मध्य प्रदेश

आंतरिक स्थिति पर अधिक निर्भर है आनन्द – अखिलेश अर्गल

ग्वालियर.Desk/ @www.rubarunews.com- आनंद विभाग मध्य प्रदेश राज्य आनंद संस्थान द्वारा ग्वालियर जिले के 50 आनंदकों के लिये पांच दिवसीय ऑनलाइन अल्पविराम कार्यक्रम भोपाल से मुकेश करुआ के पर्यवेक्षण में जिला ग्वालियर के ट्रेनिग कॉर्डिनेटर विजय कुमार (उपमन्यु ) डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम लीडर (आनन्द) के साथ मास्टर ट्रेनर लखन लाल असाटी छतरपुर के मार्गदर्शन में, मास्टर ट्रेनर डॉ. वीणा सिंह मंदसौर से , श्रीमती मनीषा कांबले कटनी से ; श्रीमती वर्णा श्रीवास्तव विदिशा से एवं ग्वालियर से सुनील चोपड़ा आनंदम सहयोगी द्वारा विभिन्न आनंद सत्रों का संचालन किया गया । मास्टर ट्रेनर दीप्ति उपाध्याय , ई. ए. के. शर्मा एवं आनंदम सहयोगी भारती शाक्य , तृप्ति शर्मा , गजेन्द्र सरकार द्वारा प्रदत सहयोगी भूमिका का निर्वहन किया गया ।
म. प्र.राज्य आनन्द संस्थान के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अखिलेश अर्गल ने शुभारम्भ अवसर पर कहा कि हमारे जीवन में खुशी मन की आंतरिक स्थिति पर अधिक निर्भर करती है , परन्तु व्यक्ति उसे बाहरी परिस्थितियों में तलाशता है । अल्पविराम का प्रयोग हमें आनन्द की अनुभूति की ओर अग्रसर करता है । जरूरी नहीं है कि सफल होने पर ही खुशियां कदम चूमे हमारे संपूर्णता में किए गए प्रयास भी हमें आनन्द देते हैं ।
पांच दिवस में अल्पविराम में नई थीम के साथ आनन्द सत्र आनन्द की ओर ; जीवन का लेखा- जोखा: मदद , कृतज्ञता, माफ़ी मांगने, क्षमा करने के संतुलन; एवं सत्र हमारे रिश्ते ; परिवर्तन की प्रक्रिया संपर्क,सुधार, दिशा ; एवं फ्रीडम ग्लास तथा मौन की शक्ति पर सत्रों का 24 से 28 मई तक संचालन किया गया । जो आनंदकों को जीवन में आनंद प्राप्त करने और जीवन में तनाव से मुक्ति का माध्यम भी बना। इस दौरान सहभागी आनंदको को अपने अनुभव साझा करने के अवसर प्रदान किए गए ।

समापन अवसर पर मार्गदर्शक मास्टर ट्रेनर लखन लाल असाटी ने अपने सम्बोधन में कहा कि हम सभी को आईना पसन्द है । जब हम दूसरों को आईना दिखाने की कोशिश करते हैं तो बात अलग होती है और जब खुद अपनी मर्जी से देखते हैं तो बात अलग होती है । खुद से बात करना और मुलाकात करना चुनौतियों भरा लगता है । हमें खुद को आईना दिखाना है क्योंकि खुद के सम्पर्क में लाना ही अल्पविराम का लक्ष्य है ।
प्रेरणा गीत के बाद सभी सहभागी आनन्दको द्वारा अपने जीवन में शान्त समय के अभ्यास को अपनाने का संकल्प लिया गया ।