहित कर्मचारी संघ (एकीकृत) की संभाग अध्यक्ष सुमन जैन ने पिछले वर्ष सरकार द्वारा पंचायत सहायकों को नियमित करने और अब मनरेगा संविदा कर्मियों को नियमित करने के फैसले को आंगनबाड़ी कार्मिकों के साथ सरकार का धोखा बताया। इन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा भी 2018 में कार्मिकों को स्थाई करने के आदेश की पालना भी सरकार नहीं कर रही हैं।

वहीं राजस्थान आंगनबाडी कर्मचारी संघ की जिलाध्यक्ष शैवाली भटनागर ने कहा कि सभी आंगनबाड़ी कार्मिक सरकार के इस दौयम व्यवहार के कारण अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का विरोध करती हैं। सरकार हो दोहरी नीति अपनाते हुए मनरेगा के 4966 कार्मिको को नियमित कर रही हैं, लेकिन 30-32 साल से काम कर रही हैं आँगनबाग कर्मचारियों को स्थाईकरण नहीं किया जा रहा हैं। भटनागर ने कहा कि घोषणा पत्र में भी सरकार ने 13000 से 15000 मानदेय की घोषणा की थी किन्तु मात्र राज्य की तनख्वाह पर 456 बढ़ा कर इतिश्री कर ली। आंगनबाड़ी कार्मिक आने वाले लोक सभा चुनाव में सरकार को अपनी मातृ शक्ति की ताकत दिखाएंगी। इस दौरान मुख्य मोनिका दाधीच, बीना पाराशर, हेमलता जी, उषा कुमावत, मीना कंवर, शबनम, मीनाक्षी परिहार और चेतना हाडा सहित कई आगंनबाड़ी कायकर्मक मौजूद रही।