राजस्थान

झंडा फहराने के साथ उसके गौरव व मर्यादा का भी रखें पूरा ध्यान : यादव

बून्दी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com>> – आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रमों की श्रंखला में उमंग संस्थान के तत्वावधान में एक दिवसीय ध्वज संहिता प्रशिक्षण कार्यशाला का पुलिस ऑडिटोरियम पर आयोजन किया गया। हर घर तिरंगा अभियान के संदर्भ में आयोजित कार्यशाला में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव अपर जिला व सेशन न्यायाधीश सुनील कुमार यादव मुख्य अतिथि रहे व मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी तेजकंवर व वरिष्ठ अधिवक्ता राजकुमार दाधीच विशिष्ट अतिथि थे । इस अवसर पर अध्यक्षता इतिहासकार डॉ एस एल नागौरी ने की।

 

प्रशिक्षण कार्यशाला के सैद्धांतिक सत्र का शुभारंभ ध्वजारोहण के साथ राष्ट्रगान से हुआ। न्यायाधीश यादव ने ध्वजारोहण के साथ , ध्वज संहिता 2002 व राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम 1971 पर प्रकाश डाला उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिम्मेदार नागरिक का दायित्व है कि वह अपने अधिकारों के साथ कर्तव्य बोध से प्रेरित हो राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे के प्रति उसी प्रकार का श्रद्धा भाव हमारे मन में हो जैसा हम अपने धर्म ग्रंथ के प्रति रखते हैं तो ध्वज संहिता के अनेक प्रावधान सहजता से आत्मसात किए जा सकते हैं। ध्वज के सम्मान में होने वाली भूल के संदर्भ में 3 वर्ष तक की सजा का प्रावधान किया गया है अतः हमारा दायित्व है कि हम राष्ट्रीय ध्वज को फहराने के साथ उसके गौरव व मर्यादा का ध्यान रखें। राष्ट्रीय ध्वज को जलाना, कुचलना, उस पर कुछ लिखना, उसके किसी भी भाग का विलोपन, उसे सजावट के लिए या गणवेश के रूप में प्रयोग करना स्पष्ट रूप से वर्जित है। किसी भी स्थिति में राष्ट्रीय ध्वज जमीन से छूना नहीं चाहिए, अन्य झंडे को राष्ट्रीय ध्वज से ऊपर या ऊंचा नहीं लगाया जाए। उन्होंने ध्वज संहिता के आमजन को ज्ञान होने की आवश्यकता पर बल दिया।

विशिष्ट अतिथि तेज कंवर ने राष्ट्रीय ध्वज फहराने व उसकी मर्यादा के संबंध में जन जन तक पहुंचाने की दिशा में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका बताई। आयोजन की सार्थकता बताते हुए उन्होंने शैक्षणिक पृष्ठभूमि में राष्ट्रीय ध्वज की महत्ता की जानकारी दी। दाधीच ने इस अवसर पर आजादी के महासमर में तिरेंगे से जुड़ी भावनाओं का सजीव चित्रण करते हुए इसे जनजन की भावनाओं व श्रद्धा का प्रतीक बताया उन्होंने इससे जुड़े कानूनी प्रावधानों की जानकारी दी। अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ नागौरी ने तिरंगे के विकास के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए इसकी अभिकल्पना हुआ अंतर्निहित संदेशों को स्पष्ट किया, उन्होंने कहा कि भावी पीढ़ी राष्ट्र ध्वज व राष्ट्रीय गौरव के प्रति जागृत हो यह समय की महती आवश्यकता है।

प्रायोगिक सत्र में एडवांस यूनिट लीडर महावीर सोनी, राष्ट्रपति रोवर कृष्णकांत राठौर व सर्वेश तिवारी ने राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे के फहराने, ध्वजारोहण, ध्वजअवतरण, ध्वज को समेटने की प्रक्रिया सहित, ध्वज दंड व ध्वज शिष्टाचार के संबंध में प्रायोगिक प्रक्रिया का प्रदर्शन किया। इससे पूर्व संस्था अध्यक्ष डॉ सविता लोरी उपाध्यक्ष विनोद कुमार गौतम, नरेंद्र शर्मा, राकेश माहेश्वरी ने अतिथियों का माल्यार्पण किया। उपाध्यक्ष लोकेश जैन ने स्वागत उद्बोधन व सचिव कृष्णकांत राठौर ने प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। आयोजन समिति के डॉ अभिलेश शर्मा, गणेश कंवर, जयसिंह, कुश जिंदल व गुरमीत ने स्मृति चिन्ह भेंट किए। कार्यशाला का समापन राज्यपाल रोवर आतिश वर्मा द्वारा ध्वज अवतरण के साथ हुआ। कार्यशाला का संचालन समन्वयक सर्वेश तिवारी ने किया। प्रभारी अनुराधा जैन ने आभार प्रकट किया।

कार्यशाला के सफल आयोजन में पुलिस विभाग, अग्रवाल आई हॉस्पिटल, जेसीआई, नेहरू युवा केन्द्र, आइपा संगठन, स्काउट गाइड, चंबल नर्सिंग कॉलेज, कम्प्यूटर संघ,हेडगेवार शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान,जिला विधिक सेवा प्राधिकरण व शिक्षा विभाग का विशेष सहयोग रहा। आयोजन में विधिक सेवा से चंद्रवीर सिंह सोलंकी, नर्सिंग प्रशिक्षक दीपक शर्मा, सामाजिक कार्यकर्ता नंदनी विजय शिक्षण संस्था प्रतिनिधि लोकेश सुखवाल, राजेश पब्बी, पियूष शर्मा राधेश्याम साहू, सुरेश जैन, जय सिंह, सीताराम, पृथ्वीराज सहित प्रशिक्षणार्थी संभागियों ने सहभागिता की।