अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा अंबेडकर सर्किल

बाबा साहब की जन्म जयंती पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम मात्र औपचारिकता नहीं होती तो लंका गेट के बाहर स्थित अंबेडकर सर्किल अपनी बदहाली पर आंसू नहीं बहा रहा होता। एक तरफ चौराहे के मध्य सर्किल में बाबा साहब की आदमकद प्रतिमा मौजुद है, वहीं चौराहे के चारों तरफ स्थाई और अस्थाई अतिक्रमण सहित गंदगी के ढ़ेर लगे हुए है। प्रतिमा पर बने सर्किल की टूटी हुई रैंलिंग और रैलिंग पर सूखें हुए कपड़े इसकी दुर्दशा को बयान करते है। सर्किल से लंकागेट की तरफ वाले रोड़ के दोनों तरफ 30 फीट से भी ज्यादा अतिक्रमण कर दुकानदारों ने अपना सामान फैला कर रखा है। वहीं पुरानी धानमंडी की ओर स्थित नालें की स्थिती नगर परिषद् के सफाई दस्तें की बेरूखी को बयान करती है। नाले में फैली गंदगी देख कर कोई भी कह सकता हैं कि नाले की सफाई कई महीनों से नहीं हुई है। जबकि नगर परिषद ने सफाई अभियान चला कर पूरे शहर को गंदगी मुक्त करने का दावा कर रही है। वहीं नाले के किनारे हो रहे अतिक्रमण भी इसकी सफाई में बाधक बने हुए है। वहीं क्षेत्रवासी दुकानदारों का कहना हैं कि चौराहे पर हो रहे अतिक्रमणों के चलते पक्की दुकाने दबी हुई नजर आती हैं। सिलोर रोड़ की तरफ कहीं बार जाम जैसे हालात बन जाते हैं। यहां यातायातकर्मियों की कमी भी और अतिक्रमण हादसों का कारण बने रहते है।
कायाकल्प के नाम पर मिलते है कोरे आश्वासन
इस सर्किल पर वर्ष में तीन बार अंबेडकर जयंति, परिनिर्वाण दिवस और संविधान दिवस पर प्रशासनिक और सामाजिक संस्थाओं द्वारा कार्यक्रमों का आयोजन कर बाबा साहब को श्रद्धांजलि दी जाती हैं, और कायाकल्प के बड़े बडे आश्वासन दिए जाते हैं, लेकिन वे सब समय निकलने के बाद हवा हवाई हो जाते हैं। रह जाता हैं तो आंसू बहाता अंबेडकर सर्किल, जो अपनी बदहाली के लिए प्रशासन और अपने अनुयायियों को कोसता रहता है। डॉ.भीमराव अंबेडकर कल्याण समिति के जिलाध्यक्ष बाबू लाल वर्मा बताते हैं कि चौराहे के सौंदर्यीकरण और अतिक्रमणों को हटाने के लिए कई बार नगर परिषद सभापति आयुक्त और जिला प्रशासनिक अधिकारियों को अवगत करवाया गया हैं, लेकिन कार्यवाही और कायाकल्प के नाम पर कोरे आश्वासन के अलावा अब तक कुछ नहीं हुआ है।
अंबेडकर कल्याण समिति चौराहे को गोद लेने को तैयार , लेकिन परिषद की नहीं कोई रूचि
जिलाध्यक्ष बाबू लाल वर्मा ने कहा कि अंबेडकर सर्किल की दुर्दशा को देख कर इसके कायाकल्प के लिए समिति इस चौराहे को गोद लेने को तैयार हैं। इसके लिए कई मर्तबा नगर परिषद् के लिखित दे चुके हैं, लेकिन गोद देने में नगर परिषद न कोई रूचि दिखा रहा हैं और नहीं इसके सौंदर्यीकरण में। कार्याकल्प के स्थान पर लगातार बढ़ते अतिक्रमण और गंदगी के ढ़ेर चौराहे की बदहाली को बढ़ा रहे है। पूर्व में आयोजित अंबेडकर जयन्ति के कार्यक्रम में मौजूद पूर्व सभापति मधु नुवाल और पूर्व मंत्री हरिमोहन शर्मा ने 1 वर्ष में अंबेडकर सर्किल के कार्याकल्प की बात कही थी, लेकिन समय बीत जाने के बाद आज तक कोई कार्य यहां नहीं हुआ है।
स्टील की रैंलिंग लगवाने और सीढ़ियों के निर्माण की कर चुके हैं मांग
एडवोकेट उमेश आर्य ने बताया कि डॉ. अंबेडकर शैक्षिक जागृति एवं अधिकार समिति और डॉ. अंबेडकर मेमोरियल वेलफेयर सोसायटी द्वारा भी जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंप कर सर्किल की दुर्दशा को सुधारने सहित स्टील की रैंलिंग लगवाने और सीढ़ियों के निर्माण की मांग की जाती रही है
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अंबेडकर सर्किल पर लगे गंदगी के ढ़ेर और अतिक्रमण के चलते प्रतिमा की छवि धुमिल हो रही है। देखरेख के अभाव में रैंलिंग टूटी हुई हैं, प्रतिमा का कलर उड़ चुका है। कायाकल्प के नाम पर केवल कोरे आश्वासन ही मिल रहे है।
बाबू लाल वर्मा, जिला अध्यक्ष, अंबेडकर कल्याण समिति
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आने वाले समय में भाजपा द्वारा सर्किल के कायाकल्प को लेकर योजना तैयार की जा रही है आने वाले समय में इसका नया स्वरूप सभी को नजर आएगा।
रामेश्वर मीणा भाजपा जिला अध्यक्ष बूंदी
कायाकल्प के नाम पर मिलते है कोरे आश्वासन
इस सर्किल पर वर्ष में तीन बार अंबेडकर जयंति, परिनिर्वाण दिवस और संविधान दिवस पर प्रशासनिक और सामाजिक संस्थाओं द्वारा कार्यक्रमों का आयोजन कर बाबा साहब को श्रद्धांजलि दी जाती हैं, और कायाकल्प के बड़े बडे आश्वासन दिए जाते हैं, लेकिन वे सब समय निकलने के बाद हवा हवाई हो जाते हैं। रह जाता हैं तो आंसू बहाता अंबेडकर सर्किल, जो अपनी बदहाली के लिए प्रशासन और अपने अनुयायियों को कोसता रहता है। डॉ.भीमराव अंबेडकर कल्याण समिति के जिलाध्यक्ष बाबू लाल वर्मा बताते हैं कि चौराहे के सौंदर्यीकरण और अतिक्रमणों को हटाने के लिए कई बार नगर परिषद सभापति आयुक्त और जिला प्रशासनिक अधिकारियों को अवगत करवाया गया हैं, लेकिन कार्यवाही और कायाकल्प के नाम पर कोरे आश्वासन के अलावा अब तक कुछ नहीं हुआ है।
अंबेडकर कल्याण समिति चौराहे को गोद लेने को तैयार , लेकिन परिषद की नहीं कोई रूचि
जिलाध्यक्ष बाबू लाल वर्मा ने कहा कि अंबेडकर सर्किल की दुर्दशा को देख कर इसके कायाकल्प के लिए समिति इस चौराहे को गोद लेने को तैयार हैं। इसके लिए कई मर्तबा नगर परिषद् के लिखित दे चुके हैं, लेकिन गोद देने में नगर परिषद न कोई रूचि दिखा रहा हैं और नहीं इसके सौंदर्यीकरण में। कार्याकल्प के स्थान पर लगातार बढ़ते अतिक्रमण और गंदगी के ढ़ेर चौराहे की बदहाली को बढ़ा रहे है। पूर्व में आयोजित अंबेडकर जयन्ति के कार्यक्रम में मौजूद पूर्व सभापति मधु नुवाल और पूर्व मंत्री हरिमोहन शर्मा ने 1 वर्ष में अंबेडकर सर्किल के कार्याकल्प की बात कही थी, लेकिन समय बीत जाने के बाद आज तक कोई कार्य यहां नहीं हुआ है।
स्टील की रैंलिंग लगवाने और सीढ़ियों के निर्माण की कर चुके हैं मांग
एडवोकेट उमेश आर्य ने बताया कि डॉ. अंबेडकर शैक्षिक जागृति एवं अधिकार समिति और डॉ. अंबेडकर मेमोरियल वेलफेयर सोसायटी द्वारा भी जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंप कर सर्किल की दुर्दशा को सुधारने सहित स्टील की रैंलिंग लगवाने और सीढ़ियों के निर्माण की मांग की जाती रही है
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अंबेडकर सर्किल पर लगे गंदगी के ढ़ेर और अतिक्रमण के चलते प्रतिमा की छवि धुमिल हो रही है। देखरेख के अभाव में रैंलिंग टूटी हुई हैं, प्रतिमा का कलर उड़ चुका है। कायाकल्प के नाम पर केवल कोरे आश्वासन ही मिल रहे है।
बाबू लाल वर्मा, जिला अध्यक्ष, अंबेडकर कल्याण समिति
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आने वाले समय में भाजपा द्वारा सर्किल के कायाकल्प को लेकर योजना तैयार की जा रही है आने वाले समय में इसका नया स्वरूप सभी को नजर आएगा।
रामेश्वर मीणा भाजपा जिला अध्यक्ष बूंदी