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टाउ टे तूफान के बाद अब कई राज्यो पर गहराने लगा है , सुपर साइक्लोन यास का खतरा ,

नईदिल्ली.Desk/ @www.rubarunews.com- देश में बीते दिनों में टाउ टे तूफान ने दस्तक दी थी और अभी उसके नुकसान से देश उभरा भी नह था ,की बंगाल की खाड़ी में उठने वाला चक्रवाती तूफान यास का खतरा सामने आगया है। देश के पूर्वी तटीय क्षेत्रों में चक्रवाती तूफान यास का असर पहले से ही दिखना शुरू होगया है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने जानकारी दी कि बंगाल की खाड़ी के पूर्वी मध्य क्षेत्र में बना निम्न दबाव के कारण यह चक्रवाती तूफान में तब्दील हो गया है अगले 12 घंटे में तेजी से असर होने और 24 घंटे में भीषण चक्रवाती तूफान में बदलने का अनुमान लगाया गया है।

26 , 27 व 28 मई को कई पुर्वी राज्यो और देश भर इसके आने का अनुमान लगाया जारहा है । देश के ओडिशा ओर पश्चिम बंगाल के पूर्वी इलाको में बारिश और तेज हवाएं चलने लगी है।
यास तूफान का सबसे अधिक असर पुर्वी क्षेत्रो पाए पड़ने के कारण पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपनी तैयारो के बारे में बताते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में 4000 रिलीफ सेंटर बना दिये गए हैं और 1000 पावर रिस्टोरेशन टीम और 450 टेलीकॉम रिस्टोरेशन भी तैयार है, करीबन 10 लाख लोगों को सुरक्षित रखने का टारगेट है।

केंद्र सरकार भी तैयारियों पर नजर वनाये हुए हैं, सोमवार को ग्रह मंत्री ने आंध्र प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल के मुख्‍यमंत्रियों और पुडुचेरी के उप-राज्‍यपाल संग बैठक की।

सरकार अनुसार सुपर साइक्लोन यास से बचने के लिए कोलकाता में 74 पंपिंग स्टेशन की जांच की गई और दूसरी और ओडिशा के 8 जिलों में चक्रवात यास को लेकर रेड वार्निंग जारी करदी गई है।

वायुसेना ने NDRF की टीमों को भी तैनात करदिया है और 26 हेलिकॉप्टर को स्टैंड बाय पर भी रखा गया है जो हर सम्भव मदद के लिए तैयार है। IMD के मुताबिक, चक्रवात का सबसे ज्‍यादा असर तटीय ओडिशा और पश्चिम बंगाल में देखने को मिलेगा और तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में भी इसका असर पड़ सकता है इसके अलावा झारखंड और केरल के तटवर्ती इलाकों के कुछ हिस्‍से भी तक्रवाती तूफान से बारिश और तेज हवाएं चल सकती है।